Rajat Sharma’s Blog | पंजाब धमाका: एक-दूसरे पर उंगली उठाने से काम नहीं चलेगा, कार्रवाई करें
पंजाब का कोई भी बड़ा नेता इस सवाल का ईमानदारी से जवाब देने को तैयार नहीं है कि आखिर चुनाव से पहले पंजाब में तबाही मचाने की कोशिश कौन कर रहा है?
पंजाब के लुधियाना जिला अदालत परिसर में गुरुवार को एक शौचालय के अंदर हुए विस्फोट में एक शख्स की मौत हो गई जबकि छह लोग घायल हो गए। एनएसजी की टीम ने मुआयना किया और देर शाम तक उस शख्स का कोई सुराग नहीं मिल पाया जिसके बारे में यह आशंका जताई जा रही है कि वह सार्वजनिक शौचालय के अंदर विस्फोटक असेम्बल कर रहा था। घटनास्थल से सिर्फ एक टैटू पाया गया जबकि शरीर के बाकी हिस्सों के चिथड़े हो गए थे। पुलिस इस संभावना से इनकार नहीं कर रही है कि मृत शख्स ही अदालत परिसर में एक ज़बरदस्त धमाका करने की तैयारी कर रहा था ।
धमाका इतना ज़बरदस्त था कि शौचालय की दीवारें और छत ढह गई, साथ ही इमारत की खिड़कियों के शीशे भी टूट गए। नजदीक के एक रिकॉर्ड रूम के अंदर काम कर रहे कोर्ट के कर्मचारी इस विस्फोट की चपेट में आने से बाल-बाल बच गए। विस्फोट के बाद अदालत की इमारत को खाली कराकर सील कर दिया गया। इसके बाद एनआईए और एनएसजी की टीमें जांच के लिए पहुंच गईं। यह धमाका मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी की एक रैली से चन्द घंटे पहले हुआ। यह रैली लुधियाना से करीब 22 किलोमीटर दूर होनेवाली थी। धमाके में कुल छह लोग ज़ख्मी हुए जिनमें तीन महिलाएं और तीन पुरुष हैं और ये सभी लुधियाना के रहनेवाले हैं।
विस्फोट की यह घटना अमृतसर में स्वर्ण मंदिर और कपूरथला में गुरुद्वारे के अंदर बेअदबी की दो घटनाओं के बाद हुई। मकसद साफ है-अगले साल की शुरुआत में होनेवाले विधानसभा चुनाव से पहले पंजाब में डर, नफरत और तनाव पैदा हो, माहौल खराब हो और लोग एक दूसरे पर शक करें। पंजाब का कोई भी बड़ा नेता इस सवाल का ईमानदारी से जवाब देने को तैयार नहीं है कि आखिर चुनाव से पहले पंजाब में तबाही मचाने की कोशिश कौन कर रहा है?
कांग्रेस, अकाली दल, आम आदमी पार्टी और बीजेपी समेत लगभग सभी सियासी दल पंजाब में हो रही घटनाओं को सियासी चश्मे से देख रहे हैं और एक दूसरे को कटघरे में खड़ा करने की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन मुझे लगता है कि बात इससे कहीं बड़ी है इसलिए पंजाब पर खास ध्यान देने की जरूरत है। पहले बेअदबी की दो घटनाएं और उसके बाद लुधियाना में बम ब्लास्ट। पांच दिन में तीसरी घटना, इसे संयोग कहकर खारिज नहीं किया जा सकता। यह संयोग नहीं प्रयोग है और ये पता लगाना जरूरी है कि यह प्रयोग कौन कर रहा है, किस मकसद से कर रहा है?
