A
Hindi News भारत राष्ट्रीय Rajat Sharma's Blog | कैसे सौ ग्राम ने एक अरब दिलों को तोड़ा

Rajat Sharma's Blog | कैसे सौ ग्राम ने एक अरब दिलों को तोड़ा

डॉक्टर्स को अंदाजा था कि इससे विनेश का वजन डेढ़ किलो तक बढ़ेगा लेकिन विनेश का वजन दो किलो सात सौ ग्राम तक बढ़ गया। इसी से सारी दिक्कत हो गई।

Rajat Sharma Blog, Rajat Sharma Blog Latest, Rajat Sharma- India TV Hindi Image Source : INDIA TV इंडिया टीवी के चेयरमैन एवं एडिटर-इन-चीफ रजत शर्मा।

पेरिस से दिल तोड़ने वाली खबर आई। पूरा देश प्रार्थना कर रहा था कि विनेश फोगाट कुश्ती में भारत के लिए ओलंपिक का पहला गोल्ड मेडल लेकर आएं लेकिन बुधवार सुबह ये सपना टूट गया। सौ ग्राम वजन ज्यादा होने के कारण विनेश को अयोग्य ठहरा कर ओलंपिक से बाहर कर दिया गया। अब उन्हें कोई मेडल नहीं मिलेगा, न कोई रैंकिंग  मिलेगी, नियम सख्त है, क्रूर है, पर नियम तो नियम है, हालांकि इंडियन ओलंपिक असोसिएशन की कोशिशें जारी है। असल में मंगलवार रात विनेश ने सेमीफाइनल में जबरदस्त जीत हासिल की, इसलिए पूरे देश की उम्मीदें और बढ़ गई थीं। सबको यकीन था कि भारत की बेटी भारत के लिए गोल्ड लाएगी। अगर हार भी जाती  तो सिल्वर तो पक्का था। भारत की महिला कुश्ती के इतिहास में ये पहली बार होता लेकिन सुबह-सुबह सारी उम्मीदों पर पानी फिर गया। विनेश 50 किलोग्राम वर्ग में खेल रही थी और उनका वजन 50 किलोग्राम से 100 ग्राम ज्यादा निकला। अब पूरा देश सदमे में हैं। विनेश के घर में चैंपियन के स्वागत की तैयारी चल रही थी। अब गम का माहौल है। गुरुवार सुबह विनेश ने X पर कुश्ती से संन्यास लेने का ऐलान कर दिया। विनेश ने लिखा – “मां कुश्ती मेरे से जीत गई, मैं हार गई। माफ़ करना, आपका सपना, मेरी हिम्मत सब टूट चुके। इससे ज़्यादा ताक़त नहीं रही अब। अलविदा कुश्ती 2001-2024। आप सबकी हमेशा ऋणी रहूँगी। माफी”। बुधवार को विनेश के अयोग्य ठहराये जाने की खबर जैसे ही आई, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पेरिस में मौजूद इंडियन ओलंपिक एसोशिएशन की अध्यक्ष पी. टी. उषा से बात की, कहा कि विनेश के लिए जो भी संभव हो किया जाए, जहां अपील करनी हो तुरंत की जाए। प्रधानमंत्री मोदी ने विनेश का भी हौसला बढ़ाया, कहा कि वो “चैंपियनों की चैंपियन हैं। निराश होने की जरूरत नहीं हैं। पूरे देश को आप पर गर्व है।” सभी दलों के नेताओं ने, खेल से जुड़े लोगों ने, देश के आम लोगों ने विनेश का हौसला बढाया। लेकिन सबके मन में अभी भी ये सवाल है कि अचानक विनेश का वजन कैसे बढ़ गया।  ऐसा क्या हुआ कि जो विनेश फोगाट अब तक सारे मैचों में फिट थीं, उनका वजन कैटेगरी के हिसाब से सही था, कुछ ही घंटों में कैसे बढ़ गया।

