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Hindi News भारत राष्ट्रीय Rajat Sharma’s Blog: राहुल गांधी मोदी सरनेम को अहं का मुद्दा न बनाएं

Rajat Sharma’s Blog: राहुल गांधी मोदी सरनेम को अहं का मुद्दा न बनाएं

सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में ये कहा है कि राहुल गांधी को इस तरह का कमेंट नहीं करना चाहिए था। उन्हें बोलने से पहले सोचना चाहिए था।

Rajat Sharma Blog, Rajat Sharma Blog on Nuh Violence, Rajat Sharma- India TV Hindi Image Source : INDIA TV इंडिया टीवी के चेयरमैन एवं एडिटर-इन-चीफ रजत शर्मा।

लंबे वक्त के बाद कांग्रेस के नेताओं और कार्यकर्ताओं के चेहरे पर शुक्रवार को हंसी दिखी। देश भर में कांग्रेस के दफ्तरों में ढोल नगाड़े बजे, लड्डू बांटे गए क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने राहुल गांधी को बड़ी राहत दे दी। मोदी सरनेम वाले मानहानि के केस में राहुल गांधी को मिली दो साल की सज़ा पर रोक लगा दी। 134 दिन बाद कांग्रेस के नेताओं ने राहत की सांस ली। कांग्रेस के नेताओं ने कहा कि देश में संविधान सबसे ऊपर है, लोकतन्त्र जिंदा है, न्याय मिल रहा है, हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने राहुल गांधी की सजा पर रोक लगाई है, राहुल गांधी को निर्दोष नहीं माना है। सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में ये कहा है कि राहुल गांधी को इस तरह का कमेंट नहीं करना चाहिए था। उन्हें बोलने से पहले सोचना चाहिए था। हालांकि अदालत ने ये जरूर कहा कि इस केस में राहुल गांधी को कानून के तहत अधिकतम सज़ा क्यों दी गई, ऐसा इससे पहले कभी नहीं हुआ। फिर हाईकोर्ट ने जिला कोर्ट के फैसले को बहाल क्यों रखा, इसका कोई तार्किक कारण नहीं बताया। इसी आधार पर सुप्रीम कोर्ट ने राहुल की सजा पर रोक लगा दी। अब ये केस सेशन कोर्ट में चलेगा, लेकिन सुप्रीम कोर्ट के फैसले का मतलब ये है कि अब राहुल गांधी की लोकसभा की सदस्यता बहाल हो जाएगी। अब राहुल गांधी को दोबारा सरकारी घर मिल जाएगा।

राहुल गांधी के केस में सुप्रीम कोर्ट ने सजा पर रोक इसलिए लगी क्योंकि दो साल की सजा से उनकी संसद की सदस्यता चली गई। राहुल को इस बात की भी सहानुभूति मिली होगी कि उनका घर छिन गया। अगर ये सब नहीं होता तो ये मामला इतना बड़ा न बनता। इसलिए सरकारी पक्ष की तरफ से मानहानि के मामले को इतना तूल न दिया गया होता तो बेहतर होता। अब कांग्रेस इसको एक बड़ी नैतिक विजय के रूप में प्रोजैक्ट करेगी, लेकिन असल में न तो केस खत्म हुआ है, न सुप्रीम कोर्ट ने क्लीन चिट दी  है। नोट करने वाले बात ये है कि "सारे मोदी चोर हैं"  वाले बयान को तो सुप्रीम कोर्ट ने भी ठीक नहीं माना। मुझे लगता है राहुल गांधी को भी इसे अहं का मुद्दा नहीं बनाना चाहिए। जनसभाओं में नेताओं के मुंह से कई बार से ऐसी बातें अनायास निकल जाती हैं। राहुल गांधी माफी मांग लेते तो बात वहीं खत्म हो जाती। वो इतना ही कह देते कि पूरे मोदी समाज का अपमान करने का उनका कोई इरादा नहीं था, तो भी ये मामला सुप्रीम कोर्ट तक न पहुंचता। लेकिन इस सारे मामले में अच्छी बात ये है कि अब राहुल गांधी और कांग्रेस के नेता ये नहीं कह पाएंगे कि मोदी सुप्रीम कोर्ट को भी कन्ट्रोल करते हैं।

लोकतन्त्र के लिए जरूरी है कि न्यायपालिका की विश्वसनीयता बनी रहे, उसकी आज़ादी कायम रहे। और बीजेपी के लिए अच्छी बात ये है की अब फिर से चुनावी मुकाबला मोदी और राहुल के बीच होगा, बीजेपी को ये सूट करता है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद विरोधी दलों के गठबंधन के नेताओं ने भी राहुल का समर्थन किया। गुरुवार को कांग्रेस ने दिल्ली सेवा अध्यादेश बिल पर केजरीवाल की आम आदमी पार्टी का साथ दिया था। इसलिए शुक्रवार को सुप्रीम कोर्टे का फैसला आते ही अरविन्द केजरीवाल ने तुरंत राहुल को बधाई दी। उन्होंने कहा कि इस फैसले से न्यायपालिका में लोगों का भरोसा बढ़ेगा। आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के बीच जो जुगलबंदी संसद में दिख रही है, वैसी ही जुगलबंदी संसद के बाहर दिखने लगी है। (रजत शर्मा)

देखें: ‘आज की बात, रजत शर्मा के साथ’ 04 अगस्त, 2023 का पूरा एपिसोड

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