Rajat Sharma's Blog | पाकिस्तान मोदी से डरता है : वह नहीं चाहेगा भारत में कोई मज़बूत पीएम हो
अगर पाकिस्तान के नजरिए से देखें, तो पाकिस्तान को भारत में एक कमज़ोर सरकार चाहिए, एक कमजोर प्रधानमंत्री चाहिए। पाकिस्तान की मोदी से यही प्रॉब्लम है। मोदी एक मजबूत प्रधानमंत्री हैं।
चुनाव के मैदान में पाकिस्तान की एंट्री हुई। पाकिस्तान के एक पूर्व मंत्री चौधरी फवाद हुसैन ने कहा कि पाकिस्तान को राहुल गांधी का समर्थन करना चाहिए क्योंकि मोदी सरकार की नीतियां पाकिस्तान के खिलाफ है। फवाद चौधरी ने मोदी के खिलाफ राहुल के कैंपेन को 'राहुल ऑन फायर' कहकर तारीफ की। राहुल ने इस पर कोई प्रतिक्रिया व्यक्त नहीं की, लेकिन नरेंद्र मोदी ने पाकिस्तान की इस बयानबाजी का पूरा-पूरा फायदा उठाया। मोदी ने कहा कि पाकिस्तान ‘कांग्रेस के शहज़ादे’ को प्रधानमंत्री बनवाना चाहता है। मोदी ने कहा कि ‘कांग्रेस मरी, तो पाकिस्तान रोया’। मोदी ने पाकिस्तान के हवाले से कहा कि कांग्रेस के लिए अब पाकिस्तान दुआ कर रहा है। कांग्रेस के शाही परिवार के शहजादे को प्रधानमंत्री बनाने के लिए पाकिस्तान उतावला हो रहा है। प्रधानमंत्री मोदी ने ये बातें गुजरात के आणंद में एक चुनाव रैली में कही।
मोदी ने कहा कि ये बात तो सब जानते हैं कि कांग्रेस पार्टी पाकिस्तान की मुरीद है लेकिन अब तो पाकिस्तान और कांग्रेस की दोस्ती खुलकर सामने आ गई है। फवाद हुसैन पाकिस्तान में इमरान खान की सरकार में सूचना और प्रसारण मंत्री रह चुके हैं। राहुल गांधी के वीडियो को री-ट्वीट करके लिखा था- ‘Rahul on Fire’। जैसे ही फवाद चौधरी का ये ट्वीट सामने आया, बीजेपी को कांग्रेस पर हमला करने का मौका मिल गया। मोदी तो पहले से ही कांग्रेस के घोषणापत्र पर मुस्लिम लीग की छाप होने की बातें कह रहे थे। अब मोदी ने ये कह दिया कि कांग्रेस और पाकिस्तान की साझेदारी खुलकर सामने आ गई है। मोदी का ये भाषण फवाद चौधरी ने भी सुना और उसके बाद ट्वीट करके कहा कि लगता है मोदी जी मेरे बयान से नाराज़ हो गए हैं। फवाद चौधरी ने कहा कि वो राहुल गांधी को व्य़क्तिगत रूप से नहीं जानते लेकिन मोदी सरकार की नीतियां उन्हें पसंद नहीं है, इसलिए राहुल गांधी का समर्थन किया जाना चाहिए।
कांग्रेस नेता अशोक गहलोत ने गुजरात की चुनाव रैली में कहा कि जब जब चुनाव आता है, बीजेपी पाकिस्तान को ले आती है, ये सब बीजेपी का चुनावी हथकंडा है, इससे कोई फायदा नहीं होने वाला कांग्रेस के नेता राशिद अल्वी ने कहा कि कांग्रेस पर सवाल उठाने से पहले मोदी को ये बताना चाहिए कि पाकिस्तान से उनका क्या रिश्ता है क्योंकि प्रधानमंत्री रहते हुए मनमोहन सिंह तो कभी पाकिस्तान नहीं गए, लेकिन मोदी तो पहली बार प्रधानमंत्री बनते ही पाकिस्तान पहुंच गए थे।
मोदी और पाकिस्तान का रिश्ता कोई रहस्य की बात नहीं है। मोदी ने पहले दोस्ती का हाथ बढ़ाया। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री को अपने पहले शपथ ग्रहण समारोह में बुलाया। फिर नवाज शरीफ के आमंत्रण पर अचानक लाहौर भी गए। दुनिया को दिखा दिया कि उन्होंने पाकिस्तान को सुधरने का पूरा पूरा मौका दिया लेकिन जब पाकिस्तान नहीं माना, नहीं सुधरा, तो दो-दो बार घर में घुसकर मारा। एक बार हमारी फौज ज़मीन के रास्ते से गई और दूसरी बार बजरंगबली के रास्ते से उड़कर हमारी वायुसेना ने एयर स्ट्राइक की। ये संक्षेप में मोदी का रिकॉर्ड है। ये मोदी का पाकिस्तान से रिश्ता है। अब कांग्रेस के रिश्ते को समझने की कोशिश करते हैं।
कांग्रेस की सरकार में पूर्व मंत्री मणिशंकर अय्यर ने पाकिस्तान जाकर पाकिस्तानियों से मोदी को हराने में मदद मांगी थी। अब 10 साल बाद पाकिस्तान के एक पूर्व मंत्री ने कहा राहुल को समर्थन देना चाहिए। फवाद चौधरी ने राहुल को ‘ऑन फायर’ कहकर उनकी तारीफ की। अब ये बताने की जरूरत नहीं है कि मोदी को ये मौका किसने दिया? और मोदी ऐसे किसी मौके को कभी नहीं छोड़ते। फुलटॉस फेंकोगे तो मोदी सिक्सर जरूर मारेंगे। अच्छा तो ये होता कि राहुल गांधी कहते कि उन्हें पाकिस्तान का समर्थन नहीं चाहिए। ये हमारे घर का मामला है, इसे हम आपस में निपटा लेंगे। लेकिन राहुल तो इसपर खामोश रहे। अगर पाकिस्तान के नजरिए से देखें, तो पाकिस्तान को तो भारत में एक कमज़ोर सरकार चाहिए, एक कमजोर प्रधानमंत्री चाहिए। पाकिस्तान की मोदी से यही प्रॉब्लम है। मोदी एक मजबूत प्रधानमंत्री हैं। उनके पास पूर्ण बहुमत वाली मजबूत और टिकाऊ सरकार है। पिछले 10 साल में पूरी दुनिया में भारत का रुतबा बढ़ा है, पाकिस्तान की हैसियत कम हुई है। पाकिस्तान मोदी से डरता है, इसीलिए पाकिस्तान कभी नहीं चाहेगा कि मोदी एक बार फिर प्रधानमंत्री बनें। (रजत शर्मा)
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