Rajat Sharma’s Blog : हर घर फहरायें तिरंगा, सामाजिक एकता और समरसता की जड़ें होंगी मजबूत
यह तिरंगा वो छत्र है जिसकी छाया में हर हिन्दुस्तानी सुरक्षित है। तिरंगा वह प्रतीक है जो हर हिन्दुस्तानी को गर्व की अनुभूति कराता है।
देश की आजादी के 75 वीं वर्षगांठ का जश्न मनाने से तीन दिन पहले शुक्रवार को अधिकांश शहरों में हजारों लोग पूरे गर्व के साथ हाथों में तिरंगा लहराते हुए सड़कों पर निकले। श्रीनगर की खूबसूरत डल झील से लेकर तमिलनाडु में धनुषकोडी के समुद्री किनारों तक, गुजरात के कच्छ से लेकर असम के कामरूप तक सिर्फ तिरंगा ही तिरंगा दिखाई दिया। सड़कों पर तिरंगे का सैलाब उमड़ पड़ा।हाथ में तिरंगा और जुबां पर देशभक्ति के नारे थे। हाथों में तिरंगा लिए लोगों ने वंदे मातरम, राष्ट्रगान जन गण मन और सारे जहां से अच्छा हिंदोस्तान हमारा गाया। देश के लगभग हर शहर और कस्बे में लोगों ने अपने घरों पर तिरंगा लहाराया।
चाहे दिल्ली हो या भोपाल, खरगोन, इंदौर, शाजापुर, पटना, कानुपर, लखनऊ, बनारस, इलाहाबाद, सहारनपुर, अहमदाबाद, सूरत, जामनगर, राजकोट, वडोदरा, मुंबई, पुणे, नागपुर, नासिक, जम्मू, श्रीनगर, लेह, गुवाहाटी, गंगटोक, हैदराबाद या फिर चेन्नई, हाथों में तिरंगा लिए और देशभक्ति के गाने गाते आम लोगों की तस्वीरें हर तरफ दिखीं।
तिंरगा देश की एकता और अखंडता का प्रतीक है। यह अनेकता में एकता का प्रतीक है। पुरुषों, महिलाओं, बुजुर्गों और बच्चों ने पूरे उत्साह के साथ तिरंगा रैली में हिस्सा लिया। सबसे खास और उत्साह बढ़ानेवाली तस्वीरें देश की विभिन्न मस्जिदों से आई जहां मुअज्जिन ने जुमे की नमाज के बाद तिरंगा लहराने का आह्वान किया था।
मदरसों में छोटे- छोटे बच्चों ने शान से तिरंगा लहराया। जुमे की नमाज के बाद मस्जिदों में देशभक्ति के तराने बजे। मदरसों में बच्चों को तिरंगे का महत्व बताया गया। मौलवियों ने वतन परस्ती और वतन से मोहब्बत पर तकरीरें की। जिन लोगों को मुस्लिम भाइयों की देशभक्ति पर थोड़ा भी शक है उन्हें इन तस्वीरों को जरूर देखना चाहिए जिसे हमने शुक्रवार रात अपने प्राइम टाइम शो 'आज की बात' में दिखाया।
मध्य प्रदेश के छोटे से शहर शाजापुर में हजारों मुसलमान जुमे की नमाज के बाद तिरंगा थामे शहर की सड़कों पर निकल पड़े। बाजार में जुलूस निकाला और तिरंगे के सम्मान में नारे लगाए। पूरा बाजार हिंदुस्तान जिंदाबाद के नारे से गूंज उठा। बड़े-बड़े स्पीकर्स के जरिए दशभक्ति के गाने बजे तो पूरा माहौल देशभक्ति की भावना से लबरेज हो गया।
ये बात सही है कि आजादी में हर हिन्दुस्तानी की भूमिका थी।अंग्रेजों के खिलाफ हिन्दू, मुसलमान, सिख, ईसाई सब कंधे से कंधा मिलाकर लड़े और आजादी हासिल की। कुछ महीने पहले खरगोन की हिंसा को लेकर मध्य प्रदेश में हिन्दू-मुसलमान की दूरियों की बहुत चर्चा हुई लेकिन शुक्रवार की तस्वीरों ने दिखा दिया कि जब सवाल देश की आन-बान-शान का हो तो हर हिन्दुस्तानी कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा होगा। मैं आपको बता दूं कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अपील ने लोगों के दिलों में एक नया जोश भर दिया है।
