Rajat Sharma's Blog | मतदाताओं ने कैसे ECI, EVM, लोकतंत्र को खतरा, जैसे मुद्दों को दफ्न कर दिया
Rajat Sharma Blog : मोदी के मंत्रिमंडल का स्वरूप कैसा होगा, कितने मंत्री शपथ लेंगे, किस पार्टी को कितनी हिस्सेदारी मिलेगी, कौन-कौन से मंत्रालय दिए जाएंगे, इन सब बातों पर जेपी नड्डा के घर पर शुक्रवार को NDA के सहयोगियों के साथ बात हुई।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू 9 जून को शाम 7:15 बजे नरेंद्र मोदी को तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ दिलाएंगी। मोदी के साथ केंद्रीय मंत्रिपरिषद के सदस्य भी शपथ लेंगे। शुक्रवार और शनिवार को मंत्रालयों के बंटवारे को लेकर बीजेपी और एनडीए के सभी दलों के नेताओं के बीच बातचीत हुई। मोदी के मंत्रिमंडल का स्वरूप कैसा होगा, कितने मंत्री शपथ लेंगे, किस पार्टी को कितनी हिस्सेदारी मिलेगी, कौन-कौन से मंत्रालय दिए जाएंगे, इन सब बातों पर जेपी नड्डा के घर पर शुक्रवार को NDA के सहयोगियों के साथ बात हुई और शनिवार को प्रधानमंत्री से अमित शाह और जेपी नड्डा की बातचीत हुई। फिलहाल कोई फाइनल फैसला नहीं हुआ, इसलिए अंदाजे लगाना बेकार है। वैसे भी नरेंद्र मोदी ने एनडीए की मीटिंग में साफ कह दिया कि आखिरी फैसला मुझे ही करना है, इसलिए नेता चर्चाओं, अफवाहों या ब्रेकिंग न्यूज के चक्कर में न पड़ें। विरोधी दलों के जो नेता नीतीश कुमार और चन्द्रबाबू नायडू को लेकर शक जता रहे थे, दावे कर रहे थे कि सरकार 6 महीने भी नहीं चलेगी, उन्हें भी जवाब मिल गया। चंद्रबाबू नायडू ने कहा कि आन्ध्र में उनकी पार्टी को मिली ऐतिहासिक जीत में नरेन्द्र मोदी का बड़ा रोल है, मोदी ने दुनिया में भारत को बड़ी ताकत बनाया है, अब देश और आन्ध्र प्रदेश का विकास मोदी के नेतृत्व में होगा।
आज वे लोग निराश होंगे जो चुनाव के दौरान कहते थे,'लिखकर ले लो, 4 जून के बाद नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री नहीं रहेंगे'। वे लोग हताश होंगे जो उम्मीद लगाकर बैठे थे कि NDA में घमासान होगा और मोदी की जगह कोई और पीएम बनेगा। अब वो कह रहे हैं कि मोदी गठबंधन की सरकार कैसे चलाएंगे। इसका जवाब चंद्रबाबू नायडू और नीतीश कुमार ने दे दिया। उन्होंने कहा कि देश के विकास के लिए मोदी सबसे उपयुक्त प्रधानमंत्री हैं और रहेंगे लेकिन जब कांग्रेस के नेता NDA को Naidu Dependant Alliance और Nitish Dependant Alliance बताने लगे, तो मोदी ने याद दिला दिया कि NDA की इस बार जो सरकार बनी है, वह अब तक की किसी भी गठबंधन सरकार में से, सबसे मजबूत सरकार है। नोट करने वाली बात ये है कि जब 2004 में कांग्रेस ने गठबंधन की सरकार बनाई थी, तो कांग्रेस के पास 145 सांसद थे और जब 2009 में कांगेस की सरकार बनी थी तो कांग्रेस के 206 सांसद थे। अब इस गठबंधन सरकार में बीजेपी के 240 सांसद हैं। मोदी ने ये भी साफ कर दिया कि पहले की तरह अटकलों और अफवाहों और बिचौलियों का दौर अब वह नहीं आने देंगे। न तो मोदी का सरकार चलाने का तरीका बदलेगा, न तेवर।
एक बात और। मोदी के इस बार प्रधानमंत्री बनते ही बहुत सारे मुद्दे खत्म हो जाएंगे। वे मुद्दे जो राहुल गांधी और उनके साथियों ने चुनाव के दौरान उठाए थे। पहला, कि भारत में लोकतंत्र को न कोई खतरा था, न है और न कभी हो सकता है। दूसरा, EVM में न कभी कोई गड़बड़ी थी, ना की जा सकती है। तीसरा, चुनाव आयोग न किसी को चुनाव जीता सकता है, न हरा सकता है, वह सिर्फ चुनाव करवा सकता है। और चौथी बात ये कि 10 साल के इंतजार के बाद लोकसभा में विपक्ष के नेता का संवैधानिक पद होगा क्योंकि कांग्रेस के पास इस बार इतनी सीटें हैं कि वह नेता विपक्ष बना सके। मुझे लगता है कि पूरी दुनिया में ये संदेश गया। इसके लिए देश की जनता का आभार मानना चाहिए। अगर इस बार फिर बीजेपी 300 पार कर लेती तो ये सारे शक और शुबहे, सारे सवाल यूं के यूं बरकरार रहते। अब पूरी दुनिया ने देख लिया कि भारत में लोकतंत्र जीवन्त है, भारत में चुनाव स्वतंत्र और निष्पक्ष होते हैं, सारे शको-शुबहे अब हमेशा के लिए दफ्न हो गए और ये लोकतंत्र की सबसे बड़ी जीत है। (रजत शर्मा)
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