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Hindi News भारत राष्ट्रीय Rajat Sharma's Blog | 2000 रु. नोट : अफवाहों पर ध्यान न दें

Rajat Sharma's Blog | 2000 रु. नोट : अफवाहों पर ध्यान न दें

रिजर्व बैंक के इस फैसले का असर आम लोगों पर बहुत ज्यादा नहीं होगा. रिजर्व बैंक के इस फैसले पर न घबराने की जरूरत है और न अफवाहों पर ध्यान देने की जरूरत है.

इंडिया टीवी के चेयरमैन एवं एडिटर-इन-चीफ रजत शर्मा- India TV Hindi Image Source : इंडिया टीवी इंडिया टीवी के चेयरमैन एवं एडिटर-इन-चीफ रजत शर्मा

भारतीय  रिजर्व बैंक ने अब दो हजार के नोट को बंद करने का फैसला किया है. हालांकि घबराने या परेशान होने की जरूरत नहीं है. दो  हजार का नोट  फिलहाल चलन में रहेगा, आप इससे खरीदारी भी कर सकते हैं, लेकिन अब रिजर्व बैंक न तो दो हजार के नोट बैंकों में सप्लाई करेगा, और न बैंक दो हजार के नोट ग्राहकों को देंगे. जिनके पास दो हजार के नोट हैं वो 23 मई से लेकर 30 सितंबर तक किसी भी बैंक में जाकर दो हजार के नोट बदल सकते हैं, या इन्हें अपने खाते में जमा करवा सकते हैं. यानी 30 सितंबर के बाद देश में सबसे बड़ा करेंसी नोट पांच सौ का होगा. रिज़र्व बैंक ने कहा है कि एक बार में दो हज़ार के दस नोट ही बदले जा सकेंगे. लेकिन अगर आप किसी खाते  में जमा कराते हैं, तो इसकी कोई सीमा नहीं दी गई है. देश में दो हजार के नोट का चलन 2016 में शुरू हुआ था. रिज़र्व बैंक ने ये भी साफ किया है कि 2019 में ही दो हज़ार के नोटों की प्रिंटिंग बंद कर दी गई थी. RBI ने अपने नोटिफ़िकेशन में बताया कि दो हज़ार के ज़्यादातर नोट 2017 से पहले ही रिलीज़ किए गए थे, लेकिन मार्केट में इनका चलन कम था. इसलिए 2019 में 2 हजार के नोटों की प्रिटिंग को बंद करने का फैसला किया गया था.

रिजर्व बैंक ने अपने नोटिफिकेशन में सारी बात साफ साफ कही है, लेकिन अब कन्फ्यूजन फैलाने की कोशिश हो रही है. विरोधी दलों के नेता इसे दूसरी नोटबंदी के तौर पर पेश कर रहे हैं. कोई दावा कर रहा है कि एक बार फिर बैंकों के बाहर लाइन लगेगी, कोई कह रहा है कि सरकार ने एक बार फिर आम आदमी को परेशान करने का रास्ता खोल दिया. लेकिन हकीकत ये है कि इस वक्त देश में करीब चौतीस लाख करोड़ की करेंसी सर्कुलेशन में हैं, इसमें से सिर्फ तीन लाख 62 हजार करोड़ की करेंसी दो हजार के नोटों में है, यानि करेंसी में दो हजार के नोटों की हिस्सेदारी सिर्फ दस प्रतिशत है. इसलिए रिजर्व बैंक के इस फैसले का असर आम लोगों पर बहुत ज्यादा नहीं होगा. रिजर्व बैंक के इस फैसले पर न घबराने की  जरूरत है और न अफवाहों पर ध्यान देने की जरूरत है.

