Rajat Sharma's Blog | संसद की लड़ाई पुलिस तक क्यों पहुंची?
बीजेपी का इल्जाम है कि राहुल गांधी ने बुजुर्ग सांसद प्रताप सारंगी को धक्का देकर गिराया जिससे उनके सिर में गहरी चोट लगी है, लेकिन राहुल गांधी का दावा है कि उन्होंने किसी को धक्का नहीं दिया।
संसद भवन के द्वार पर जो हुआ, वैसा पहले कभी नहीं हुआ। कांग्रेस और बीजेपी के बीच टकराव में दो सांसद लहूलुहान हो गए। सांसदों के झगड़े का मामला पुलिस थाने पहुंच गया। राहुल गांधी के खिलाफ हत्या की कोशिश की शिकायत दर्ज कराई गई। कांग्रेस की तरफ से बीजेपी के खिलाफ शिकायती चिट्ठी पुलिस को दी गई। संसद परिसर में झगड़े की शिकायतें राज्यसभा के सभापति और लोकसभा के अध्यक्ष के पास पहुंची हैं। लोकसभा अध्यक्ष ने सभी पार्टियों और सांसदों से कहा है कि वे संसद के मुख्य द्वार पर प्रदर्शन न करें। संसद के दोनों सदनों की कार्यवाही शुक्रवार को हंगामे की भेंट चढ़ कर अनिश्चित काल के लिए स्थगित हो गई।
अब आरोप-प्रत्यारोपों का दौर चल रहा है। जो दो सांसद घायल हुए उनमें से एक का सिर फट गया, एक बेहोश होकर गिर पड़े। दोनों अस्पताल में हैं। बीजेपी का इल्जाम है कि राहुल गांधी ने बुजुर्ग सांसद प्रताप सारंगी को धक्का देकर गिराया जिससे उनके सिर में गहरी चोट लगी है, लेकिन राहुल गांधी का दावा है कि उन्होंने किसी को धक्का नहीं दिया, धक्कामुक्की तो बीजेपी के सांसदों ने मल्लिकार्जुन खरगे के साथ की। राहुल गांधी ने कहा कि ये सब अडानी के मुद्दे से ध्यान हटाने के लिए बीजेपी का ड्रामा है। प्रियंका गांधी ने कहा कि अमित शाह के मुद्दे से ध्यान हटाने के लिए बीजेपी के लोगों ने ये सब किया है।
घायल सासंदों से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फोन पर बात करके उनका हालचाल जाना। बीजेपी के तमाम बड़े नेता अस्पताल में सांसदों को देखने पहुंचे। शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि राहुल गांधी ने जो किया वो भारत की संस्कृति और परंपराओं के खिलाफ है, इस तरह के व्यक्ति को नेता, विपक्ष के पद पर होना नहीं चाहिए। संसद भवन परिसर में जो हुआ वह दुर्भाग्यपूर्ण है, संसद की लड़ाई पुलिस थाने में पहुंच गई। ये चौंकाने वाली है। दोनों तरफ के अपने अपने दावे हैं, वीडियो हैं, लेकिन कुछ बातें बिलकुल साफ हैं। राहुल गांधी उस दरवाजे से संसद में घुसे जहां बीजेपी के सांसद प्रोटेस्ट कर रहे थे, उनके धक्के से दो सांसद गिरे। दोनों अस्पताल में है। इनमें से एक को इतनी चोट आई कि सिर में टांके लगाने पड़े।
तो पहला सवाल ये है कि क्या राहुल गांधी को इसी रास्ते से जाना जरूरी था? सुरक्षाकर्मियों का कहना है कि उन्होंने वैकल्पिक रास्ता बनाया था पर राहुल बीजेपी के सांसदों के बीच से ही गए। राहुल गांधी ये कहते सुनाई दे रहे हैं कि बीजेपी के सदस्यों ने उनके साथ धक्कामुक्की की। कांग्रेस ने कहा कि मल्लिकार्जुन खरगे को भी धक्का दिया गया। सवाल ये है कि राहुल का वीडियो क्यों नहीं है?
वहां मौजूद मीडियाकर्मियों ने बताया कि मीडिया के कैमरों को उस मकर द्वार तक जाने की इजाज़त नहीं है। अब सवाल ये है कि जो घटना हुई, उसकी वजह क्या सिर्फ धक्कामुक्की थी? राहुल ने कहा कि मोदी अडानी को बचाने में लगे हैं, ये इसी प्लानिंग का हिस्सा था। प्रियंका गांधी ने कहा कि ये अमित शाह को बचाने के चक्कर में हुआ। खरगे ने कहा कि बाबा साहेब पर बहस से बचने के लिए ये साजिश की गई।
ये सारे तर्क अपनी जगह हैं। पर ये तो सच है कि दो सांसदों को चोट लगी, खून बहा। ये दिखाई दे रहा है। ये कैसे हुआ? ये किसने किया? इसका कांग्रेस ने कोई जवाब नहीं दिया। अच्छा तो ये होता कि राहुल गांधी उन बुजुर्ग सांसद के पास जाते जिन्हें चोट लगी थी, जिनके सिर से खून बह रहा था, उनसे माफी मांगते, उन्हें अस्पताल ले जाते। इससे राहुल का मान बढ़ता। किसी को विवाद खड़ा करने का कोई मौका नहीं मिलता। पर आजकल की राजनीति में अहं (ego) बड़ा है। कोई नहीं मानता कि उससे गलती हुई। एक FIR कराएगा तो दूसरा भी कराएगा। एक वीडियो दिखाएगा, तो दूसरा भी दिखाएगा।
जो मामला माफी मांगकर खत्म किया जा सकता था, लोकसभा अध्यक्ष के पास जाकर सुलझाया जा सकता था, उसकी जांच अब पुलिस करेगी। ये संसदीय लोकतंत्र के लिए अच्छी परम्परा नहीं है। (रजत शर्मा)
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