Rajiv Gandhi's assassin will be released: सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या के मामले में महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है। शीर्ष अदालत ने उम्रकैद की सजा काट रहे दोषियों में से एक 'एजी पेरारिवलन' को रिहा करने का आदेश दिया है। कोर्ट का इस फैसले के बाद नलिनी श्रीहरन, मरुगन, एक श्रीलंकाई नागरिक सहित मामले में अन्य 6 दोषियों की रिहाई की उम्मीद भी जग गई है। राजीव गांधी हत्याकांड मामले में 7 लोगों को दोषी ठहराया गया था। कोर्ट ने सभी दोषियों को मौत की सजा सुनाई गई थी। हालांकि, साल 2014 में सुप्रीम कोर्ट ने इसे आजीवन कारावास में बदल दिया था।
अनुच्छेद 142 विशेषाधिकार के तहत फैसला
सुप्रीम कोर्ट ने रिहाई के लिए अनुच्छेद 142 विशेषाधिकार के तहत यह फैसला सुनाया है। इस मामले में दया याचिका राज्यपाल और राष्ट्रपति के बीच लंबित रहने पर शीर्ष अदालत ने बड़ा कदम उठाया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि राज्य कैबिनेट का फैसला राज्यपाल पर बाध्यकारी है। सभी दोषियों की रिहाई का रास्ता खुला हुआ है।
10 मई को सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई कर फैसला सुरक्षित रखा था
पेरारीवलन फिलहाल जमानत पर रिहा हैं। उसने याचिक में कहा था कि वह 31 साल से जेल में बंद है इसलिए रिहा किया जाना चाहिए। 2008 में तमिलनाडु कैबिनेट उसे रिहा करने का फैसला किया था, लेकिन राज्यपाल ने मामले को राष्ट्रपति के पास भेज दिया था, तभी से रिहाई का मामला लंबित था। 10 मई को सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई कर फैसला सुरक्षित रखा था। जिसके बाद कोर्ट ने बुधवार को रिहा करने का फैसला सुनाया।
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