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Hindi News भारत राष्ट्रीय Rajat Sharma’s Blog: टी-20 वर्ल्डकप: टीम इंडिया इतनी बुरी तरह क्यों हारी?

Rajat Sharma’s Blog: टी-20 वर्ल्डकप: टीम इंडिया इतनी बुरी तरह क्यों हारी?

भारत और इंग्लैंड के बीच टी-20 ​क्रिकेट वर्ल्डकप का सेमीफाइनल मैच हुआ। इस मैच में इंग्लैंड ने भारत को हरा दिया और फाइनल में जगह बनाई।

Rajat Sharma Blog, Rajat Sharma Blog on India and England Cricket Match- India TV Hindi Image Source : INDIA TV India TV Chairman and Editor-in-Chief Rajat Sharma.

गुरुवार को लाखों भारतीय क्रिकेट फैन्स का दिल टूट गया जब उन्होंने एडिलेड में खेले गए आईसीसी मैन्स टी—20 विश्वकप के सेमीफाइनल में इंग्लैंड से भारत को बुरी तरह हारते देखा। भारतीय टीम में इंग्लिश खिलाड़ियों के मुकाबले जीत के लिए एग्रेशन, तेजी और जुनून की कमी थी और उनका प्रदर्शन, खासतौर पर गेंदबाजों और क्षेत्ररक्षकों का प्रदर्शन दयनीय था। इस तरह टी—20 विश्वकप में भारतीय टीम का सफर शर्मनाक तरीके से खत्म हुआ। इंग्लैंड की टीम के हाथों भारत को मिली ये करारी शिकस्त क्रिकेट प्रशंसक लंबे समय तक अपने जेहन से नहीं निकाल पाएंगे।

भारतीय बल्लेबाजी की शुरुआत धीमी होने का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि पहले 10 ओवरों में मात्र 62 रन ही बन पाए थे। विराट कोहली की हाफ सेंचुरी और हार्दिक पांड्या के ताबड़तोड़ 63 रनों की बदौलत भारतीय टीम किसी तरह 168 रनों के स्कोर तक पहुंच पाई। 20 ओवरों में 6 विकेट पर 168 रनों का स्कोर एक फाइटिंग स्कोर था। सामान्यत: किसी भी टीम के लिए हाई प्रेशर मैच में इसे चेज करना इतना आसान नहीं होता है, लेकिन भारतीय गेंदबाज बेअसर साबित हुए। 

वे इंग्लैंड का एक भी विकेट लेने में कामयाब नहीं हो पाए। सबसे शर्मनाक बात यह रही कि इंग्लैंड ने जीत कि लिए जरूरी 170 रन मात्र 16 ओवर में बिना विकेट खोए बना डाले और फाइनल में पहुंच गया। जहां उसका मुकाबला पाकिस्तान से होना है। इंग्लैंड की पारी के दौरान टीम इंडिया के मीडियम फास्ट बॉलर हों या स्पिनर, सबकी जमकर पिटाई हुई। इंग्लैंड के ओपनर्स जोस बटलर और एलेक्स हेल्स ने 10 छक्के और 13 चौके लगाए। यानी 112 रन तो बाउंड्री से ही बना लिए। जो यह बताता है कि हमारे गेंदबाजों का प्रदर्शन कितना लचर था। 

भारतीय टीम के कप्तान रोहित शर्मा इतना अहम मैच हारने के बाद सिर झुकाए काफी हताश दिखे। उन्होंने यह माना कि 'हमारी गेंदबाजी अपेक्षा के अनुरूप नहीं थी। यह निश्चित ही ऐसा विकेट नहीं था जिस पर कोई टीम आए आसानी से 16 ओवर में ही जीत हासिल कर ले। हम आज गेंद को टर्न नहीं करा पाए। जब नॉकआउट स्टेज की बात आती है तो सबकुछ प्रेशर को हैंडल करने पर निर्भर होता है। आप हर किसी खिलाड़ी को प्रेशर हैंडल करना नहीं सिखा सकते। जब ये खिलाड़ी आईपीएल खेलते हैं तो वे मैच हाई प्रेशर वाले होते हैं और ये खिलाड़ी प्रेशर हैंडल करने में सक्षम हैं।' 

इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि भारतीय खिलाड़ियों को शुरुआती गर्मियों में ऑस्ट्रेलियाई परिस्थितियों के अनुकूल होने में परेशानी हुई थी और पॉवर प्ले के दौरान उनका प्रदर्शन भी लचर था। वहीं दूसरी ओर इंग्लिश खिलाड़ियों को ऑस्ट्रेलियाई पिचों पर लगातार खेलने का अनुभव रहा है, क्योंकि वे ऑस्ट्रेलियाई बिग बैश लीग में खेल रहे थे। इस तरह इंग्लिश प्लेयर्स के अनुभव और दृढ़ निश्चय के कारण वे सेमीफाइनल मैच में हमारी टीम पर हावी रहे।

हार और जीत तो खेल का एक हिस्सा है, लेकिन जिस तरह से इंग्लैंड ने टीम इंडिया को हराया, वो शर्मनाक है। इसे शर्मनाक इसलिए भी कहा जा सकता है कि टीम इंडिया ने इंग्लिश बल्लेबाजों के आक्रमण से पहले ही सरेंडर कर दिया। जिस तरह से इंग्लिश ओपनर्स ने भारतीय गेंदबाजी की धज्जियां उड़ाई, उसने ये सोचने पर मजबूर कर दिया कि यह वर्ल्डकप का सेमीफाइनल है या कोई 'मोहल्ला मैच'!

विराट कोहली और हार्दिक पांड्या को छोड़ दिया जाए तो बाकी खिलाड़ियों में जोश और एग्रेशन की कमी खली। ऐसा लग रहा था कि वे इतना अहम मैच जीतने की कोशिश ही नहीं कर रहे हैं। जोस बटलर ने अपना माइंडगेम खेला और रोहित शर्मा बेबस हो गए। भारतीय कप्तान समझ ही नहीं पा रहे थे कि क्या करें और क्या न करें।

रोहित शर्मा ने यह टिप्पणी की कि यह एक 'हाईप्रेशर गेम' था और उनकी टीम इस प्रेशर को हैंडल नहीं कर पाई। यह हमें सोचने पर मजबूर कर देती है: अगर ये हमारी बेस्ट टीम है जो प्रेशर नहीं झेल सकती तो क्या हमारी टीम अभी इतने बड़े टूर्नामेंट खेलने के लिया  तैयार नहीं है?अगर विराट कोहली और हार्दिक पांड्या अपने एग्रेशन से, अपने पैशन से प्रेशर को हैंडल कर सकते हैं तो बाकी प्लेयर ये क्यों नहीं कर पाए? क्या फिर से कप्तान बदलने की बातें होंगी? क्या फिर से कोच पर सवाल उठाए जाएंगे:जो भी हो, ...टीम इंडिया ने अपने लाखों फैंस को बहुत निराश किया। (रजत शर्मा)

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