लुधियाना पंजाब के व्यवसायिक गतिविधियों का केंद्र है और यह राज्य का सबसे बड़ा कमर्शियल शहर है। लुधियाना के होजरी प्रोडक्ट्स पूरी दुनिया में मशहूर हैं। इस शहर में ब्लास्ट का मतलब पंजाब की व्यवसायिक गतिविधियों को नुकसान पहुंचा कर बड़ी आर्थिक चोट की साजिश हो सकती है। वहीं अमृतसर पंजाब की सांस्कृतिक राजधानी है और यहां सिखों का सबसे बड़ा धर्मस्थल भी मौजूद है। बेअदबी और ब्लास्ट की घटना बॉर्डर गेम प्लान का हिस्सा हो सकती हैं।
पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने कहा, 'जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आ रहे हैं, वैसे-वैसे कुछ देशविरोधी ताकतें इस तरह की वारदातों को अंजाम दे रही हैं, लेकिन उनकी सरकार दोषियों को छोड़ेगी नहीं।' वहीं डिप्टी सीएम और गृह मंत्री रणजीत सिंह रंधावा ने कहा कि ऐसा लगा रहा है कि जैसे ब्लास्ट के पीछे इंटरनेशनल साजिश है। पंजाब एक बॉर्डर स्टेट है। इसलिए हो सकता है कुछ लोग पंजाब को अस्थिर करने की कोशिश कर रहे हों।'
पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह पिछले साल से यह कह रहे हैं कि पाकिस्तान ड्रग्स और ड्रोन के जरिए हथियार भेजकर पंजाब को अस्थिर करने की कोशिश कर रहा है। अमरिंदर सिंह ने कहा था कि पंजाब में बहुत ज्यादा सावधानी की जरूरत है क्योंकि पाकिस्तान की तरफ से पंजाब का माहौल खराब करने की साजिशें हो रही हैं। लुधियाना ब्लास्ट पर कैप्टन ने कहा कि उन्हें कोई हैरानी नहीं हुई बल्कि दुख हुआ है। कैप्टन ने कहा कि पंजाब के खिलाफ साजिश हो रही है, पंजाब पुलिस को गहराई से इसकी जांच करनी चाहिए। अमरिंदर सिंह ने कहा कि बिना किसी जांच के मुख्यमंत्री चन्नी का ये कहना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण और गैर-जिम्मेदाराना है कि गुरुद्वारों में बेअदबी और अदालत में धमाके की घटनाएं इसलिए हो रही है क्योंकि पंजाब में ड्रग्स कारोबारियों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जा रहे हैं।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी बयान दिया क्योंकि उनकी आम आदमी पार्टी भी चुनाव में उतर रही है। केजरीवाल ने कहा कि “जिस तरह से स्वर्ण मंदिर में बेअदबी की कोशिश हुई और अब कोर्ट में ब्लास्ट किया गया इससे साफ है कि कुछ लोग पंजाब का माहौल बिगाड़ने की साजिश कर रहे हैं। पंजाब के तीन करोड़ लोग ऐसी साजिशों को सफल नहीं होने देंगे। पंजाब के लोगों को सावधान रहना होगा।“
अब सवाल ये है कि साजिश कौन कर रहा है? मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री का इशारा तो पाकिस्तान की तरफ है और सुसाइड अटैक की भी बात की जा रही है। लेकिन पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू ने लाइन-लैंथ बदल दी। सिद्धू, इस मसले को चुनावी सियासत पर ले आए।
नवजोत सिंह सिद्धू ने इशारों में कहा कि बाहरी ताकतें नहीं बल्कि पंजाब को देश के भीतर से अस्थिर करने की कोशिश हो रही है। सिद्धू ने कहा-'चुनाव से पहले एक खास समुदाय को डराने के लिए सरकारी तंत्र का इस्तेमाल किया जा रहा है। केंद्रीय एजेंसियों द्वारा लोकतंत्र को कुचला जा रहा है और तानाशाही कायम करने की कोशिश हो रही है। लेकिन यह सब नहीं चलेगा। बेअदबी और बम ब्लास्ट के बाद भी पंजाब अनेकता में एकता को दिखाएगा। चुनाव से ठीक पहले ऐसा क्यों हो रहा है? एक खास समुदाय को क्यों निशाना बनाया जा रहा है? जिन लोगों ने पंजाब को बेच दिया उनसे मैं कहना चाहता हूं-आप चुनाव से पहले पंजाब में इस तरह का ध्रुवीकरण नहीं कर सकते।' सिद्धू ने ट्वीट किया- 'लुधियाना की अदालत में ब्लास्ट से इस बात में कोई संदेह नहीं है कि पंजाब में कानून-व्यवस्था की समस्या पैदा करने के लिए निहित स्वार्थों द्वारा शांति भंग करने की गतिविधियों की सिलसिलेवार योजना बनाई गई है।'