इसका जवाब पेरिस में भारतीय दल के साथ मौजूद चीफ मेडिकल ऑफिसर दिनशॉ पारदीवाला ने दिया। डॉक्टर पारदीवाला ने खुलासा किया कि कल रात को विनेश फोगाट का वजन सौ, दो सौ ग्राम नहीं, बल्कि दो किलो सात सौ ग्राम ज्यादा था, यानि विनेश का वजन पचास किलो के बजाए 52 किलो 700 ग्राम हो गया था। 14 घंटे में विनेश का वजन 2.5 किलो से ज्यादा बढ़ गया। इसके बाद पूरी रात डॉक्टर्स और फिजियो की टीम विनेश फोगाट का वजन कम करने की कोशिशों में जुटी रही। दो किलो छह सौ ग्राम वजन कम करने में कामयाब हो भी गई लेकिन सौ ग्राम वजन फिर भी ज्यादा था। दिनशॉ पारदीवाला मुंबई में कोकिलाबेन अस्पताल में आर्थ्रोस्कोपी और शोल्डर सर्विस के डायरेक्टर हैं और कई बड़े खिलाड़ियों के साथ काम कर चुके हैं। डॉक्टर पारदीवाला ने बताया कि कल रात जैसे ही ये पता लगा कि विनेश का वजन ज्यादा है, उसे ज्यादा वजन  के कारण ओलंपिक से अयोग्य ठहराया जा सकता है, तो डॉक्टर्स ने रात भर मेहनत की। चूंकि जिस दिन मुकाबला होता है, उसी दिन सुबह सवा सात बजे और फिर साढ़े सात बजे मुकाबले में हिस्सा लेने वाले खिलाड़ियों का वेट लिया जाता है, मंगलवार को विनेश ने भारतीय समय रात करीब पौने ग्यारह बजे सेमीफाइनल जीता था। उस वक्त पेरिस में शाम सवा सात बजे थे। सेमीफाइनल के बाद फिजियो ने विनेश का वेट लिया, वजन पौने तीन किलो ज्यादा था। वजन कम करने के लिए डॉक्टर्स की टीम के पास कुल बारह घंटे का वक्त था। विनेश ने रात भर एक्सरसाइज की, पूरी रात पसीना बहाया, इतनी मेहनत की कि उसके बाद अगर और जोर लगाया जाता तो वो बेहोश होकर गिर सकती थी लेकिन बारह घंटे में विनेश ने दो किलो छह सौ ग्राम वजन कम कर लिया। लेकिन फिर भी पचास किलो से सौ ग्राम वजन  ज्यादा निकला और सारी उम्मीदों पर पानी फिर गया। पूरी मेहनत बेकार चली गई।

डॉक्टर पारदीवाला से पूछा गया कि आखिर 14 घंटे में किसी का वजन ढ़ाई किलो से ज्यादा कैसे बढ़ सकता है। इसके जबाव में डॉक्टर पारदीवाला ने बताया कि असल में होता ये है कि दुनिया के ज़्यादातर पहलवान अपने असली वजन से कम वाली कैटेगरी में खेलते हैं ताकि उनके जीतने के चांस ज्यादा हों। ये नॉर्मल बात है। हर एथलीट के साथ जो न्यूट्रिशिनिस्ट और सपोर्ट स्टाफ होता है, उन्हें ये पता होता है कि मुकाबले से पहले वजन को कंट्रोल करके कैसे तय सीमा में लाया जाए। इसके लिए डाइट भी वैसी ही होती है। पानी कम पिलाया जाता है। विनेश पहले 53 किलो वर्ग में खेलती थी लेकिन इस बार ओलंपिक से पहले 53 किलो  कैटेगरी में अंतिम पंघाल का सिलेक्शन हुआ था। इसलिए विनेश ने इसी साल फऱवरी में 50 किलो वर्ग का विकल्प चुना, सिर्फ 5 महीने में अपना वजन कम किया। इसके लिए कड़ी मेहनत की। आम तौर पर खिलाड़ी अपनी कैटेगरी के हिसाब से अपना वजन एक से डेढ किलो तक कम रखते हैं। जिस जिन मैच होता है, उससे पहले कोई सॉलिड डाइट नहीं लेते, पानी भी ज्यादा नहीं पीते, जिससे वजन काबू में रहे। आमतौर पर एक दिन में एक ही मुकाबला खेलना पड़ता है। इसलिए मैच के बाद पहलवान अच्छी डाइट लेते हैं जिससे उनका इनर्जी लेवल और वजन दोनों मेंटेन रहते हैं। लेकिन विनेश के साथ मंगलवार को एक गड़बड़ी हो गई। एक ही दिन में तीन मैच खेलने पड़े। तीनों मैच मुश्किल थे। मुकाबला वर्ल्ड चैंपियन से थी, डिफेंडिंग ओलंपिंक चैंपियन से था। विनेश ने तीनों मुकाबले जीते। इससे उनका मेडल तो पक्का हो गया। पूरे देश में खुशी का माहौल बन गया लेकिन तीनों मुकाबलों के बाद विनेश का इनर्जी लेबल बहुत ज्यादा डाउन हो गया, वो बुरी तरह डीहाइड्रेट हो गईं। इसलिए मुकाबलों के तुंरत बाद डॉक्टर्स ने उन्हें इनर्जी ड्रिंक्स और काफी पानी पीने की इजाजत दी। अगर ऐसा न किया जाता तो विनेश बेहोश हो सकती थी।

