Rajat Sharma's Blog | मोदी-पुतिन वार्ता : भारत के लिए गौरव का क्षण
पुतिन जैसे नेता आमतौर पर ऐसी बातें सुनने के आदी नहीं होते, ना ही ऐसे नेताओं की फितरत किसी दूसरे की खुलकर तारीफ करने की होती है। लेकिन हमने ये मॉस्को में होते हुए देखा।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से साफ लफ्ज़ों में, दो टूक कहा कि युद्ध किसी समस्या का समाधान नहीं है, बम बंदूक के जरिए कोई रास्ता नहीं निकल सकता। मोदी ने कहा कि यूक्रेन और रूस के बीच जंग को खत्म कराने में, शान्ति बहाल करने में भारत अपनी भूमिका निभाने को तैयार है। ये पहला मौक़ा है जब रूस की राजधानी में बैठकर रूसी राष्ट्रपति की आंखों में आंख डालकर दुनिया के किसी दूसरे देश के नेता ने यूक्रेन के मसले पर इतनी साफगोई से और इतने सख्त शब्दों में युद्ध की मुखालफत की हो। मोदी ने व्लादिमीर पुतिन से यहां तक कहा कि जिस तरह से कल रूस ने कीव में बच्चों के हॉस्पिटल पर हमला किया, वो कतई ठीक नहीं था। मोदी ने कहा कि बच्चों को इस तरह से मरता हुआ देखकर हर इंसान को कष्ट होगा, कोई इसका समर्थन नहीं कर सकता। आतंकवाद के सवाल पर भी मोदी ने भारत के सख्त रुख़ का इजहार किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि दुनिया में आंतकवाद कहीं भी हो, किसी भी रूप में हो, सबको मिलकर उसका विरोध करना ही पड़ेगा। आतंकवाद का समर्थन करने वाले मुल्कों के खिलाफ दुनिया को एकजुट होना पड़ेगा क्योंकि दहशतगर्दी इंसानियत की सबसे बड़ी दुश्मन है। हालांकि मोदी ने बार बार कहा कि रूस भारत का भरोसेमंद दोस्त है, दोनों देशों के रिश्ते ऐसे हैं जिसमें खुलकर बात की जा सकती है। नरेन्द्र मोदी ने जिस अंदाज़ में बात की, पुतिन ने जिस तरह मोदी का सम्मान किया, उन्हें गंभीरता से सुना, ये दुनिया के लिए बड़ा संदेश है।
पूरी दुनिया की निगाहें इस बात पर थीं कि मोदी रूस जाकर यूक्रेन युद्ध पर क्या स्टैंड लेते हैं। चूंकि मोदी इससे पहले कई मौकों पर यूक्रेन युद्ध के खिलाफ बयान दे चुके थे, पुतिन से युद्ध रोकने की बात कह चुके थे लेकिन इस बार, पुतिन से बात आमने सामने होनी थी। अमेरिका और दूसरे यूरोपीय देशों ने मोदी के रूस दौरे पर नाखुशी जाहिर थी लेकिन मोदी ने इन सब बातों की परवाह नहीं की। भारत का जो स्टैंड है, उसे पूरी साफगोई और सलीक़े के साथ रखा। मोदी पुतिन की द्विपक्षीय वार्ता के बाद जब दोनों नेता सार्वजनिक तौर पर मीडिया से बात करने आए तो मोदी ने सबसे लंबी बात यूक्रेन युद्ध पर ही की। मोदी ने पुतिन से साफ कहा कि बम और बंदूक से आज तक किसी मसले का हल न निकला है और न आगे भी निकलेगा, रास्ता बातचीत से ही निकलेगा। इतना ही नहीं मोदी के मॉस्को पहुंचने से ठीक पहले कल रूस की तरफ से यूक्रेन की राजधानी कीव में रूसी सेना ने बमबारी की थी, बच्चों के अस्पताल पर बम गिराए थे। मोदी ने कहा कि बच्चों के अस्पताल पर रूस का मिसाइल हमला अफसोसनाक है, युद्ध में बच्चों को मरते देखकर दिल को चोट पहुंचती है, ऐसा नहीं होना चाहिए।
पुतिन के सामने मोदी ने बातें सख्त कहीं लेकिन अंदाज़ अपनेपन वाला था। मोदी ने कहा कि कल पुतिन ने उन्हें अपने घर बुलाया, दोस्त की तरह उनका स्वागत किया, ये दिल को छूने वाला संकेत था, इसीलिए वो एक सच्चे दोस्त की तरह दिल की बात अपने दोस्त से कह सकते हैं। नरेन्द्र मोदी ने कहा कि भारत यूक्रेन युद्ध को ख़त्म करने और शांति बहाल करने में पूरी मदद करने के लिए तैयार है। पुतिन के सामने मोदी ने कहा कि वह पूरी दुनिया को ये भरोसा देना चाहते हैं कि बातचीत से यूक्रेन युद्ध ख़त्म किया जा सकता है, ये संभव है। पुतिन ने मोदी की बात ध्यान से सुनी। जब मोदी ने यूक्रेन युद्ध के शांतिपूर्ण हल की बात की तो पुतिन ने कहा कि यूक्रेन युद्ध ख़त्म करने के लिए मोदी जो कोशिशें कर रहे हैं, रूस उसकी सराहना करता है। मोदी का ये बयान सिर्फ यूक्रेन और रूस के लिहाज से बड़ा नहीं है। भारत के प्रधानमंत्री का ये बयान दुनिया की दूसरी बड़ी ताकतों के लिए भी संदेश है क्योंकि यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदोमीर ज़ेलेंस्की ने मोदी के रूस दौरे पर अफ़सोस जताया था और अमेरिका ने भी भारत और रूस की दोस्ती को लेकर चिंता जताई थी। लेकिन आज मोदी ने ये साफ कर दिया कि भारत किसी के दबाव में आने वाला नहीं है, भारत वही कहेगा, वही करेगा, जो भारत के हित में होगा, जो भारत को सही लगेगा।
