Rajat Sharma's Blog | खाने में थूक: विकृत मानसिकता वालों के मन में खौफ पैदा करना ज़रूरी
आमतौर पर पुलिस ऐसी हरकत करने वालों को पकड़ती है और उन्हें कोर्ट से आसानी से जमानत मिल जाती है। अब योगी आदित्यनाथ ने इस तरह की घटनाएं रोकने के लिए सख्त कानून बनाने का फैसला किया है।
आज मैं आपको जो बताने जा रहा हूं, उससे आपको बुरा लगेगा, गुस्सा आएगा, घिन्न आएगी, तकलीफ होगी, पर ये आपको बताना जरूरी है। आपको चेतावनी देना जरूरी है। बागपत जिला अस्पताल में 2 कर्मचारियों, जब्बार खान और मुर्शीद खान ने डिप्टी सीएमओ से बदला लेने के लिए उनके खाने में टीबी के मरीजों का खतरनाक बैक्ट्रीरिया युक्त बलगम मिलाने की साजिश रची। गाजियाबाद में एक घर में खाना बनाने वाली नौकरानी, रीना, बदला लेने के लिए 8 साल से आटे में अपना पेशाब मिला रही थी और कैमरे पर पकड़े जाने के बाद गिरफ्तार हुई। सहारनपुर के खलीफा होटल में तंदूरी रोटी सेंकने वाला आटे में थूक मिलाता हुआ पकड़ा गया। ये तीनों घटनाएं कैमरे में रिकॉर्डेड हैं। ये तीनों घटनाएं रोंगटे खड़े करने वाली है, लेकिन पुलिस लाचार है। इस तरह की हरकत करने वालों को पकड़ने के लिए कोई कठोर कानून नहीं है। ऐसी नीच हरकत करने वालों को आसानी से ज़मानत मिल जाती है क्योंकि फिलहाल ऐसा कोई कानून नहीं हैं जिसके तहत पुलिस इस तरह की हैवानियत करने वालों को सख्त सज़ा दिला सके। हालांकि अब योगी आदित्यनाथ की सरकार ने खाने की चीजों में ह्यूमन वेस्ट मिलाने को गैरजमानती अपराध बनाने का फैसला किया है और ऐसी हरकतें करने वालों को 10 साल जेल की सजा होगी और भारी जुर्माना लगाया जाएगा।
कानून बनेगा और उसके हिसाब से पुलिस कार्रवाई करेगी, ये तो बाद की बात है, लेकिन जो खबरें आईं है, वो सोचकर मन में बार-बार यही सवाल उठता रहा कि कोई इंसान इस तरह की हरकत कैसे कर सकता है? ये कैसी सोच है? और तीन-तीन जगह एक ही तरह की घटनाएं हों, ये तो और भी हैरत की बात है। शुक्र है कि बागपत जिला अस्पताल में इन दोनों कर्मचारियों को खाने में टीवी मरीज़ों का बलगम मिलाने की साजिश का समय पर पता चल गया क्योंकि उनके एक साथी रिंकू ने फोन पर बातचीत रिकॉर्ड कर डिप्टी सीएमओ को बता दिया। सोचिए, जिन कर्माचारियों पर टीबी उन्मूलन की जिम्मेदारी हो, जो वायरस को फैलने से रोकने का काम करते हों, वही डॉक्टर और उसके पूरे परिवार के खाने में मरीज का बलगम मिलाने की साजिश रचें। ऐसा केस मैंने भी पहली बार सुना है, पहली बार देखा है। इससे पहले थूक लगा कर रोटी बनाने के वीडियो तो आते थे लेकिन पिछले दो महीनों में इस तरह के केस में जिस तरह सख्ती से कार्रवाई की गई, उससे लगा कि ये मामले रुक जाएंगे और ऐसी हरकतें बंद हो जाएंगी, लेकिन ऐसा हुआ नहीं। सहारनपुर के खलीफा होटल से जो वीडियो आया उसमें साफ दिख रहा है कि जो शख्स तंदूर में रोटी सेंक रहा है, वो पहले हाथों से लोई तैयार करता है, फिर रोटी को तंदूर में डालने से पहले उसपर थूकता है। बजरंग दल के कुछ कार्यकर्ताओं ने हंगामा किया, पुलिस से शिकायत की और तब खलीफा होटल के मालिक और कर्मचारी के खिलाफ कार्रवाई हुई। होटल पर एक्शन को लेकर सहारनपुर पुलिस के एसपी का कहना है कि इस पर कार्रवाई करने का अधिकार खाद्य नियंत्रण विभाग का है, पुलिस का नहीं।
अब सवाल ये है कि इस तरह की घटनाओं को कैसे रोका जाए? योगी आदित्यनाथ ने इस तरह के केस में पुलिस को सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए थे, लेकिन बात नहीं बनी, क्योंकि पुलिस इस तरह की घिनौनी हरकत करने वालों को पकड़ती है, लेकिन कभी किसी ने सोचा ही नहीं कि इस तरह की नीचता भी कोई इंसान कर सकता है। इसके लिए कोई स्पेसिफिक कानून भी नहीं है। आमतौर पर पुलिस ऐसी हरकत करने वालों को पकड़ती है और उन्हें कोर्ट से आसानी से जमानत मिल जाती है। अब योगी आदित्यनाथ ने इस तरह की घटनाएं रोकने के लिए सख्त कानून बनाने का फैसला किया है। खाने-पीने की चीजों में मिलावट करना अपराध है, पर खाने में बलगम या पेशाब या थूक मिलाना महापाप है। इस मानसिकता को समझना मुश्किल है। आजकल सीसीटीवी होते हैं, सबके फोन में कैमरे होते हैं, इसीलिए ये अपराधी पकड़े गए। इनके खिलाफ सबूत भी मिल गए, वरना यहां तो पता ही नहीं चलता कि खाने में कौन क्या मिला रहा है और अगर पता चल भी जाता तो उसे साबित करना मुश्किल होता। ऐसा पाप करने वालों की ये सोच कहां से आई, समझना मुश्किल है। कोई इसे थूक जिहाद कहेगा, कोई इसे विकृत मानसिकता कहेगा, कोई पागलपन करार देगा, लेकिन इससे अपराध की गंभीरता कम नहीं होती। जिनके साथ ये हुआ, जिन्होंने इस तरह का खाना खाया, उन पर क्या बीतती होगी, ये सोचकर ही रोंगटे खड़े हो जाते हैं। ऐसी हरकत करने वालों को पकड़ने के लिए, सजा दिलाने के लिए, कोई कानून इसीलिए नहीं है क्योंकि कानून बनाने वालों ने कभी कल्पना भी नहीं की होगी कि घर में काम करने वाली नौकरानी, तंदूर पर रोटी बनाने वाले लोग इतना घिनौना काम कर सकते हैं। मैं योगी आदित्यनाथ की तारीफ करूंगा कि उन्होंने इस बारे में सोचा और कानून बनाने का फैसला किया। जब तक ऐसी विकृत मानसिकता वाले लोगों के मन में खौफ नहीं होगा, कानून का डर नहीं होगा, तब तक ऐसे लोग इस तरह के गंदे काम करते रहेंगे। (रजत शर्मा)
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