Rajat Sharma’s Blog : पाकिस्तान में हालात बेकाबू
अपने घर में आग लगी हो तो आप उसे बुझा सकते हैं लेकिन पड़ोसी के घर में आग लगी हो और पड़ोसी दुश्मन हो तो उस आग की गर्मी परेशान करती है।
पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को मंगलवार को पाक रेंजर्स की एक टुकड़ी ने गिरफ्तार कर लिया जिसके बाद पूरे देश हंगामा मच गया और चारों तरफ अफरा-तफरी मच गई। रेंजर्स ने इमरान खान को धक्का दिया और उनकी गर्दन को पकड़कर घसीटा। उन्हें एक बख्तरबंद गाड़ी में इस्लामाबाद हाईकोर्ट पररिसर से दूर ले जाया गया। इस कार्रवाई के दौरान पाक रेंजर्स जबरन हाईकोर्ट परिसर में घुस गए, जवानों ने खिड़की के शीशे तोड़ दिए पूर्व प्रधानमंत्री को गिरफ्तार कर लिया। इसके तुरंद बाद पाकिस्तान के लगभग सभी प्रमुख शहरों में देर रात तक घटनाएं या आगजनी और पत्थरबाजी हुई। मरान को अल-कादिर यूनिवर्सिटी ट्रस्ट के माध्यम से मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े भ्रष्टाचार के मामले में गिरफ्तार किया गया है। मंगलवार की रात उन्हें पुलिस लाइन में रखा गया और डॉक्टरों की टीम ने उनके स्वास्थ्य की जांच की।
इमरान खान के केस में इस बात की कोई वैल्यू नहीं कि उन्हें किस केस में गिरफ्तार किया गया है। सारा पाकिस्तान जानता है कि शहबाज शरीफ की सरकार ने इमरान के खिलाफ 121 मामले दर्ज किए हैं। कई बार उन्हें गिरफ्तार करने की कोशिश की गई। लेकिन कभी इमरान खान के समर्थकों ने रोक दिया तो कभी अदालत ने। इस बार इमरान को उठाने का पूरा प्लान ISI ने बनाया। रेजर्स ने पूरी प्लानिंग के साथ इमरान को गिरफ्तार किया। ISI इमरान को लेकर इतनी आक्रामक क्यों है ? ये कोई रहस्य नहीं है। इमरान खान कई दिनों ने ISI के मेजर जनरल फैसल नसीर पर आरोप लगा रहे हैं। मेजर जनरल को डर्जी हैरी कहते हैं और इमरान ने कई बार कहा कि डर्टी हैरी ने दो बार उनकी हत्या कराने की कोशिश की। अब मेजर जनरल इमरान को झूठा और फर्जी साबित करना चाहते हैं। मंगलवार को उन्होंने दिखा दिया कि इमरान खान पैर में गोली लगने की वजह से व्हील चेयर पर चलते थे लेकिन वो अपने पैरों पर चलकर पुलिस की गाड़ी में बैठे या कहें उन्हें पैरों पर चला कर रेंजर्स ने पुलिस की गाड़ी में बैठाया। अब ISI के मेजर जनरल यह साबित करने की कोशिश करेंगे कि इमरान खान के पैर में कोई गोली-वोली नहीं लगी, ये सब ड्रामा था। इमरान को ISI ने गिरफ्तार करवाया, लेकिन इसमें शहबाज शरीफ की पूरी भूमिका है।
जिन रेंजर्स ने इमरान खान को कोर्ट रूम की खिडकियों के शीशे तोड़ कर कॉलर पकड़कर घसीटा वो पाकिस्तान के गृह मंत्री के लिखित आदेश के बगैर एक्शन नहीं लेते। लेकिन जिस अंदाज में इमरान खान को गिरफ्तार किया गया उससे उन्हें जनता की सहानुभूति मिलेगी। जब लोग सड़कों पर उतरेंगे, हिंसा होगी, तो हालात और बिगड़ेंगे। दुख की बात ये है कि हालात को संभालने वाला कोई नहीं है। क्योंकि पाकिस्तान की फौज इस वक्त शहबाज शरीफ के साथ है और पाकिस्तान की न्यायपालिका इमरान खान के साथ है। दोनों एक दूसरे से स्कोर सैटल करने में लगे हैं। इसलिए पाकिस्तान में स्थिति और बिगड़ेगी। जहां तक भारत का सवाल है तो पड़ोस में अस्थिरता हमारे लिए अच्छी नहीं है। अपने घर में आग लगी हो तो आप उसे बुझा सकते हैं लेकिन पड़ोसी के घर में आग लगी हो और पड़ोसी दुश्मन हो तो उस आग की गर्मी परेशान करती है।
