Rajat Sharma's Blog | बीजेपी के सबसे मजबूत सहयोगी दल के नेता चंद्रबाबू बने सीएम
बीजेपी के अंदर कई नेता चाहते हैं थे कि बीजेपी को जगन मोहन के साथ गठबंधन करके चुनाव लड़ना चाहिए लेकिन प्रधानमंत्री का अपना आकलन था कि आंध्र में इस बार चंद्रबाबू नायडू के साथ मिलकर चुनाव लड़ना चाहिए।
तेलुगु देशम पार्टी के चीफ चंद्रबाबू नायडू ने आज विजयवाड़ा के पास केसरपल्ली आईटी पार्क में कई हजार लोगों की उपस्थिति में आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। शपथ समारोह में बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चंद्रबाबू नायडु से गले मिल कर उन्हें बधाई दी। समारोह में दक्षिण में लोकप्रिय अभिनेता रजनीकांत, अल्लू अर्जुन, राम चरण, जूनियर एनटीआर, चिरंजीवी और मोहन बाबू, भारत पूर्व मुख्य न्यायाधीश एन. वी. रमन्ना, गृह मंत्री अमित शाह, बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा, कई केंद्रीय मंत्री और पूर्व उपराष्ट्रपति वैंकैया नायडु उपस्थित थे। रायपाल एस. अब्दुल नज़ीर ने नायडू को पद और गोपनीयता का शपथ दिलाई। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को आना था, लेकिन वह किसी कारणवश नहीं आ सके। चंद्रबाबू नायडू चौथी बार मुख्यमंत्री बने हैं। इससे पहले वह दो बार अविभाजित आंध्र प्रदेश के सीएम थे, और एक बार विभाजित आंध्र प्रदेश के सीएम बने थे।
नायडू के अलावा TDP, जनसेना और बीजेपी के 24 विधायकों को मंत्री पद की शपथ दिलाई गई। जनसेना पार्टी के अध्यक्ष पवन कल्याण ने नायडू के फौरन बाद शपथ ली। इस बात की अटकलें लगाई जा रही है कि आंध्र प्रदेश में बीजेपी अध्यक्ष डी. पुरंदेश्वरी, जो कि चंद्रबाबू नायडू की रिश्तेदार हैं, को लोकसभा अध्यक्ष बनाया जा सकता है, परन्तु अभी इसकी पुष्टि नहीं हुई है। चुनावों से पहले आंध्र प्रदेश में बीजेपी के सामने दो विकल्प थे, बीजेपी या तो चंद्रबाबू नायडू के साथ जाए या जगन मोहन रेड्डी के साथ मिलकर चुनाव लड़े। बीजेपी के अंदर कई नेता चाहते हैं थे कि बीजेपी को जगन मोहन के साथ गठबंधन करके चुनाव लड़ना चाहिए लेकिन प्रधानमंत्री का अपना आकलन था कि आंध्र में इस बार चंद्रबाबू नायडू के साथ मिलकर चुनाव लड़ना चाहिए। उसके बाद आंध्र प्रदेश में NDA के गठन में पवन कल्याण ने बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और जो नतीजा निकला वो सबके सामने है। आज आंध्र के अलावा टीडीपी केंद्र सरकार में भी बीजेपी का सबसे महत्वपूर्ण सहयोगी दल है। उसके पास लोकसभा में 16 सांसद हैं।
ओडिशा में पहली बीजेपी सरकार
ओडिशा में पहली बार बीजेपी की सरकार बनेगी और उसके मुख्यमंत्री होंगे, आदिवासी नेता मोहन चरण माझी। मुख्यमंत्री के अलावा दो उपमुख्यमंत्री - प्रभाती परिडा और कनकवर्धन सिंहदेव भी बुधवार को अन्य मंत्रियों के साथ शपथ लेंगे। भुवनेश्वर के जनता मैदान में होने वाले इस शपथ समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और 9 राज्यों के मुख्य़मंत्री उपस्थित रहेंगे। मोहन चरण माझी को बीजेपी विधायक दल का नेता चुना गया। 52 साल के मोहन माझी एक गरीब परिवार में जन्मे, उनके पिता चौकीदार थे, मोहन माझी ने सरस्वती शिशु मंदिर में शिक्षक के रूप में अपना करियर शुरु किया, बाद में वह सरपंच बने और अब तक चार बार विधायक बन चुके हैं।
मोहन माझी पिछली विधानसभा में बीजेपी के मुख्य सचेतक रह चुके हैं। इस बार चुनाव में मोहन माझी ने क्योंझर सीट पर बीजू जनता दल की मीना मांझी को सत्तासी हजार वोट के मार्जिन से हराकर चुनाव जीता था। इस बार विधानसभा चुनाव में बीजेपी को 147 सदस्यों वाली विधानसभा में 78 सीटें मिली हैं, वहीं, पिछले 24 साल से सरकार चला रहे बीजू जनता दल को 51 सीटों पर ही जीत हासिल हुई। 24 साल के बाद ओडिशा में सरकार बदली है। 5 बार मुख्यमंत्री रहे नवीन पटनायक को अपनी कुर्सी गंवानी पड़ी। उनके चुनाव हारने की वजह उनके निजी सचिव रह चुके वी.के. पंडियन का पार्टी में दखलअंदाजी को बताया जा रहा है। आरोप है कि चुनावों के पहले BJD के नेता पंडियन की वजह से न तो नवीन पटनायक से मिल पाते थे, न बात कर पाते थे। कैंपेन में भी नवीन बाबू के साथ सिर्फ पंडियन ही दिखाई देते थे। पंडियन को नवीन पटनायक का उत्तराधिकारी के तौर पर देखा जाने लगा। बीजेपी ने इसे ओड़िया अस्मिता के मुद्दे से जोड़ दिया और ये कैंपेन किया कि उड़ीसा को कोई तमिल बाबू नहीं चलाएगा और बीजेपी का ये कैंपेन गेमचेंजर साबित हुआ। (रजत शर्मा)
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