A
Hindi News भारत राष्ट्रीय Rajat Sharma's Blog | बृजभूषण को एक-न-एक दिन अपने किये की सज़ा ज़रूर मिलेगी

Rajat Sharma's Blog | बृजभूषण को एक-न-एक दिन अपने किये की सज़ा ज़रूर मिलेगी

बृजभूषण और उनके परिवार के किसी सदस्य पर फेडरेशन का चुनाव लड़ने पर पाबंदी लगा दी गई लेकिन इसके बाद भी बृजभूषण बहादुर पहलवान बेटियों पर हंसते नजर आए।

Rajat Sharma Blog, Rajat Sharma Blog Latest, Rajat Sharma- India TV Hindi Image Source : INDIA TV इंडिया टीवी के चेयरमैन एवं एडिटर-इन-चीफ रजत शर्मा।

देश की बहादुर बेटियां फिर रोईं और आरोपी बृजभूषण शरण सिंह एक बार फिर ठहाके लगाकर हंसे। मेडल जीतने वाले चैम्पियन पहलवानों ने कहा कि वो हार गए। अब कुश्ती में आने वाली पीढियों को बेटियों के सम्मान की लड़ाई खुद लड़नी पड़ेगी। बाहुबली बृजभूषण शरण सिंह ने कहा कि “दबदबा था, दबदबा है, और दबदबा बना रहेगा”। आंखों मे आंसू लिए साक्षी मलिक ने कुश्ती की रिंग में अब कभी न उतरने का ऐलान किया और बृजभूषण शरण सिंह ने कहा कि भारतीय कुश्ती पर 11 महीने से चल रहा राहु काल खत्म हो गया, अब रिंग में उनके मुकाबले कोई नहीं। गुरुवार को भारतीय कुश्ती फेडरेशन WFI के चुनाव हुए। बृजभूषण शरण सिंह ने अपने सारे मोहरों को चुनाव जिता दिया – अध्यक्ष, वरिष्ठ उपाध्यक्ष, उपाध्क्ष, कोषाध्यक्ष, सचिव और कार्यकारिणी के सदस्य, सभी पदों पर बृजभूषण शरण सिंह के लोग जीते। हालांकि दावा ये किया जा रहा था कि अब बृजभूषण का फेडरेशन से कोई लेना देना नहीं है। विनेश फोगाट, साक्षी मलिक और तमाम महिला पहलवानों ने बृजभूषण पर लड़कियों के साथ जोर-जबरदस्ती करने, उनका यौन शोषण करने के इल्जाम लगाए थे। फेडरेशन में वित्तीय और दूसरी गड़बडियों के आरोप लगाए थे। दिल्ली के जंतर मंतर पर दो-दो बार खिलाड़ी धरने पर बैठे, खेल मंत्री ने कई दौर की बातचीत की। बृजभूषण के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया। बीजेपी के बाहुबली सांसद को फेडरेशन और चुनाव से दूर रखने का भरोसा दिया गया।

बृजभूषण और उनके परिवार के किसी सदस्य पर फेडरेशन का चुनाव लड़ने पर पाबंदी लगा दी गई लेकिन इसके बाद भी बृजभूषण बहादुर पहलवान बेटियों पर हंसते नजर आए और दावा किया कि 90 प्रतिशत वोट उनको मिले हैं। अब सवाल ये है कि क्या बृजभूषण सरकार से बड़े हो गए? क्या बेटियों का संघर्ष बेकार चला गया? क्या पहलवानों के आरोपों का कोई मतलब नहीं था? क्या दिल्ली पुलिस की चार्जशीट की कोई अहमियत नहीं? क्या मेडल जीतने वाली, देश का नाम रौशन करने वाली बेटियों के प्रति दिखाई गई सहानुभूति, उनसे किए गए वादे झूठे थे? चुनाव नतीजों का जश्न बृजभूषण के घर पर ही हुआ। चुनाव जीतने वाले पहले से बृजभूषण के घर पर मौजूद थे। WFI के अध्यक्ष पद के लिए संजय सिंह के खिलाफ राष्ट्रमंडल खेलों की स्वर्ण पदक विजेता अनीता श्योराण खड़ी थीं लेकिन कुल 47 वोटों में से संजय सिंह को 40 वोट मिले और अनीता श्योराण को सिर्फ 7 वोट मिले। जैसे ही नतीजा आया, बृजभूषण के घर पर जम कर आतिशबाजी शुरू हो गई। बृजभूषण विजेता की तरह घर से बाहर निकले। संजय सिंह बृजभूषण के पीछे पीछे चल रहे थे। बाकी पदाधिकारी भी नेताजी के अगल बगल थे। जो जीते, उनके गले में कोई माला नहीं थी, उन पर किसी तरह के फूल नहीं बरसे। सारी मालाएं बृजभूषण के गले में थीं, फूल भी नेताजी पर बरस रहे थे। बाहर आते ही बृजभूषण ने व्यंग्यात्मक हंसी के साथ विक्ट्री का साइन दिखाया, मूंछों पर ताव दिया, और कहा कि दबदबा था, दबदबा है, और दबदबा रहेगा, दबदबा तो भगवान का दिया हुआ है।

