Rajat Sharma's Blog | चुनाव प्रचार में महिलाओं से अभद्रता: अब बहुत हो गया
राजनीति में सक्रिय महिला नेताओं के बारे में भद्दी टिप्पणी करना किसी भी दृष्टि से न्यायोचित नहीं है। झारखंड में सीता सोरेन को 'रिजेक्टेड माल' और महाराष्ट्र में शायना NC को 'इंपोर्टेड माल' कहा गया।
मुंबई में एकनाथ शिंदे की शिव सेना के टिकट पर चुनाव लड़ रही शायना एनसी ने उद्धव ठाकरे की शिवसेना के सांसद अरविंद सावंत पर भद्दी टिप्पणी करने का आरोप लगाया है। इसके बाद शायना ने अरविंद सावंत के खिलाफ मुंबई के नागपाड़ा थाने में FIR दर्ज करा दी। सावंत के खिलाफ एक महिला की मर्यादा को जानबूझकर ठेस पहुंचाने, अपमानित करने, डराने और मानहानि की धाराओं में केस दर्ज किया गया है। दरअसल, अरविंद सावंत मुंबा देवी सीट से कांग्रेस उम्मीदवार अमीन पटेल से नामांकन भरवा रहे थे। पत्रकारों से बात करते हुए अरविंद सावंत ने कहा कि मुंबा देवी से शिवसेना के टिकट पर लड़ रहीं शायना एनसी बाहरी उम्मीदवार हैं, वो 'इम्पोर्टेड माल' हैं। इसी बयान को लेकर विवाद खड़ा हो गया।
शायना ने कहा कि अरविंद सावंत का कमेंट बताता है कि महिलाओं के बारे में उनकी सोच कैसी है। सावंत का बयान उनका व्यक्तिगत अपमान ही नहीं, बल्कि सारी महिलाओं का अपमान है, कोई इसे बर्दाश्त नहीं करेगा। शायना ने कहा कि महा विकास अघाड़ी के दूसरे नेताओं, उद्धव ठाकरे और शरद पवार ने अभी तक इस टिप्पणी की निंदा नहीं की। शायना ने कहा कि वो सावंत को तब तक माफ नहीं करेंगी जब तक वह थाने आकर उनसे माफी नहीं मांगते। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि महिलाओं के खिलाफ इस तरह की बात कहना शिवसैनिकों का चरित्र नहीं है, अगर बालासाहेब ठाकरे जिंदा होते तो बयान देने वाले का मुंह तोड़ देते। शिंदे ने कहा कि सावंत के बयान का जवाब महिलाएं चुनाव में महाविकास अघाड़ी को देंगी।
अरविंद सावंत का कहना है कि वह शायना एनसी को मित्र मानते हैं और उन्होंने किसी का नाम नहीं लिया। सावंत ने मामले को घुमाने के लिए मणिपुर का जिक्र किया और कर्नाटक में प्रज्ज्वल रेवन्ना से लेकर आशीष शेलार तक के बयान गिनाए। अरविंद सावंत अच्छी तरह जानते हैं कि उन्होंने क्या कहा था और किसके लिए कहा था। अब वो इधर-उधर की बातें करके अपनी बदजुबानी को बढ़ा रहे हैं। अगर वह अपने बयान को जस्टिफाई करने की कोशिश न करते तो बेहतर होता। उन्होंने शायना एनसी को इंपोर्टेड माल कहकर अभद्रता की, बदतमीजी की। हो सकता है गलती हो गई हो, जुबान फिसल गई हो, वह माफी मांगकर इस बात को खत्म कर सकते थे।
क्षमा मांगने से कोई छोटा नहीं हो जाता। पर कुछ नेताओं की आदत होती है कि वे राजनीति में आने वाली महिलाओं को दूसरे दर्जे की नागरिक मानते हैं। अभी कुछ दिन पहले 25 अक्टबूर को झारखंड के कांग्रेसी मंत्री इरफान अंसारी ने बीजेपी उम्मीदवार सीता सोरेन को "रिजेक्टेड माल" कहा था। सीता सोरेन JMM के संस्थापक शिबू सोरेन के बड़े बेटे दुर्गा सोरेन की पत्नी हैं। उनके पति का निधन 2009 में हो गया था। सीता सोरेन JMM छोड़कर बीजेपी में शामिल हो गईं और वह जामताड़ा से चुनाव लड़ रही हैं। बीजेपी के नेताओं ने राज्यपाल के पास जाकर मांग की कि इरफान अंसारी को कैबिनेट से बर्खास्त किया जाय और उनके चुनाव लड़ने पर प्रतिबंध लगाया जाय।
राजनीति में सक्रिय महिला नेताओं के बारे में भद्दी टिप्पणी करना किसी भी दृष्टि से न्यायोचित नहीं है। झारखंड में सीता सोरेन को 'रिजेक्टेड माल' और महाराष्ट्र में शायना NC को 'इंपोर्टेड माल' कहा गया। किसी महिला के लिए ऐसी भाषा को कतई सही नहीं ठहराया जा सकता। यह महिलाओं का अपमान है। ऐसी कोई भी हरकत अक्षम्य है। (रजत शर्मा)
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