Rajat Sharma's Blog: मुसलमान वोटरों को गोलबंद करने के लिए ‘वोट जिहाद’
असल में उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी और कांग्रेस का गठबंधन मुस्लिम और यादव वोट बैंक के भरोसे हैं। अखिलेश यादव और राहुल गांधी की जोड़ी को लगता है कि अगर यूपी में उनके उम्मीदवारों को एकमुश्त मुस्लिम वोट मिलता है तो कई सीटों पर बीजेपी को फाइट दी जा सकती है।
उत्तर प्रदेश में चुनाव के दौरान दो नये शब्द सुनाई दिए – ‘वोट जिहाद’। समाजवादी पार्टी की चुनाव सभा में मुसलमानों से कहा गया कि अगर अब भी इकट्ठे नहीं हुए तो ‘संघी सरकार’ आने वाली नस्लों को खत्म कर देगी, इसलिए अब वोट जिहाद का वक्त आ गया है। सलमान खुर्शीद के सामने उनकी भतीजी ने लोगों से कहा कि जो मुसलमान बीजेपी के नेताओं की सभाओं में जाते हैं, बीजेपी का समर्थन करते हैं, उनका सामाजिक बहिष्कार होना चाहिए, उन सबका हुक्का-पानी बंद होना चाहिए।
अब तक आपने लव जिहाद शब्द खूब सुना होगा लेकिन इस चुनाव में वोट जिहाद की एंट्री हुई है। ये एंट्री कराई है सीनियर कांग्रेस नेता सलमान ख़ुर्शीद की भतीजी मारिया आलम खान ने। मारिया आलम खान समाजवादी पार्टी की नेता हैं। असल में मारिया आलम खान फ़र्रुख़ाबाद के क़ायमगंज में एक जनसभा को संबोधित कर रही थीं। फ़र्रुख़ाबाद से सलमान ख़ुर्शीद दो बार सांसद रह चुके हैं, लेकिन गठबंधन के तहत ये सीट समाजवादी पार्टी के खाते में गई है। यहां से समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार नवल किशोर शाक्य के लिए प्रचार करने मारिया आलम क़ायमगंज पहुंची थीं। इस इलाक़े में काफ़ी मुसलमान रहते हैं। मारिया आलम ने पहले तो बीजेपी उम्मीदवार मुकेश राजपूत के पक्ष में प्रचार करने वाले मुसलमानों को क़ौम का ग़द्दार बताया, उनका हुक्का पानी बंद करने की अपील की, फिर कहा कि आज मुस्लिम समुदाय पर जिस तरह हमले हो रहे हैं, उन्हें रोकना है तो मुसलमानों को एकजुट होकर बीजेपी के ख़िलाफ़ वोट देना होगा। मारिया आलम ने CAA-NRC का ज़िक्र करते हुए कहा कि अगर ज़ुल्म रोकना है, तो वोट जिहाद करना होगा, वोट जेहाद ही जुल्म से आज़ादी दिलाने का एकमात्र रास्ता है।
मारिया ने जो कहा, वो यहां पेश है। “अगर आज की बात की जाए, तो आज ये क़ुर्बानी ज़रूरी है... हम उस जगह पहुंच चुके हैं कि जहां न हम जीत सकते हैं अकेले और न हम हार सकते हैं.... अगर अब भी हम एक नहीं हुए तो ये समझ लेना कि यहां से हमारा नाम-ओ-नक़्श मिटाने के लिए ये संघी सरकार जो कोशिश कर रही है उसको तुम कामयाब करने का काम करोगे। उसके मंसूबों को कामयाब करने का काम करोगे। इसलिए बहुत अक़्लमंदी के साथ, बहुत जज़्बाती न होकर के बहुत ख़ामोशी के साथ एक साथ होकर वोटों का जिहाद करो। क्योंकि हम सिर्फ़ वोटों का जिहाद कर सकते हैं और इस संघी सरकार को भगाने का काम कर सकते हैं। बहुत शर्म आती है जब मैंने आज ये सुना कि कुछ मुसलमानों ने आज यहां पर बैठकर मुकेश राजपूत की मीटिंग कराई। मुझे