मजे की बात ये है कि सिद्धू की प्रतिक्रिया के तुरंत बाद मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने अपना सुर बदला। चन्नी ने भी वही बात कही जो सिद्धू कह रहे थे। चन्नी और सिद्धू की बात में फर्क इतना था कि सिद्धू ने किसी का नाम न लेते हुए भी बीजेपी की तरफ उशारा कर दिया, जबकि चन्नी ने इशारों में अकाली दल की ओर उंगली उठा दी। चन्नी ने कहा कि जबसे उन्होंने पंजाब में नशा कारोबारियों के खिलाफ एक्शन लेना शुरू किया तभी से इस तरह की घटनाएं बढ़ गई हैं। राज्य पुलिस ने अकाली दल के नेता बिक्रम सिंह मजीठिया के खिलाफ ड्रग्स की अवैध तस्करी और आपराधिक साजिश की धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज किया है। सिद्धू ने कहा कि पश्चिम बंगाल में भी चुनाव से ठीक पहले इसी तरह की घटनाएं हुई थीं और अब वही ताकतें पंजाब में भी लोगों को आपस में लड़वाने की कोशिश कर रही हैं।
अकाली दल के बड़े नेताओं, प्रकाश सिंह बादल और उनके बेटे सुखबीर सिंह बादल ने एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए, पंजाब में कानून और व्यवस्था की हालत के लिए पंजाब में कांग्रेस सरकार और केंद्र में भाजपा सरकार दोनों को दोषी ठहराया। सुखबीर बादल ने दावा किया पंजाब में हवा अकाली दल के पक्ष में चल रही है और इससे परेशान कांग्रेस अब इस तरह की घटनाओं को अंजाम दे रही है।
पंजाब में जो हो रहा है वो अच्छा नहीं है और कौन कर रहा है अब तक यह पता नहीं है। राजनीतिक दलों के अपने-अपने अंदाजे है और सबके अंदाजे अपनी-अपनी सियासत के मुताबिक हैं। और यह कोई पहली घटना नहीं है। अमृतसर में सिखों के आस्था के सबसे बड़े केन्द्र हरमिंदर साहिब में बेअदबी की घटना हुई फिर कपूरथला में लिचिंग की घटना हुई। इसके बाद पंजाब सरकार ने एसआईटी बनाई और 48 घंटे में जांच रिपोर्ट देने को कहा लेकिन अब तक 148 घंटे हो गए और जांच रिपोर्ट नहीं आई।
अब तक यह पता नहीं लगा कि सिख भाइयों की आत्मा पर और उनकी आस्था पर चोट करने की साजिश किसने की। इसके तुरंत बाद लुधियाना में बम ब्लास्ट हो गया। तब भी सरकार कह रही है कि जांच होगी और कोई दोषी बख्शा नहीं जाएगा। अमरिंदर सिंह कहते हैं-मैंने पहले ही कहा था कि सिद्धू का दोस्त पाकिस्तान गड़बड़ करेगा और चन्नी संभाल नहीं पाएगा। सिद्धू कहते हैं ये हमारी अपनी एजेंसियों का काम है। मतलब बीजेपी वोटों के लिए धमाके कराती है।
चन्नी ने ड्रग माफिया को जिम्मेदार ठहराया उनका मतलब है कि इसके पीछे अकालियों का हाथ है। सुखबीर बादल ने पंजाब की कांग्रेस सरकार को जिम्मेदार बताया यानि चन्नी कसूरवार हैं। सब अपने-अपने हिसाब से बयानबाजी करने में लगे हैं। यह सही है कि पंजाब में चुनावी माहौल है और चुनाव में गड़बड़ी की आशंका पहले से है। साजिश हो सकती है, हो रही है, लेकिन मुश्किल यह है कि जिन लोगों पर साजिश को नाकाम करने की जिम्मेदारी है, देश के दुश्मनों का पता लगाने और उन्हें सजा देने की जिम्मेदारी है, जिन लोगों से जवाब मिलने की उम्मीद है वही लोग सवाल पूछ रहे हैं। आरोप-प्रत्यारोप के इस खेल में एक-दूसरे पर उंगली उठाने से काम नहीं चलेगा, सख्त कार्रवाई करनी होगी। (रजत शर्मा)
देखें: ‘आज की बात, रजत शर्मा के साथ’ 23 दिसंबर, 2021 का पूरा एपिसोड