A
Hindi News भारत राष्ट्रीय Rajat Sharma’s Blog: पाकिस्तान ने सोशल मीडिया पर कैसे चलाया ‘हेट इंडिया’ कैंपेन

Rajat Sharma’s Blog: पाकिस्तान ने सोशल मीडिया पर कैसे चलाया ‘हेट इंडिया’ कैंपेन

अगर दोस्ती निभाने का यही अंदाज है तो पाकिस्तान से दोस्ती करने के बजाय दुश्मनी अच्छी रहेगी।

Rajat Sharma Blog, Rajat Sharma Blog Pakistan, Rajat Sharma Blog Hate India Campaign- India TV Hindi Image Source : INDIA TV India TV Chairman and Editor-in-Chief Rajat Sharma.

आज मैं यह बताना चाहता हूं कि कैसे पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद में बैठे लोगों ने मंगलवार को सोशल मीडिया के जरिए पूरी दुनिया में ‘हेट इंडिया’ कैंपेन चलाया। उनका एकलौता मकसद दुनियाभर में भारत को बदनाम करना था। इस्लामाबाद में इसकी प्लानिंग की गई, कराची और रावलपिंडी में नफरत की फैक्ट्रियों को सक्रिय कर दिया गया। सोशल मीडिया पर भारत की छवि खराब करने के लिए, मुल्क को बदनाम करने के लिए झूठ फैलाया कि भारत में मुसलमानों पर जुल्म हो रहा है, उनका कत्लेआम हो रहा है, उनकी आजादी छीनी जा रही है। यह झूठ फैलाया गया कि भारत में मस्जिदें तोड़ी जा रही है।

मैंने इंडिया टीवी के रिपोर्ट्स से उन स्रोतों की गहन जांच करने को कहा, जहां से ये झूठ फैलाया गया था। मामले की तहकीकात के बाद जो पहली बात पता चली उसके मुताबिक यह पहले से ही तय कर लिया गया था कि भारतीय समयानुसार शाम 5 बजे #IndianMuslimsGenocide को ट्रेंड कराना है। इसके तुरंत बाद सऊदी अरब, पाकिस्तान, नीदरलैंड, जर्मनी, इटली, मलेशिया और अन्य देशों में बैठे पाकिस्तानी एजेंटों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारत को बदनाम करने के लिए एक साथ हजारों ट्वीट किए।

ट्विटर पर मंगलवार को एक और हैशटैग #IndianMuslimsUnderAttack भी ट्रेंड कर रहा था। इस हैशटैग का इस्तेमाल करते हुए करीब डेढ़ लाख ट्वीट्स किए गए थे। इन ट्वीट्स को पाकिस्तान, टर्की और कुछ खाड़ी के देशों से ट्रेंड करवाया जा रहा था। एनालिटिक्स से पता चला कि 30 फीसदी ट्वीट्स पाकिस्तान से किए गए थे, जबकि सऊदी अरब 18.5 फीसदी ट्वीट्स के साथ दूसरे नंबर पर था। इनके बाद नीदरलैंड (8 फीसदी), यूएई (3.9 फीसदी), इटली (3.6 फीसदी), जर्मनी (3.05 फीसदी), कनाडा (2.09 फीसदी), ब्रिटेन (2.9 फीसदी) और अन्य देश (22.5 फीसदी) थे।

आइए, मैं आपको कुछ ट्वीट्स के बारे में बताता हूं। खुद को कराची का पत्रकार होने का दावा करने वाले किसी बाबर मलिक ने ट्विटर पर लिखा, ‘नए इज़राइल में आपका स्वागत है। जितना तुम हमें दबाओगे, हम उतने ही मजबूत होंगे। मुसलमानों को एकजुट होने और इस हिंदुत्व आतंकवाद के खिलाफ लड़ने का समय आ गया है।’ फर्जी वीडियो और तस्वीरों का इस्तेमाल करते हुए उसने यह भी लिखा: ‘भारत में मुसलमानों की दुकानें, उनके घर, यहां तक कि मस्जिदों को भी तोड़ा या जलाया जा रहा है। अब वे संगठन कहां हैं जो आतंकवाद और इस्लामोफोबिया को रोकने के दावे करते थे?’