पुराने लखनऊ के हैदरगंज इलाके में लोगों ने तिरंगा यात्रा निकाली।अबु बकर मस्जिद में जुमे की नमाज़ के बाद मुसलमान भाई इकट्ठा हुए और देशभक्ति के नारे लगाए। लखनऊ के इस्लामिक सेंटर में मौलाना खालिद रशीदी फिरंगी महली की संस्था में पढ़ने वाले सैकड़ों मुस्लिम छात्र भी भारत माता की जय बोलते हुए तिरंगा रैली में शरीक हुए। इन छात्रों ने गर्व से देशभक्ति के गीत गाए।
हरियाणा के गुरुग्राम की तस्वीरें तो वाकई में दिल को छूने वाली थीं। गुरुग्राम में जुमे की नमाज तिंरगे के सामने पढ़ी गई। नमाज से पहले मुस्लिम भाइयों ने तिरंगा फहराया और राष्ट्रगान गाया। उसके बाद नमाज पढ़ी और फिर पूरे देश में भाईचारे और अमन के लिए दुआ की। मुंबई में भी मुसलमानों में ऐसा ही उत्साह दिखा। यहां लोगों के बीच तिरंगे बांटे गए और इमारतों पर फहराया गया। क्रॉफर्ड मार्केट में मुंबई की सबसे पुरानी जुम्मा मस्जिद में नमाजियों को तिरंगे दिए गए। सभी ने हाथों में तिरंगा लिए भारत माता की जय के नारे लगाए। वडाला में जुमे की नमाज के बाद तमाम नमाजी मस्जिद के सामने तिरंगा लेकर खड़े हो गए और देशभक्ति के तराने गाने लगे। इन लोगों ने तिरंगे को सलामी भी दी।
श्रीनगर की डल झील के पानी में सिर्फ तिरंगे दिख रहे थे। डल झील पर चल रहे शिकारों में जो तिरंगे लगे थे उनकी परछाई डल के पानी में भी तिरंगे की छाप छोड़ रही थी। लेह में ITBP की तरफ से स्कूल में तिरंगे बांटे गए और स्टूडेंट को देश की आज़ादी के संघर्ष के बारे में बताया गया। वहीं सिक्किम की राजधानी गंगटोक में एमजी रोड पर लगे विशाल तिरंगे पर ITBP ने हेलीकॉप्टर से फूल बरसाए।
हमारा तिरंगा सिर्फ कपड़ा नहीं है, यह सिर्फ एक झंडा नहीं है, देश के बाहर यही तिरंगा हर हिन्दुस्तानी की पहली पहचान है। यह तिरंगा वो छत्र है जिसकी छाया में हर हिन्दुस्तानी सुरक्षित है। तिरंगा वह प्रतीक है जो हर हिन्दुस्तानी को गर्व की अनुभूति कराता है। तिरंगा वो निशान है जिसकी शान की खातिर आजादी के लाखों परवानों ने हंसते-हंसते खुद को कुर्बान कर दिया। तिरंगा किसी कौम का नहीं है। यह किसी एक मजहब का नहीं है। यह तिरंगा किसी इलाके का नहीं है। तिरंगा हर हिन्दुस्तानी का है। हमारे पूर्वजों, स्वतन्त्रता संग्राम सेनानियों ने तिरंगे को कभी झुकने नहीं दिया, कभी गिरने नहीं दिया, इसकी शान में कभी दाग नहीं लगने दिया। अब हम सबकी जिम्मेदारी है कि तिरंगे की शान को और बढ़ाएं।
आइए, हम आज से लेकर 15 अगस्त तक अपने घरों पर तिरंगा फहराएं। 15 अगस्त को देश आजादी की 75 वीं सालगिरह का जश्न मनाएगा जिसे हासिल करने के लिए हमारे पूर्वजों ने बड़ी कीमत चुकाई है। बेशक, कभी-कभी जब कुछ घटनाएं होती हैं तो लगता है कि देशप्रेम में कुछ कमी आई है और तिरंगे के कुछ रंग फीके पड़ने लगे हैं। लेकिन शुक्रवार को पूरे देश से जो तस्वीरें आईं, जो जज्बा सामने आया, वह सारे शक-सुबहे को मिट्टी में मिलाने के लिए काफी है।
मैं तो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को इस बात के लिए धन्यवाद दूंगा कि उन्होंने 'हर घर तिरंगा' अभियान की अपील करके देशवासियों को देश के प्रति अपने जज्बे को प्रकट करने का मौका दिया। इससे एकता और सामाजिक सद्भाव की जड़ें और मजबूत होंगी। (रजत शर्मा)
देखें: ‘आज की बात, रजत शर्मा के साथ’ 12 अगस्त, 2022 का पूरा एपिसोड