Rajat Sharma’s Blog : पहलवान बेटियों का समर्थन करने वाले पूर्व क्रिकेटरों को सलाम
मैं सुनील गावस्कर, कपिल देव,रॉजर बिन्नी, मदन लाल, और कीर्ति आजाद की तारीफ करूंगा कि उन्होंने महिला पहलवानों का साथ दिया.उनके बयान से इन प्लेयर्स की हिम्मत बढ़ेगी, उन्हें हौसला मिलेगा.
चैंपियन महिला पहलवानों की तरफ से लगाए गए यौन शोषण के आरोपों का सामना कर रहे बृजभूषण शरण सिंह को शुक्रवार को कई तरह से मार पड़ी.सबसे पहली बात, FIR के वो ब्यौरे सामने आए जिनमें पहलवानों ने सीधे-सीधे बृजभूषण शरण सिंह को यौन शोषण का दोषी ठहराया. सात महिला पहलवानों ने अलग-अलग बयानों में पुलिस को बताया है कि बृजभूषण शरण सिंह ने उनके साथ किस-किस तरह की अश्लील हरकत की. दिल्ली पुलिस की तरफ से दर्ज FIR में लड़कियों ने बृजभूषण शरण सिंह पर जो घिनौने इल्जाम लगाए हैं, उसकी पूरी जानकारी अब पब्लिक डोमेन में आ गई है. दूसरी बात, सुनील गावस्कर और कपिल देव जैसे वर्ल्ड क्लास प्लेयर्स ने कहा कि वो विनेश फोगाट, साक्षी मलिक और बजरंग पूनिया के साथ हैं. 1983 में वर्ल्ड कप जीतने वाली टीम के चैंपियन क्रिकेटर्स ने कहा कि इन पहलवानों के साथ पुलिस ने जिस तरह का सलूक किया, वो दुखदायक था, लेकिन फिर भी पहलवानों को धैर्य नहीं खोना चाहिए, उन्हें न्याय जरूर मिलेगा. तीसरी बात, खाप पंचायतों ने भी सरकार को चेतावनी दी कि अगर 9 जून तक बृज भूषण शरण सिंह के खिलाफ एक्शन नहीं लिया गया तो वो जंतर मंतर पर महिला पहलवानों के साथ धरना देंगे.
आज पहली बार ऐसा लगा कि बृजभूषण शरण सिंह की नकेल थोड़ी बहुत कसी गई है,अब तक तो वो सीना तान कर खड़े थे, मैं फांसी पर लटक जाऊंगा, जैसे डायलॉग मार रहे थे.ऐसा लग रहा था कि सरकार उन्हें बचाने की कोशिश कर रही है.इसी इम्प्रेशन ने धरने पर बैठी चैंपियन बेटियों को परेशान कर दिया था.उन्होंने देखा कि पहलवानों पर बैरिकेड तोड़ने के केस में एफआईआर दर्ज करने में पुलिस ने देर नहीं लगाई पर बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ एफआईआर करवाने के लिए पहलवानों को सुप्रीम कोर्ट जाना पड़ा. पहलवानों को ये भी दिखाई दे रहा था कि बृजभूषण के खिलाफ एक्शन लेने के बजाय पुलिस ये साबित करने में जुट गई कि जिस लड़की ने आरोप लगाया वो बालिग है या नहीं. जिस बर्थ सर्टिफिकेट के आधार पर वो टूर्नामेंट खेलती रही उसकी जांच की जा रही है. ये सारे संकेत अच्छे नहीं थे. इसलिए खाप पंचायत,कांग्रेस ,आम आदमी पार्टी,सबको इसमें कूदने का मौका मिला. पर शुक्रवार को जिस तरह से बृज भूषण शरण सिंह की बयानबाजी पर रोक लगी, जिस तरह से अयोध्या में होने वाले उनके शक्ति प्रदर्शन को रद्द करवाया गया, उससे लगा कि सरकार को एहसास हो गया कि इस मामले को जिस तरह से हैंडिल किया गया उससे पार्टी को नुकसान हो रहा है. पहलवान बेटियों की वो तस्वीरें जहां पुलिस उन्हें घसीटती हुई ले जा रही है,किसी को भी रुला सकती हैं.उन्हें जायज नहीं ठहराया जा सकता, देश के लिए मेडल जीतने वाली बेटियों का ये अपमान किसी को भी आहत करेगा. उम्मीद करनी चाहिए कि पुलिस इस मामले में पक्षपात नहीं करेगी. शिकायत करने वाली पहलवान बेटियों को इंसाफ मिलेगा. यही समय की मांग है.मैं सुनील गावस्कर, कपिल देव,रॉजर बिन्नी, मदन लाल, और कीर्ति आजाद की तारीफ करूंगा कि उन्होंने महिला पहलवानों का साथ दिया.उनके बयान से इन प्लेयर्स की हिम्मत बढ़ेगी, उन्हें हौसला मिलेगा.