रावलपिंडी के फरहान कुरैशी नाम के एक अन्य पाकिस्तानी यूजर ने #IndianMuslimsUnderAttack हैशटैग का इस्तेमाल करते हुए ट्वीट किया, ‘Endia is an animal farm।’ भारत (India) के लिए उसने Endia स्पेलिंग इस्तेमाल की थी। इस हैशटैग के तहत पाकिस्तानी हैंडल्स से भारत की आलोचना करने वाले हजारों ट्वीट किए गए, जो जल्द ही टॉप पर ट्रेंड करने लगे। इनमें से ज्यादातर ट्वीट हिंदू विरोधी, भारत विरोधी और भारत के प्रति नफरत से भरे थे। अधिकांश ट्वीट पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद और इसके आसपास के इलाकों (फेडरल कैपिटल टेरिटरी) से थे, जहां से लगभग 84 प्रतिशत पाकिस्तानियों ने भारत के खिलाफ जहर उगलते ट्वीट किए।

पाकिस्तान के बाद टर्की का नंबर आता है, जहां से हजारों भारत विरोधी ट्वीट किए गए। आखिर हाशमी नाम के एक ट्विटर यूजर ने अपने ट्वीट में आरोप लगाया कि भारत में मुसलमानों के धार्मिक स्थल अब सुरक्षित नहीं हैं। आखिर हाशमी भारतीय नहीं, बल्कि टर्की के नागरिक हैं जो इस्तांबुल में बैठकर हिंदुस्तान की छवि खराब कर रहा है। इस्तांबुल के ही एक अन्य यूजर ने लिखा कि भारत की मस्जिदों से लाउडस्पीकर उतारे जा रहे हैं और मुसलमानों पर जुल्म हो रहा है। जमीनी हकीकत बिल्कुल अलग है। भारत में किसी भी मस्जिद से लाउडस्पीकर नहीं हटाए गए। सबसे ज्यादा ट्वीट टर्की की राजधानी अंकारा और यहीं के एक अन्य शहर किरसेहिर से किए गए।

आप कहेंगे कि अगर कोई इस तरह के बकवास ट्वीट करता भी है कि तो इससे क्या फर्क पड़ता है? लेकिन मैं आपको बता दूं कि इस तरह की साजिश का बहुत असर होता है। ये ट्वीट भारत और अमेरिका के बीच वॉशिंगटन में 2+2 वार्ता समाप्त होने के तुरंत बाद आए, और अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन से ट्विटर के इन ट्रेंडिंग टॉपिक्स के आधार पर भारत में मानवाधिकार के मुद्दों के बारे में पूछा गया। ब्लिंकन ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, ‘हम सरकार, पुलिस और जेल के कुछ अधिकारियों द्वारा मानवाधिकार हनन के मामलों में वृद्धि समेत भारत में हाल के कुछ चिंताजनक घटनाक्रम पर नजर रख रहे हैं।’ बहरहाल, उन्होंने इस बारे में विस्तार से जानकारी नहीं दी।

हकीकत यह है कि भारत में किसी भी मस्जिद से एक भी लाउडस्पीकर नहीं हटाया गया, लेकिन विदेश में बैठे ये लोग सच्चाई जाने बगैर ट्वीट कर देते हैं और जिन्हें हकीकत मालूम नहीं है, वे इस झूठ को ही सच मान लेते हैं। यह सब काफी सुनियोजित तरीके से किया जा रहा है। इसकी टाइमिंग दिखाती है कि कैसे भारत विरोधी ताकतें झूठ पर पनप रहे एक भरे-पूरे इकोसिस्टम की मदद से देश को बदनाम करने की कोशिश कर रही हैं। इसी के तहत विदेशी अखबारों और पत्रिकाओं में भारत के खिलाफ आर्टिकल और कॉलम लिखे जा रहे हैं।

इस काम के लिए अमेरिकी सांसदों का भी इस्तेमाल किया जा रहा है। उनमें से सबसे प्रमुख मिनेसोटा की सीनेटर इल्हान उमर हैं, जिन्होंने बायडेन-मोदी वर्चुअल समिट की पूर्व संध्या पर बायडेन प्रशासन से कहा कि वह भारत में मानवाधिकार कि रिकॉर्ड पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने अपनी बात और जोरदार तरीके से रखे।