द केरल स्टोरी : फिल्म देखनेवालों को पीटना अपराध
पश्चिम बंगाल के हावड़ा के बेलूर स्थित रंगोली मॉल में पुलिस ने 'द केरल स्टोरी' फिल्म देखने पहुंचे लोगों को थिएटर से घसीटकर बाहर निकाल दिया। दिलीप घोष सहित भाजपा के अन्य नेताओं ने इस कार्रवाई की निंदा की। महाराष्ट्र में एनसीपी नेता जितेंद्र आव्हाड ने फिल्म निर्माताओं के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। 'द केरल स्टोरी' को लेकर इतनी सियासत ना होती अगर कर्नाटक में चुनाव ना होते। अगर चुनाव प्रचार के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसका जिक्र ना करते तो यह बड़ा मुद्दा नहीं बनता। लव जिहाद बीजेपी के लिए कोई नया मुद्दा नहीं है। केरल में लड़कियों को मुस्लिम बनाने और ISIS में भेजने का मुद्दा बीजेपी पहले भी उठाती रही है, लेकिन सियासत दोनों तरफ से बराबर की जा रही है। इस फिल्म का विरोध करने वाले, बैन लगाने वाले भी अपने अपने मुस्लिम वोट बैंक को इंटेक्ट करना चाहते हैं। हैरानी इस बात पर है कि बीबीसी की गुजरात दंगों पर बनी फिल्म पर जब पाबंदी लगाई गई थी तब ममता बनर्जी ने उसका विरोध किया था अब ममता बनर्जी 'द केरल स्टोरी' को रोकने में लगी हैं। जो लोग अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की बात करते थे वो लोग इस बैन को लेकर खामोश हैं। मेरा कहना यह है कि इस मामले में चाहे जितनी पॉलिटिक्स हो, फिल्म कितनी भी बुरी हो, इसे देखने जाने वालों की पिटाई करना और पुलिस से उन्हें पकड़वाना जुर्म है। ये नहीं होना चाहिए।
राजस्थान में सियासी ड्रामा
कांग्रेस के असंतुष्ट नेता सचिन पायलट ने मंगलवार को कहा कि अब ये साफ हो गया है कि मुख्यमंत्री 'अशोक गहोलत की नेता वसुंधरा राजे हैं, न कि सोनिया गांधी'। पायलट ने कहा कि अब लोग यह स्पष्ट तौर पर समझते हैं कि गहलोत ने वसुंधरा के शासन के दौरान भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच के आदेश क्यों नहीं दिए। सचिन पायलट अजमेर से जयपुर के लिए पांच दिवसीय पदयात्रा शुरू करेंगे। गहलोत सरकार के कैबिनेट मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने भी अशोक गहलोत पर निशाना साधा। प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा कि 2020 में अगर राजस्थान की सरकार गिरने से बची थी तो उसके पीछे सिर्फ और सिर्फ सोनिया गांधी और राहुल गांधी थे। किसी और को उसका क्रेडिट नहीं लेना चाहिए, ना ही किसी को इस बात की गलतफहमी होनी चाहिए कि उसने सरकार बचाई थी। मेरा मानना है कि सारी दुनिया जानती है कि सचिन पायलट ने अशोक गहलोत के खिलाफ बगावत की थी पर कांग्रेस इसे स्वीकार नहीं करती। सबको पता है कि अशोक गहलोत ने अपनी चतुराई से पार्टी द्वारा मुख्यमंत्री बदलने के प्लान को पलीता लगा दिया था लेकिन कांग्रेस इसे नहीं मानती। हर किसी को पता है कि गहलोत और पायलट इसी तरह टकराते रहे तो राजस्थान में कांग्रेस को भारी नुकसान होगा और कांग्रेस इस मामले में भी डिनायल मोड में है। सबसे दिलचस्प बात ये है कि सचिन पायलट अब ये साबित करने में लगे हैं कि गहलोत और वसुंधरा राजे आपस में मिले हुए हैं और ये बात बीजेपी को भी परेशान कर रही है। (रजत शर्मा)
देखें: ‘आज की बात, रजत शर्मा के साथ’ 09 मई, 2023 का पूरा एपिसोड