लगता है समाज को उनका हुक्का पानी बंद कर देना चाहिए। इतने मतलबी मत बनो कि बच्चों की ज़िंदगियों से खेलो। हमारे बच्चों की जानों से खेलो। आज कितने लोग CAA NRC में जेलों में बंद हैं और आपको बता दूं मुझे ख़ुशी हो रही है कि उन बच्चों के कितने केसेज़ सलमान ख़ुर्शीद साहब फ्री में लड़ रहे हैं। ये बहुत बड़ी बात है। हम लड़ रहे हैं आपके लिए संघर्ष कर रहे हैं। लेकिन अगर आप साथ नहीं देंगे तो हम अकेले कुछ नहीं कर सकते। क्योंकि हमारी ताक़त आप हो। और आप अगर ऐसे दिल छोड़कर बैठ जाओगे कि अब कुछ नहीं होगा, तो ऐसा नहीं होता। सौ बार लड़ेंगे। सौ बार हारेंगे। लेकिन फिर भी उठकर चलेंगे। दूसरी बात ये है कि लोग कह रहे हैं कि आज जो भी आज मौक़ा मिलता है। आज जो भी चुनावी मीटिंग होती है कहते हैं संविधान ख़तरे में है। लोकतंत्र ख़तरे में है। मैं कहती हूं कि अब इंसानियत ख़तरे में है। इंसानियत पर हमले हैं। तो इस बार बहुत होश से वोट दो। किसी की बातों में किसी के बहकावे में मत आओ।”
फ़र्रुख़ाबाद पुलिस ने मारिया आलम और सलमान ख़ुर्शीद के खिलाफ मजहब के नाम पर वोट मांग कर आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन का केस दर्ज किया है। असल में उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी और कांग्रेस का गठबंधन मुस्लिम और यादव वोट बैंक के भरोसे हैं। अखिलेश यादव और राहुल गांधी की जोड़ी को लगता है कि अगर यूपी में उनके उम्मीदवारों को एकमुश्त मुस्लिम वोट मिलता है तो कई सीटों पर बीजेपी को फाइट दी जा सकती है। मुस्लिम वोटर्स क्या सोचते हैं, किसे वोट देते हैं, ये जानने के लिए किसी एक्सपर्ट की जरूरत नहीं हैं। यूपी में मुस्लिम मतदाता मानते हैं कि अब उन्हें दो वक्त का राशन मिलता है, कानून व्यवस्था बेहतर है, पुलिस बेवजह परेशान नहीं करती, कुर्ते वाले लूट-खसोट नहीं करते, घर बने हैं, सड़कें बनी हैं, सुकून की जिंदगी है लेकिन जब बात वोट की आती है तो ज्यादातर मुस्लिम मतदाता साइकिल का बटन दबाने की बात करते हैं। लेकिन एक बदलाव आजकल दिखाई देता है। कुछ मुस्लिम ऐसे भी हैं जो मानते हैं कि इतना सब मिलने के बाद उन्हें भी बदलना चाहिए। कुछ मुस्लिम नेताओं को ये डर लगता है कि कहीं मुस्लिम वोट टूट ना जाए। इसीलिए मुस्लिम बहुल इलाकों में वोट जिहाद जैसे लफ्ज Coin किए जा रहे हैं। मुसलमानों को डराया जा रहा है कि अगर बीजेपी की सरकार दोबारा आ गई तो उनकी identity (पहचान) खतरे में पड़ जाएगी। दूसरी तरफ बीजेपी की कोशिश है कि अगर विपक्ष मुस्लिम वोटों पर दांव लगा रहा है, तो उसे हिन्दू वोट पर फोकस करना चाहिए और ये काम मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बखूबी कर रहे हैं। मंगलवार को योगी ने बंगाल में आरोप लगाया कि ममता सरकार वहां बंगलादेशियों को गैरकानूनी तरीके से बसा कर हिन्दुओं को राज्य में अल्पसंख्यक बनाने की तैयारी कर रही है। (रजत शर्मा)
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