Rajat Sharma's Blog | योगी और अखिलेश के बीच ज़ुबानी जंग क्यों?
वैसे तो यूपी में सिर्फ दस विधानसभा सीटों के लिए उपचुनाव होने हैं, लेकिन यूपी में सियासी माहौल जम्मू कश्मीर और हरियाणा से भी ज्यादा गर्म है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और सपा प्रमुख अखिलेश यादव के बीच ज़बरदस्त जुबानी जंग हो रही है। जानिए क्यों हो रही जुबानी जंग?
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने साफ कह दिया कि माफिया, दंगाई और अपराधियों की संपत्तियों पर बुलडोजर चलता रहेगा, कानून के दायरे में रहकर पहले भी एक्शन हो रहा था, आगे भी होता रहेगा। जवाब में अखिलेश यादव ने कहा कि 2027 में जब यूपी में समाजवादी पार्टी की सरकार बनेगी, बुलडोज़र का रूख गोरखपुर की तरफ मोड़ा जाएगा। इसके जवाब में योगी ने कहा कि टीपू फिर सुल्तान बनने का ख्वाब देख रहा है लेकिन मुंगेरी लाल के हसीन सपने पूरे नहीं होंगे। वैसे तो यूपी में सिर्फ दस विधानसभा सीटों के लिए उपचुनाव होने हैं, लेकिन यूपी में सियासी माहौल जम्मू कश्मीर और हरियाणा से भी ज्यादा गर्म है। योगी और अखिलेश के बीच ज़बरदस्त जुबानी जंग हो रही है। बुधवार को योगी ने कहा कि बुलडोजर चलाने के लिए मजबूत दिल और साफ दिमाग चाहिए. जवाब में अखिलेश ने कहा कि बुलडोजर में दिल-दिमाग नहीं होता, स्टियरिंग होती है। योगी ने कहा कि स्टियरिंग संभालने के लिए भी हिम्मत चाहिए, जो माफिया के सामने नाक रगड़ने वालों में कभी नहीं आ सकती। योगी ने कहा कि यूपी में अब पूरी पारदर्शिता के साथ आरक्षण के नियमों का पालन करते हुए लाखों नौजवानों को नौकरियां दी जा रही हैं, लेकिन 2017 से पहले नौकरियों की लूट होती थी, चाचा-भतीजा लूट का माल बांटते थे। जवाब में फिर अखिलेश ने कहा योगी की कुर्सी खतरे में है, इसीलिए बाबा जी का ब्लडप्रेशर हाई है और कुछ भी बोल रहे हैं। योगी ने कहा कि समाजवादी पार्टी के DNA में ही जातिवाद, तुष्टीकरण और भ्रष्टाचार है। एक बार फिर जवाब में अखिलेश ने कहा कि योगी DNA का फुल फॉर्म बता दें, इसके बाद DNA की बात करें।
बुधवार को दिन भर योगी और अखिलेश के बीच एक दूसरे पर कटाक्ष का खेल चलता रहा। योगी ने लखनऊ और प्रयागराज में नौजवानों को नियुक्ति पत्र बांटे और अखिलेश यादव ने लखनऊ में समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं की मीटिंग ली। योगी पर हमले की शुरूआत अखिलेश ने की। अखिलेश ने कहा कि बीजेपी के शासन में हर वर्ग परेशान है, यूपी बदहाल है, नौजवानों का भविष्य अंधेरे में है, समाजवादी पार्टी के PDA पर लोगों का भरोसा बढ़ा है, 2027 के विधआनसभा चुनाव में बीजेपी का सफाया होगा, समाजवादी पार्टी की सरकार बनेगी और तब यूपी के सारे बुलडोजरों का रूख गोरखपुर की तरफ होगा। योगी ने जवाब देने में देर नहीं की। लखनऊ में 1,300 से ज्यादा नौजवानों को नौकरी का नियुक्ति पत्र देने के बाद योगी ने कहा कि यूपी में अब पारदर्शी तरीके से भर्ती हो रही है, सभी जिलों और सभी जातियों के नौजवानों को नौकरी दी जा रही है, आरक्षण के मानकों का पालन हो रहा है, किसी के साथ भेदभाव नहीं हो रहा है। लेकिन अखिलेश ने युवाओं के भविष्य को अंधेरे में डाल दिया था। योगी ने अखिलेश के 2027 में सरकार बनाने के दावे पर तंज़ कसा। योगी ने कहा कि अखिलेश मुंगेरी लाल के हसीन सपने देख रहे हैं, टीपू सुल्तान बनना चाहते हैं लेकिन उनका ये सपना कभी पूरा होने वाला नहीं है। योगी ने कहा कि अखिलेश सरकार के समय जब भर्ती निकलती थी तब चाचा और भतीजे में वसूली की होड़ लगती थी। यादव परिवार में वसूली के लिए एरिया बांटे जाते थे।