भारत के खिलाफ प्रॉपेगैंडा में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेने वाली इल्हान उमर ने हाउस फॉरेन रिलेशंस कमेटी के सामने गवाही देते हुए मोदी की तुलना चिली के तानाशाह ऑगस्टो पिनोशे से की। इल्हान उमर ने कहा, ‘मुझे लगता है कि पिछले शीत युद्ध में एक गहरी, नैतिक और रणनीतिक गलती थी, एक साझा दुश्मन होने के नाम पर क्रूर तानाशाहों को हमारा समर्थन। मैं इतिहास में हुए जुल्म की कहानी दोहराना नहीं चाहती। मुझे चिंता इस बात की है कि इस बार हम मोदी को अपना नया पिनोशे बनने देना चाहते हैं...मैं पूछती हूं कि भारत में मोदी का क्या? मोदी को सपोर्ट करके हम ओपन और फ्री रीजन को कैसे प्रमोट कर सकते हैं? मैं आपसे पूछना चाहती हूं कि बायडेन प्रशासन मानवाधिकार के मुद्दे पर मोदी सरकार की आलोचना करने से हिचकता क्यों है? मैं आपसे पूछना चाहती हूं कि आखिर मोदी सरकार मुसलमानों पर कितना अत्याचार करेगी जिसके बाद हम उसकी आलोचना करेंगे?’

इल्हान उमर ने अपनी टिप्पणी में ‘नरसंहार’ (Genocide) शब्द का भी इस्तेमाल किया, और यह जल्द ही सोशल मीडिया पर #IndianMuslimsGenocide के रूप में ट्रेंड करने लगा। यह सब अपने आप नहीं हुआ था। इस हैशटैग को ट्रेंड करने के लिए बकायदा मुहिल चलाई गई थी। कई वेरिफाइड ट्विटर एकाउंट से एक फोटो पोस्ट की गई जिसमें लिखा गया था कि ‘#IndianMuslimsGenocideAlert हैशटैग को ट्विटर पर जमकर ट्रेंड कराया जाए।’

भारत में यह शाम 5 बजे ट्रेंड करने लगा, जबकि अमेरिका में यह 6.30 बजे CST और 7.30 बजे EST (अमेरिकी समय) पर ट्रेंड करने लगा। जल्द ही यह कनाडा और अमेरिका सहित उत्तरी अमेरिकी महाद्वीप में ट्रेंड करने लगा। 2 साल पहले भारत में सीएए विरोधी आंदोलन शुरू होने पर भी इसी तरह का कैंपेन चलाया गया था। बीजेपी सोशल मीडिया आईटी सेल के प्रभारी अमित मालवीय ने कहा कि यह पहला मौका नहीं है जब ‘हेट इंडिया कैंपेन’ चलाया गया है।

पिछले हफ्ते, भारत के सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने 36 ऐसे YouTube चैनलों को ब्लॉक कर दिया था, जो भारत और मोदी के बारे में फर्जी खबरें फैला रहे थे। इनमें 28 भारतीय और 8 पाकिस्तानी YouTube चैनल थे। ये चैनल भारत के खिलाफ नफरत फैला रहे थे और प्रधानमंत्री मोदी के बारे में फर्जी खबरें चला रहे थे। इन चैनलों ने 'भारत ने फिलिस्तीन पर हमला किया', 'भारत में मुसलमानों की संपत्ति जब्त की जा रही है' जैसे झूठ परोसे थे। इन YouTube चैनलों पर चली फेक न्यूज को कुल 147 करोड़ व्यूज मिले थे।

इन चैनलों का असल मकसद अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की छवि को खराब करना है। एक तरफ इस्लामाबाद और रावलपिंडी में बैठे पाकिस्तानी आका भारत विरोधी अभियान तेज कर रहे हैं तो दूसरी तरफ उनके नए प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ भारत की तरफ दोस्ती का हाथ बढ़ा रहे हैं। अगर दोस्ती निभाने का यही अंदाज है तो पाकिस्तान से दोस्ती करने के बजाय दुश्मनी अच्छी रहेगी।

ये वही भारत विरोधी ताकतें हैं जो मोदी का विरोध करने की आड़ में देश में ‘टुकड़े-टुकड़े’ गैंग को बढ़ावा देती हैं, और हिंदुओं और मुसलमानों के बीच तनाव पैदा करती हैं। यह एक सोची समझी साजिश है और हम सबको सावधान रहने की जरूरत है। (रजत शर्मा)

देखें: ‘आज की बात, रजत शर्मा के साथ’ 12 अप्रैल, 2022 का पूरा एपिसोड

Latest India News