जम्मू कश्मीर के चुनाव में पाकिस्तान का ज़िक्र क्यों आया ? मोदी ने कांग्रेस और पाकिस्तान के कनेक्शन का मसला क्यों उठाया? ये समझने की ज़रूरत है। मोदी ने ये मसला इसीलिए नहीं उठाया कि वह पाकिस्तान को अहमियत देना चाहते हैं बल्कि इसीलिए उठाया कि वह आर्टिकल 370 के सवाल पर कांग्रेस को expose करना चाहते हैं। नेशनल कॉन्फ्रेंस का स्टैंड बिलकुल साफ है, वह आर्टिकल 370 की वापसी चाहती हैं। चुनाव में नेशनल कॉन्फ्रेंस का कांग्रेस के साथ गठबंधन है, लेकिन कांग्रेस तो चुनाव के दौरान आर्टिकल 370 का नाम तक लेने से डर रही है। कांग्रेस के जम्मू कश्मीर घोषणापत्र में भी इसका जिक्र नहीं हैं। नेताओं के भाषणों से ये शब्द गायब है। संसद में भी कांग्रेस ने आर्टिकल 370 को खत्म करने के विधेयक का समर्थन किया था लेकिन पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने इस मुद्दे पर कांग्रेस का नाम लेकर उसे भी लपेट लिया। अब बीजेपी के नेता पूरे चुनाव में ख्वाजा आसिफ के बयान का हवाला देकर कांग्रेस से सवाल पूछेंगे और कांग्रेस को सफाई देनी पड़ेगी। कांग्रेस के लिए एक तरफ कुआं है, दूसरी तरफ खाई। अगर आर्टिकल 370 हटाने को समर्थन किया तो नेशनल कॉन्फ्रेंस पूछेगी, फिर गठबंधन का क्या मतलब ? और अगर आर्टिकल 370 वापस लाने की बात की, तो बीजेपी कहेगी ये पाकिस्तान का एजेंडा है।
दरअसल कश्मीर घाटी में आर्टिकल 370 के हटने के बाद ज़मीनी स्तर पर बुनियादी बदलाव आया है। मोदी की ये बात सही है कि कश्मीर में बदलाव आया है और ये बदलाव सबको दिखाई देता है। चुनाव के माहौल में जब रिपोर्टर्स कश्मीर के लोगों से बात करते हैं तो लोग मानते हैं कि अब न पत्थर चलते हैं, न दुकानें बंद होती हैं, न कर्फ्यू लगता है। लोग बड़े जोश से बताते हैं कि आर्टिकल 370 हटने के बाद कश्मीर में माहौल बदला है, अब बच्चे स्कूल जाते हैं, दुकानें खुलती हैं, डल झील में सैलानियों के लिए शिकारे चलते हैं, कश्मीर घूमने के लिए टूरिस्ट आते हैं, सिनेमा हॉल खुल गए हैं, कश्मीर में लोग अब खुली हवा में सांस लेते हैं, अब कहीं किसी का डर नहीं है। अब लोग बंदूक के साये में नहीं जीते। लोग ये सब मानते हैं लेकिन जब रिपोर्टर्स उनसे पूछते हैं कि आर्टिकल 370 मोदी ने हटाया, कश्मीर में माहौल मोदी ने बदला, तो क्या आप मोदी को वोट देंगे? तो ज्यादातर लोग कहते हैं कि हम मोदी को हराने के लिए वोट देंगे क्योंकि मोदी ने हमारा आर्टिकल 370 छीन लिया। रिपोर्टर ये पूछते रह जाते हैं कि अगर आर्टिकल 370 हटने से हालात बेहतर हुए हैं, लोगों की जिंदगी खुशहाल हुई है तो फिर इसका रंज क्यों ? लेकिन इसका कोई जवाब नहीं मिलता। ये कश्मीर की ग्राउंड रिएलिटी है जिससे आंखें नहीं फेरनी चाहिए। इस ग्राउंड रिएलिटी को स्वीकार करने में वहां के लोगों को वक्त लगेगा क्योंकि आज भी कश्मीर के लोगों के फोन पर एक-एक दिन में 10-10 मैसेज आते हैं जिनमें उनको बहकाया जाता है, उनके जज़्बात को भड़काया जाता है, केंद्र सरकार और मोदी को लेकर गुमराह किया जाता है। इस बहकावे का असर तो जाते जाते जाएगा।(रजत शर्मा)
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