सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या के मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहे दोषियो को जेल से रिहाई करने का आदेश दिया है। राजीव गांधी हत्याकांड में उम्रभर के लिए जेल में बंद नलिनी और आरपी रविचंद्रन सहित छह आरोपियों को सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर रिहा किया जाएगा। राजीव गांधी के मर्डर केस में सज़ा काट रही नलिनी श्रीहरन और आर.पी. रविचंद्रन ने समय से पहले रिहाई की मांग को लेकर शीर्ष अदालत का दरवाज़ा खटखटाया था।
रिहाई को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा
सुप्रीम कोर्ट ने राजीव गांधी हत्याकांड में आजीवन कारावास में बंद नलिनी श्रीहरन और आर.पी. रविचंद्रन को समय से पहले रिहा करने का शुक्रवार को आदेश दिया। न्यायाधीश बी.आर. गवई और न्यायाधीश बी.वी. नागरत्ना की पीठ ने कहा कि मामले के दोषियों में से एक आरोपी ए.जी. पेरारिवलन के मामले में शीर्ष अदालत का पहले दिया गया फैसला इन दोनों के मामले में भी लागू होता है।
30 साल की सजा के बाद पेरारिवलन को मिली थी रिहाई
संविधान के अनुच्छेद-142 के तहत मिली शक्ति का इस्तेमाल करते हुए, सुप्रीम कोर्ट ने 18 मई को पेरारिवलन को रिहा करने का आदेश दिया था, जिसने 30 साल से अधिक जेल की सज़ा पूरी कर ली थी। बता दें कि 21 मई 1991 की रात राजीव गांधी की तमिलनाडु के श्रीपेरुंबदूर में एक चुनावी सभा के दौरान हत्या कर दी गई थी। इसके लिए धानु नाम की एक महिला आत्मघाती हमलावर का इस्तेमाल किया गया था। इस पूरी साजिश में नलिनी की को मृत्युदंड की सजा सुनाई गई थी जिसे 2001 में यह देखते हुए उम्र कैद में बदल दिया गया था कि उसकी एक बेटी भी है।
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