डॉक्टर्स को अंदाजा था कि पानी और इनर्जी ड्रिक्स का असर विनेश के वजन पर पड़ेगा क्योंकि शरीर के गठन के हिसाब से ऐसा होता है। डॉक्टर्स को अंदाजा था कि इससे विनेश का वजन डेढ़ किलो तक बढ़ेगा लेकिन विनेश का वजन दो किलो सात सौ ग्राम तक बढ़ गया। इसी से सारी दिक्कत हो गई। इसके बाद विनेश ने बिना खाए, बिना पानी पिए, रात भर पसीना बहाया, रस्सी कूदी, साइकिलिंग की, दूसरी तरह की एक्सरसाइज की, विनेश को स्टीम और सॉना में रखा गया, उनके बाल काटे गए, ड्रेस को भी छोटा किया गया। लेकिन लगातार बारह घंटे तक तमाम तरह के उपाय करने के बाद भी हमारी टीम विनेश का वजन दो किलो छह सौ ग्राम कम कर पाई, सुबह सवा सात बजे वजन नापा गया,  और विनेश का वजन पचास किलो से सौ ग्राम ज्यादा निकला। नियमों के हिसाब से विनेश को ओलंपिक से अयोग्य ठहरा दिया गया। विनेश फोगाट हरियाणा की हैं। हरियाणा में तीन महीने बाद विधानसभा चुनाव होने हैं। इसलिए कांग्रेस ने विनेश को अयोग्य ठहराये जाने को हरियाणा की बेटी के सम्मान से जोडा। भूपेन्द्र सिंह हुड्डा, रणदीप सिंह सुरजेवाला, कुमारी शैलजा से लेकर दीपेन्द्र हुड्डा तक सब इस मुद्दे पर बोले। दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि सरकार का पूरा ध्यान ये बताने में है कि उसने विनेश पर कितना खर्च किया, जबकि सरकार को ये बताना चाहिए था कि विनेश को अयोग्य ठहराये जाने के बाद उसे इंसाफ दिलाने के लिए सरकार और ओलंपिक एसोसिएशन ने क्या किया। आम आदमी पार्टी की तरफ से पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान हरियाणा के चरखी दादारी में विनेश फोगाट के घर पहुंच गए। भगवंत मान ने विनेश के पिता और ताऊ से बात की। पहले तो उन्होंने विनेश के कोच और सपोर्ट स्टाफ को इस गड़बड़ी के लिए जिम्मेदार बताया और इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी की आलोचना करने लग गए।