बेगुनाह नहीं हैं समीर वानखेड़े

बॉम्बे हाईकोर्ट में  शुक्रवार को नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के पूर्व क्षेत्रीय निदेशक समीर वानखेडे़ ने अपनी अर्जी में  सुपर स्टार शाहरुख खान द्वारा उन्हें भेजे गए ढेर सारे मैसेज का ज़िक्र किय़ा. इन मैसेज से पता चला कि जब आर्यन को ड्रग्स के इल्जाम में पुलिस कस्टडी में रखा गया था, तो शाहरुख पर क्या बीत रही थी. शाहरुख ने फोन पर बार बार मैसेज भेज कर समीर वानखेड़े से कहा कि मेरा बेटा बेकसूर है. अपने मैसेज में शाहरुख ने बार बार अनुरोध किया कि आर्यन बेगुनाह है, उसके साथ हार्डकोर क्रिमिनल की तरह सलूक ना किया जाए. समीर वानखेड़े ने बॉम्बे हाईकोर्ट में शाहरुख के ये सारे मैसेजेस अपने डिफेंस के तौर पर पेश किए, लेकिन शाहरुख के इन मेसेजेस से असलियत सामने आ गई . CBI की एफआईआर के मुताबिक पूरी साजिश उस वक्त समीर वानखेड़े ने रची थी. सीबीआई ने समीर वानखेड़े के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है. अब समीर वानखेडे़ गिरफ्तारी से बचने के लिए अदालतों के चक्कर काट रहे हैं. शुक्रवार को उन्हें थोड़ी राहत मिली भी, हाईकोर्ट ने सोमवार तक वानखेड़े की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है. सीबीआई ने कोर्ट में कहा कि फिलहाल वानखेड़े को गिरफ्तार करने की जरूरत नहीं है, जब जांच उस चरण में पहुंचेगी, तब गिरफ्तारी पर फैसला होगा. लेकिन समीर वानखेड़े को मालूम है कि देर सबेर वो सलाखों के पीछे होंगे. विजिलेंस की रिपोर्ट से साफ है कि वानखेड़े ने शाहरूख खान से 25 करोड़ रुपए वसूलने की कोशिश की थी. बाद में 18 करोड़ रु. देने पर बात बनी. 50 लाख रुपए एडवांस में ले भी लिए हालांकि इसका कुछ हिस्सा बाद में शाहरूख को वापस कर दिया गया. समीर वानखेड़े के खिलाफ सबूत हैं. इसलिए समीर वानखेड़े अब खुद को बेकसूर बताने के लिए कुछ बातें  लीक कर रहे हैं.

शुक्रवार को उन्होंने शाहरूख खान के साथ उस वक्त भेजे गए मेसेजेस के स्क्रीनशॉट लीक किए. जब मैंने ये messages पढे तो रौंगटे खड़े हो गए. एक पिता के तौर मैं भी सिहर गया. उस वक्त शाहरूख खान की क्या हालत रही होगी.फिल्म इंडस्ट्री में जिसे लोग किंग खान कहते हैं वो शाहरूख, एक अफसर के सामने कितना बेबस था, वो वानखेडे़ से कह रहा था मेरे  बेकसूर बेटे पर रहम करें. उसे जेल में न डालें, उसके साथ सख्ती न करें.और उस वक्त समीर वानखेड़े शाहरूख के मैसेज का जवाब तक नहीं दे रहे थे.समीर वानखेड़े जिन messages को अपनी बेगुनाही का सबूत बता रहे हैं, मुझे लगता है कि ये शाहरूख की बेबसी और एक अफसर की ब्लैकमेलिंग का सबसे बड़ा सबूत साबित होगा.

आज समीर वानखेड़े जितना बेगुनाह  बनने की कोशिश कर रहे हैं, उतने भोले वो हैं नहीं. अगर होते तो अपने सीनियर अफसरों के साथ फोन पर हो रही बातचीत को रिकॉर्ड न करते, उसे सेव करके न रखते, अगर भोले भाले होते, तो शाहरूख खान के messages को इस तरह लीक न करते. ये लक्षण भोलेपन के नहीं हैं. हकीकत यही है कि समीर वानखेड़े अच्छी तरह जानते थे कि आर्यन खान बेकसूर है, वो अच्छी तरह जानते थे कि उसके पास से कोई ड्रग्स नहीं मिले, वो ये भी जानते थे कि जब बेटे के जेल जाने की बारी आएगी तो शाहरूख कुछ भी करने के लिए तैयार हो जाएंगे. इसीलिए समीर वानखेड़े ने शाहरूख को ब्लैकमेल किया, 25 करोड़ की वसूली का प्लान बनाया. उन्होंने शाहरूख खान को डराने की हर कोशिश की, एक बेगुनाह बच्चे को जेल में डाला. फोन पर मैसेज एक्सचेंज करके शाहरूख को और डराने की कोशिश की. जिसका भी फोन आया, दिल्ली से या मुंबई से,  सबकी बातों को रिकॉर्ड किया और आज कोर्ट के सामने शाहरूख के सारे मैसेजेज और अपने अफसरों के मैसेज को कोर्ट में अपने डिफेंस के तौर पर पेश किया. ये हरकतें किसी सरकारी अफसर की नहीं हो सकती. ऐसी हरकतें ब्लैकमेलर और गैंगस्टर करते हैं.