बृजभूषण जब डायलॉग मार रहे थे तब नए अध्यक्ष संजय सिंह नेताजी के डायलॉग की वाहवाही कर रहे थे। संजय सिंह ने कहा कि वो भले ही चुनाव जीते हैं लेकिन कुश्ती की आत्मा तो बृजभूषण ही हैं। बृजभूषण ने कहा कि अब कुश्ती में नई जान आएगी। बृजभूषण नारे लगवा कर, मीडिया के सामने शेखी बघारकर, विरोध करने वाले पहलवानों को अपनी ताकत का अहसास करवा कर घर में वापस चले गए। उधर, विनेश फोगाट, बजरंग पूनिया और साक्षी मलिक टीवी पर बृजभूषण की बातें देख रहे थे, उनकी आंखों में आंसू थे। तीनों पहलवान काफी हिम्मत जुटाकर कैमरों के सामने आए, बोलने की बहुत कोशिश की लेकिन दो मिनट से ज्यादा कोई नहीं बोल पाया। सबने कहा कि अब और हिम्मत नहीं है, अब उम्मीद नहीं है, हम हार गए, पता नहीं हमारे देश में न्याय कहां मिलता है, सारे दरवाजे तो खटखटा लिए, अब कहां जाएं, जो आरोपी, गुनहगार हैं, वो जीत के ठहाके लगा रहे हैं। हमारी बेबसी पर हंस रहे हैं, अब कुश्ती में लड़कियों का क्या होगा, वो नहीं जानते। साक्षी मलिक ने तो अपने जूते खोलकर टेबल पर रख दिए, रोते रोते बोलीं, अब कभी रिंग में नहीं उतरेंगी, कभी मैट पर दिखाई नहीं देंगी। इतना कहकर वह रोते हुए उठकर चली गईं। बृजभूषण ने जो कहा वो करके दिखा दिया। ये साबित कर दिया कि कुश्ती संघ में दबदबा तो उनका ही रहेगा लेकिन आज देश के लिए मेडल जीतने वाली बेटियों के आंसू देखकर हर किसी का दिल रोया होगा। यौन शोषण के आरोपी बृजभूषण शरण सिंह का अट्टहास देखकर सबको सिस्टम की बेबसी पर गुस्सा आया होगा। 

बृजभूषण ने पहले ही कहा था, कुश्ती पर उनका दबदबा है और रहेगा, देश का नाम रौशन करने वाली पहलवान बेटियों से वादा किया गया था कि फेडरेशन को बृजभूषण के चंगुल से आजाद करा दिया जाएगा लेकिन चुनाव जीतने के बाद संजय सिंह अपने आका के घर पहुंचे, जीत का अहंकार बृजभूषण के चेहरे पर दिखा। उनकी तैयारी पूरी थी क्योंकि वोटर उनके थे, सिस्टम उनका था, जीतने वाला चेला उनका था। बृजभूषण 6 बार के सांसद हैं, 50 से ज्यादा स्कूल कॉलेज चलाते हैं, कई बार जेल जा चुके हैं, बाहुबली हैं। उनका दावा है कि वो दबदबे से बीजेपी को चुनाव जिता सकते हैं। अगर उन्हें किनारे करने की कोशिश की गई तो वो समाजवादी पार्टी में जा सकते हैं। ये कारनामा वो पहले करके दिखा चुके हैं। महाबली बृजभूषण शरण सिंह मानते हैं कि उनके सामने धरने पर बैठने वाली लड़कियों की कोई हैसियत नहीं है। वह सोचते हैं कि ये चैम्पियन, पहलवान लड़कियां बीजेपी के किस काम की हैं, उनके पास ना वोट है, ना सपोर्ट है, इनके रोने-धोने से क्या होगा। लेकिन मुझे लगता है कि जीत के गुरूर में बृजभूषण शरण सिंह कुछ भूल रहे हैं। दिल्ली पुलिस ने उनके खिलाफ जो चार्जशीट फाइल की है वो बहुत खतरनाक है। लड़कियों ने उन पर यौन शोषण के जो आरोप लगाए हैं वो बहुत गंभीर हैं। अगर वो ये सोचते हैं कि फेडरेशन का चुनाव जीतकर अपना दबदबा दिखाकर वो आरोप लगाने वाली पहलवानों को डरा देंगे, गवाहों को धमकाकर पलटवा देंगे तो वो गलतफहमी में हैं। फेडरेशन में बृजभूषण के कब्जे की चिंगारी आग बनकर भड़केगी, साक्षी और विनेश के आंसू अदालत में तेजाब बनकर बरसेंगे। भगवान के घर में देर हैं, पर अंधेर नहीं है। कानून के लंबे हाथ जब बृजभूषण तक पहुंचेंगे तब उन्हें अपनी गलती का अहसास होगा। (रजत शर्मा)

देखें: ‘आज की बात, रजत शर्मा के साथ’ 21 दिसंबर, 2023 का पूरा एपिसोड

Latest India News