विरोधी दलों के जो नेता सरकार पर साजिश का आरोप लगा रहे हैं, उन्हें विनेश के ताऊ और गुरू महावीर फोगाट की बात जरूर सुननी चाहिए। महावीर फोगाट ने कहा कि विनेश का वजन कंट्रोल में रखना उनके डॉक्टर और सपोर्ट स्टाफ का काम था। उन्होंने अपना काम ठीक से नहीं किया लेकिन जहां तक विनेश को अयोग्य ठहराये जाने का सवाल है तो विश्ती कुश्ती फेडरेशन के जो नियम है, वो सबके लिए बराबर हैं। महावीर फोगाट ने कहा कि उन्होंने हिम्मत नहीं हारी है, विनेश फिर तैयारी करगी और 2028 के ओलंपिक में मेडल लेकर आएगी। ये सही है कि विनेश चैंपियन रेसलर हैं। एक ही दिन में तीन-तीन मैच जीतकर उन्होंने दिखा दिया कि वो कितनी बड़ी प्लेयर हैं। जब लोगों ने विनेश की हिम्मत, विनेश का जज्बा और विनेश की कुश्ती देखी, तो सब मानकर बैठे थे कि गोल्ड मिलना तो तय है। विनेश अगर हार भी जातीं तो सिल्वर तो मिलना ही था। भारतीय कुश्ती के इतिहास में किसी महिला रेसलर ने ऐसा कमाल पहले कभी नहीं किया। और जब ये विश्वास टूटा, सपना बिखरा,  तो दुख हुआ। रिपोर्ट्स देखकर ये भी साफ है कि विनेश ने वजन कम करने के लिए हर तरह की कोशिश की, रात भर वर्कआउट किया, बाल भी काटे, कपड़े भी छोटे किए गए पर 100 ग्राम मेडल पर भारी पड़ गया। ये दुर्भाग्यपूर्ण है।

इसकी टीस लंबे समय तक दिल को चुभती रहेगी पर विनेश को लेकर इतनी बातें क्यों बनीं, इतने सवाल क्यों खड़े हुए, इतनी अफवाहें क्यों फैलाई गईं, इसकी वजह न तो अयोग्यता ठहराये जाने का मुद्दा है, न मेडल छिन जाने की हताशा। इसकी वजह है, विनेश से जुड़ी लोगों की आहत भावनाओं को एक्सप्लॉयट करने की कोशिश। ये कोई सीक्रेट नहीं है कि विनेश ने बड़ी हिम्मत से कुश्ती में लड़कियों के साथ होने वाले जुल्म का विरोध किया था। बृजभूषण शरण सिंह की  ज्यादतियों के खिलाफ आवाज उठाई थी। इसी प्रोटेस्ट के दौरान विनेश को सड़क पर भी घसीटा गया था। मैंने उस समय भी इसकी कड़ी निंदा की थी। बृजभूषण शरण सिंह को खरी-खरी सुनाई थी। वो बीजेपी के सांसद थे। इसलिए बृजभूषण के अहंकार और दुर्व्यवहार को लेकर, विरोधी दलों को सरकार पर सवाल उठाने का अच्छा खासा मौका मिला था। उन्होंने इसका इस्तेमाल किया। उसमें कुछ गलत नहीं था। उस समय रेसलर्स के हक़ में आवाज उठाना सही था लेकिन आज विनेश के डिसक्वॉलिफिकेशन को साजिश बताना न्यायसंगत नहीं है। विनेश के सपोर्ट स्टाफ से सवाल जरूर पूछे जाने चाहिए। कोच, फिजियो, डॉक्टर ये बताएं कि विनेश का वेट मैनेजमेंट क्यों नहीं कर पाए। ओलंपिक कमेटी से ये पूछा जाना चाहिए कि विनेश को एक ही दिन में 3-3 मैच क्यों खिलाए। लेकिन इस मामले को खेल तक सीमित रखा जाए, तो बेहतर होगा। इसमें राजनीति घुसाने की जरूरत नहीं है। (रजत शर्मा)

देखें: ‘आज की बात, रजत शर्मा के साथ’ 07 अगस्त, 2024 का पूरा एपिसोड

Latest India News