योगी ने यादव परिवार की तुलना आदमखोर भेड़ियों से की। उन्होंने कहा कि जैसा आतंक आजकल बहराइच में भेड़ियों का है, 2017 से पहले उसी तरह का खौफ यादव परिवार का था। योगी ने कहा कि लूट-खसोट करने वाले ऐसे लोगों पर यूपी की जनता अब भरोसा नहीं करेगी। अखिलेश ने कहा कि योगी को लोकसभा चुनाव की हार का सदमा लग गया है, उनकी कुर्सी खतरे में है इसलिए वो कुछ भी बोल रहे हैं, भ्रम फैला रहे हैं। उन्होंने कहा कि अगर उनके राज में भर्तियों में गड़बड़ी हुई तो योगी सरकार ने अब तक एक्शन क्यों नहीं लिया? क्या योगी भी इसमें शामिल थे? अखिलेश ने कहा कि आज भी यूपी में वही अफसर काम कर रहे हैं जो उनकी सरकार में काम कर रहे थे, योगी उनकी सरकार पर आरोप लगाकर परोक्ष रूप से उन अफसरों पर भी आरोप लगा रहे हैं, इसके लिए उन्हें माफी मांगनी चाहिए। योगी ने कहा कि उनकी सरकार का बुलडोज़र कानून के दायरे में चला, बुलडोज़र चलाने के लिए हिम्मत और दृढ इच्छाशक्ति चाहिए, एक वक्त था जब यूपी में दंगा होता था, माफियाओं का आतंक था, यूपी का विकास रुक गया था क्योंकि दंगाईयों और माफिया के आगे घुटने टेकने वाले लोग बुलडोज़र नहीं चला सकते।
अखिलेश ने कहा कि बीजेपी राजनीतिक विरोधियों से बुलडोजर के ज़रिए बदला ले रही है। अगर नक्शे पास नहीं है, तो बुलडोजर चला दिया, योगी बताएं क्या मुख्यमंत्री आवास का नक्शा पास है, बुलडोज़र दिल-दिमाग से नहीं स्टियरिंग से कंट्रोल होता है और जनता कल किसी और के हाथ में बुलडोज़र की स्टियरिंग दे सकती है। फूलपुर में 10 हजार युवाओं को स्मार्ट फोन और टैबलेट, और 5 हजार नौजवानों को नियुक्ति पत्र, और उद्योग शुरू करने वाले युवाओं को 600 करोड़ रुपये के लोन अप्रूवल पत्र देने के बाद योगी ने कहा ये उनके बुलडोजर मॉडल का ही असर है कि अब यूपी में दंगा नहीं होता, अखिलेश और उनकी सरकार माफिया को पालती थी, उनके इशारों पर काम करती थी लेकिन 2017 के बाद से सारे माफिया मिट्टी में मिल गए, अब दंगा करने वाले बुलडोजर से डरे हुए हैं।
वार-पलटवार यहीं खत्म नहीं हुआ। अखिलेश ने ट्विटर पर लिखा कि अगर आपका बुलडोजर मॉडल इतना ही कामयाब है तो अलग पार्टी बनाकर बुलडोजर निशान पर चुनाव लड़ लें, आपका भ्रम भी टूट जाएगा और घमंड भी, वैसे भी आपके जो हालात हैं, उसमें आप बीजेपी में होते हुए भी नहीं के बराबर ही हैं, अलग पार्टी तो आपको आज नहीं तो कल बनानी ही पड़ेगी। योगी और अखिलेश ने जो कहा, उनकी हर बात के पीछे एक कहानी है। जैसे टीपू अखिलेश यादव के घर का नाम है, मुलायम सिंह उन्हें इसी नाम से बुलाते थे और बुलडोजर बाबा योगी आदित्यनाथ का नाम है। यूपी में लोग उन्हें इसी नाम से बुलाते हैं। जब अखिलेश बुलडोजर गोरखपुर की तरफ मोड़ने की बात कहते हैं तो इनका इशारा योगी के मठ की तरफ होता है और जब योगी माफिया के आगे घुटने टेकने वालों का जिक्र करते हैं, तो उनका निशाना अखिलेश पर होता है। अखिलेश जब कहते हैं कि योगी की कुर्सी खतरे में है तो वो बीजेपी में अंदरुनी लड़ाई की तरफ संकेत करते हैं। योगी जब कहते हैं कि पहले चाचा भतीजा माल लूटते थे तो उनका इशारा अखिलेश और शिवपाल की तरफ होता है। आजकल ये जंग इसीलिए इतनी ज्यादा तेज़ है क्योंकि यूपी में 10 सीटों पर उपचुनाव होने वाले हैं। योगी और अखिलेश दोनों इन उपचुनावों से यूपी में अपना वर्चस्व साबित करना चाहते हैं। (रजत शर्मा)
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