मोदी ने ये बता दिया कि भारत, पुतिन की आंखों में आंख डालकर उसकी आलोचना कर सकता है, गलत को गलत कह सकता है। हालांकि ऐसा नहीं है कि मोदी ने यूक्रेन युद्ध के लिए सिर्फ रूस की आलोचना की। मोदी ने रूस में आंतकवादी हमलों के लिए यूक्रेन को भी चेतावनी दी। पुतिन के साथ बातचीत में मोदी ने रूस में हुए आतंकवादी हमलों की निंदा की। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत दहशतगर्दी के दंश को पचास साल से भोग रहा है, इसका मुकाबला कर रहा है, इसलिए भारत आंतकवाद के दर्द को भलीभांति जानता है, महसूस करता है। मोदी ने कहा कि दुनिया में आतकवाद कहीं भी हो, किसी भी रूप में हो, भारत हर तरह के आतंकवाद के सख़्त ख़िलाफ़ है और इसके खिलाफ हर तरह के संघर्ष में साथ देने को तैयार है। रूस और भारत ने परमाणु ऊर्जा के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने का फ़ैसला किया है। इसके तहत रूस की कंपनियां भारत में छह नए परमाणु रिएक्टर लगाएंगी। भारत ने रूस के कज़ान और येकाटेरिनबर्ग में दो नए वाणिज्य दूतावास खोलने का फ़ैसला किया है तो रूस ने अपने यहां की सेना में धोखे से भर्ती किए गए भारतीय नागरिकों को वापस भेजने में पूरी मदद करने का भरोसा दिया है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इतने खुलकर, इतने आत्मविश्वास के साथ अपनी बात इसलिए कही क्योंकि राष्ट्रपति पुतिन के साथ मोदी का व्यक्तिगत, पुराना रिश्ता है। पुतिन ने भी मोदी की खातिरदारी में कोई कोरकसर नहीं छोड़ी। पुतिन ने मोदी के लिए अपने निजी घर पर प्राइवेट डिनर का आयोजन किया। पुतिन का डाचा राजधानी मॉस्को के बाहरी इलाक़े में है। जब मोदी डिनर के लिए पहुंचे, तो पुतिन खुद मोदी के स्वागत के लिए गेट पर उनका इंतजार कर रहे थे, गले मिलकर अभिवादन किया। इसके बाद पुतिन ने मोदी को अपना घर, घर का गार्डेन और अस्तबल भी दिखाया। पुतिन ने लगातार तीसरी बार चुनाव जीतने पर मोदी को मुबारकबाद दी और कहा कि वो मोदी की ऊर्जा से बहुत प्रभावित हैं। नरेंद्र मोदी ने पुतिन से क्या कहा, ये तो सबने सुना लेकिन पुतिन ने मोदी के बारे में जो कहा वो और भी दिलचस्प है। पुतिन ने मोदी की गारंटी की बात की, कहा भारत और रूस के रिश्ते सभी दिशाओं में विकसित हो रहे हैं, इसकी गारंटी मोदी की नीति है। पुतिन ने मोदी के बारे में जो दूसरी बात कही वो और भी बड़ी है।पुतिन ने कहा कि मोदी हमेशा भारत के लोगों के हित में फैसले लेते हैं। फिर इस बात पुतिन ने क्वालिफाई करते हुए कहा, वो सोच भी नहीं सकते कि कोई ताकत मोदी को डराकर या मजबूर करके भारत के खिलाफ कोई फैसला करवा सकती है। तीसरी बात पुतिन ने कही कि मोदी एक इंटेलिजेंट शख्स हैं, उनके नेतृत्व में भारत जबरदस्त प्रगति कर रहा है। पुतिन की इन बातों को अगर इस संदर्भ में देखें कि मोदी ने पुतिन से बात करते वक्त अपने विचारों को चाशनी में डुबोकर पेश नहीं किया। मोदी ने पुतिन के सामने यूक्रेन पर हुए हमले का विरोध किया, रूस की बमबारी में मारे गए बच्चों की मौत का भी जिक्र किया। पुतिन जैसे नेता आमतौर पर ऐसी बातें सुनने के आदी नहीं होते, ना ही ऐसे नेताओं की फितरत किसी दूसरे की खुलकर तारीफ करने की होती है। लेकिन हमने ये मॉस्को में होते हुए देखा। मोदी का ये सम्मान, वैश्विक नेताओं में मोदी की ये पोजिशन, भारत के लिए सम्मान की और गौरव की बात है। (रजत शर्मा)
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