आप की अदालत में राहुल, मोदी पर बोले शशि थरूर
राहुल गांधी अमेरिका में रोज-रोज ऐसे बयान दे रहे हैं, जिनपर यहां कांग्रेस को जवाब देना मुश्किल हो रहा है. अब राहुल ने मुस्लिम लीग को सेक्यूलर बता दिया है. वॉशिंगटन में राहुल गांधी से सवाल पूछा गया था कि कांग्रेस मुसलिम लीग के साथ गठबंधन में क्यों है, तो राहुल ने कहा कि मुस्लिम लीग कम्युनल नहीं है, एक सेक्यूलर पार्टी है. ये सही है कि इंडयिन यूनियन मुस्लिम लीग रजिस्टर्ड पॉलिटिकल पार्टी है. इसलिए इसे टैक्नीकली कम्युनल नहीं कहा जा सकता. लेकिन फिर सवाल ये पूछा जा सकता है कि फिर राहुल गांधी और दूसरे विरोधी दलों के नेता बीजेपी को किस आधार पर कम्युनल कहते हैं.देश के लोगों ने जनादेश दिया है. केंद्र और राज्यों में बीजेपी की सरकारें हैं.. इसके बाद भी राहुल गांधी बीजेपी को रोज सांप्रदायिक पार्टी कहते हैं. असल में ये मसला टैक्निकल कम पॉलिटिकल ज्यादा है. राहुल का जवाब उनकी राजनीतिक अपरिपक्वता को दर्शाता है. हो सकता है कि केरल की सियासत के हिसाब से, अपने चुनावक्षेत्र के समीकरणों के हिसाब से राहुल का बयान उनकी मजबूरी हो. लेकिन देश की राजनीति के हिसाब से ये बयान ठीक नहीं है.
राहुल गांधी विदेश जाकर भारत के बारे में जो कहते हैं इसका जिक्र आपकी अदालत में भी हुआ.पूर्व केंद्रीय मंत्री शशि थरूर से मैंने पूछा कि राहुल गांधी ने लंदन और अमेरिका में जाकर क्यों कहा कि भारत में लोकतंत्र मर गया है, लंदन में तो राहुल ने यूरोप के देशों से भारत के लोकतंत्र को बचाने की गुहार भी लगाई. शशि थरूर ने पहले तो इस बात को गलत बताया कि राहुल ने ऐसी कोई बात कही है. जब मैंने उनके कहे शब्द हूबहू पढ़ कर सुनाये,तो शशि थरूर ने माना और फिर कहा कि राहुल गांधी को ऐसा नहीं कहना चाहिए था.शशि थरूर इंटरनेशनल अफेयर्स के एक्सपर्ट हैं. 29 साल यूनाइटेड नेशंस में रहे हैं. उनकी राय है कि देश के मसले सरहद के बाहर जाकर डिस्कस नहीं करने चाहिए .लेकिन उन्होंने ये भी कहा कि इसकी शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की थी. आपकी अदालत का ये शो आप शनिवार रात 10 बजे और रविवार सुबह 10 और रात 10 बजे इंडिया टीवी पर देख सकेंगे. (रजत शर्मा)
देखें: ‘आज की बात, रजत शर्मा के साथ’ 02 जून, 2023 का पूरा एपिसोड