अब चूंकि सीबीआई ने सबूत जुटा लिए हैं.केस रजिस्टर कर लिया है, सीबीआई समीर वानखेड़े को गिरफ्तार करना चाहती है, तो उन्हें भगवान की याद आ रही है. समीर वानखेड़े आज कोर्ट में रहम और न्याय की गुहार लगा रहे हैं. उस समय न्याय और रहम कहां गया था, जब उन्होंने एक बेगुनाह को जेल भेज दिया था ? जब उन्होंने एक मजबूर पिता की बेबसी का फायदा उठाने की कोशिश की? जब उन्होंने 21 साल के नौजवान को हार्डकोर क्रिमिनल की तरह ट्रीट किया था? जाहिर है अब समीर वानखेड़े को डर लग रहा है कि उन्हें अपने गुनाहों के लिए जेल ने जाना पड़ेगा. मेरी नजर में ये मामला इसलिए ज्यादा संगीन है क्योंकि समीर वानखेड़े ने अपने आप को एक ईमानदार अफसर साबित करने की कोशिश की थी, वो एक जिम्मेदार पद पर थे, उन्होंने अपनी पद का दुरुपयोग  किया, इसलिए सीबीआई को इस मामले की गहराई से जांच करनी चाहिए और एक नजीर पेश करनी चाहिए कि आगे कोई अफसर इस तरह की हरकत न करे.

अडानी को क्लीन चिट

हिंडनबर्ग केस में सुप्रीम कोर्ट की एक्सपर्ट जांच कमेटी ने शुक्रवार को अडानी ग्रुप को क्लीन चिट दे दी. सुप्रीम कोर्ट की 6 सदस्यों की कमेटी ने जो रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट में दी है, उसमें कहा गया है कि पहली नज़र में अडानी ग्रुप ने किसी क़ानून को नहीं तोड़ा है और मार्केट रेग्यूलेटर SEBI ने भी अडानी ग्रुप की तरफ़ से दी गई किसी भी जानकारी को ग़लत नहीं पाया है.सुप्रीम कोर्ट ने इसी साल मार्च महीने में रिटायर्ड जस्टिस ए एम सप्रे की अगुवाई में एक्सपर्ट जांच कमेटी बनाई थी. एक्सपर्ट कमेटी की रिपोर्ट के मुताबिक़, अडानी ग्रुप ने अपनी कंपनियों के शेयर की सेल-पर्चेज़ में कोई हेराफेरी नहीं की. कमेटी ने ये भी कहा कि अडानी ग्रुप में किसी ग़ैरक़ानूनी निवेश के सबूत नहीं मिले हैं. कमेटी ने ये भी कहा कि हिंडनबर्ग रिपोर्ट आने के बाद से शेयर बाज़ार में जो उथल पुथल हुई थी, उसे रोकने के लिए कंपनी ने पूरी ज़िम्मेदारी से क़दम उठाए. जिससे निवेशकों को कोई नुक़सान न हो. हिंडनबर्ग की रिपोर्ट को विरोधी दलों के नेताओं ने सच्चा दस्तावेज मानकर तूफान खड़ा कर दिया था. ऐसे बयान दिए जैसे गौतम अडानी ने इतना बड़ा साम्राज्य सिर्फ हवा में खड़ा कर दिया. अडानी ग्रुप ताड़ के पत्तों पर बना है. गौतम अडानी ने खुद सामने आकर एक एक सवाल का जवाब दिया. 

'आपकी अदालत' में उन्होंने कहा कि जिंदगी में उन्होंने कभी कोई नियम नहीं तोड़ा. कभी ग़लत रास्ते का सहारा नहीं लिया. जिसको जो जांच करनी हो कर ले. गौतम अडानी ने 'आपकी अदालत' में कहा था कि जिन लोगों ने अडानी ग्रुप में इन्वेस्ट किया है, उनका एक भी पैसा नहीं डूबेगा. आज गौतम अडानी सही साबित हुए. हालांकि आज जो रिपोर्ट आई है, वो अन्तिम रिपोर्ट नहीं है. अभी सेबी भी जांच कर रही है और सुप्रीम कोर्ट ने सेबी को तीन महीने का और वक्त दिया है.  उसके बाद गौतम अडानी पर लगे सारे आरोपों की हकीकत सामने आ जाएगी. लेकिन आज एक्सपर्ट्स की रिपोर्ट से ये तो साफ हो गया कि जो आरोप लगाए जा रहे थे, उनमें दम नहीं है और इस रिपोर्ट पर इल्जाम लगाने वाले भी सवाल नहीं उठा सकते क्योंकि एक्सपर्ट्स की कमेटी सुप्रीम कोर्ट ने गठित की थी, और सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर ही कमेटी की रिपोर्ट को सार्वजनिक किया गया है. (रजत शर्मा

देखें: ‘आज की बात, रजत शर्मा के साथ’ 19 मई, 2023 का पूरा एपिसोड

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