Rajat Sharma’s Blog: अडानी को लेकर राहुल गांधी के आरोपों में कुछ भी नया नहीं है
मैं यह मानता हूं कि राजनीतिक बयानबाजी करना राहुल का हक है, लेकिन विदेशी नीति के मामलों में इस तरह से बोलने से बचना चाहिए।
लगातार चार दिनों तक चले हंगामे के बाद मंगलवार को संसद ने सामान्य रूप से काम करना शुरू कर दिया। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने अडानी मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर एक के बाद एक कई हमले किए। लोकसभा में राष्ट्रपति के धन्यवाद प्रस्ताव पर बोलते हुए राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर उद्योगपति गौतम अडानी की मदद करने के लिए किसी भी हद तक जाने का आरोप लगाया। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री मोदी ने बांग्लादेश, ऑस्ट्रेलिया, श्रीलंका और इजरायल में कॉन्ट्रैक्ट हासिल करने में अडानी ग्रुप की मदद की।
राहुल गांधी ने अपने 51 मिनट के भाषण में करीब 45 मिनट अडानी पर बात की। उन्होंने आरोप लगाया कि अडानी को ठेके दिलाने में मदद करने के लिए CBI और ED का इस्तेमाल किया गया। बीजेपी ने राहुल के आरोपों को निराधार बताते हुए तुरंत खारिज कर दिया और उन्हें अपने आरोपों के पक्ष में सबूत पेश करने की चुनौती दी। कानून मंत्री किरन रिजिजू ने कहा कि राहुल गांधी को अपनी बातों को ऑथेंटिकेट करना चाहिए।
अपने भाषण के दौरान राहुल गांधी ने प्राइवेट प्लेन में बैठे मोदी और अडानी की तस्वीरें दिखाईं। उन्होंने पूछा कि 2014 में दुनिया के सबसे अमीर व्यक्तियों की फोर्ब्स की लिस्ट में 609वें नंबर पर रहने वाले गौतम अडानी 8 साल के भीतर दूसरे नंबर पर कैसे पहुंच गए। उन्होंने पूछा कि अडानी ग्रुप को ही पोर्ट्स, एयरपोर्ट्स, पावर ट्रांसमिशन, ग्रीन एनर्जी और गैस जैसे अधिकांश सेक्टर में ठेके क्यों मिले। बीजेपी नेता रविशंकर प्रसाद ने इसका जवाब देते हुए कहा कि जब UPA सत्ता में थी तब भी अडानी ग्रुप को तमाम प्रोजेक्ट दिए गए थे। उन्होंने बताया कि कैसे UPA शासन के दौरान अडानी ग्रुप का कारोबार 2 करोड़ रुपये से बढ़कर 87,000 करोड़ रुपये हो गया था।
राहुल द्वारा उठाए गए ज्यादातर सवाल मैंने पिछले महीने अपने शो 'आप की अदालत' में गौतम अडानी के इंटरव्यू के दौरान पूछे थे। उस समय अडानी ने जवाब दिया था कि उनका कारोबार नब्बे के दशक से ही फलने-फूलने लगा था, जब पी. वी. नरसिम्हा राव के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार ने इकॉनमी को खोल दिया था। अडानी ने तब कहा था कि वह राहुल के आरोपों को 'सियासी बयानबाजी' से ज्यादा नहीं मानते।
मंगलवार को, राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि अडानी ग्रुप को भारत में 6 एयरपोर्ट्स का कामकाज देने के लिए नियम बदले गए, जबकि ग्रुप को एयरपोर्ट के मैनेजमेंट का कोई एक्सपीरियंस नहीं था। इस बारे में मैंने 'आप की अदालत' में अडानी से पूछा था। उन्होंने कहा था कि उनके ग्रुप को सभी कॉन्ट्रैक्ट बिडिंग प्रोसेस को पूरा करने के बाद ही मिले हैं।
यह ठीक है कि अडानी को शेयर मार्केट में भारी नुकसान हुआ है, लेकिन उनके प्रोजेक्ट्स, और उनके असेट्स आज भी इंटैक्ट हैं।
दूसरी बात यह कि राहुल का ये कहना गलत है कि अडानी को मोदी ने बनाया। जो लोग नरेंद्र मोदी को जानते हैं, मोदी के साथ काम करते हैं, वे आपको बता देंगे कि मोदी किसी को भी, चाहे वह कोई भी हो, इस तरह से सपोर्ट नहीं करते जैसे राहुल ने कहा। जहां तक राहुल द्वारा दिखाई गई उस तस्वीर की बात है जिसमें मोदी और अडानी साथ दिखाई दे रहे हैं, तो वह उस वक्त की है जब मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे और कई बार अडानी के विमान का इस्तेमाल करते थे। मजे की बात यह है कि जब राहुल ने फोटो दिखाई तो बीजेपी ने भी उनके बहनोई रॉबर्ड वॉड्रा और राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के साथ अडानी की फोटो जारी कर दी।
मैं यह मानता हूं कि राजनीतिक बयानबाजी करना राहुल का हक है, लेकिन विदेशी नीति के मामलों में इस तरह से बोलने से बचना चाहिए। राहुल ने कह दिया कि मोदी, गौतम अडानी को विदेश ले जाते हैं और दूसरे देशों के ठेके भी अडानी को दिलवाते हैं। उन्होंने इजरायल, ऑस्ट्रेलिया और श्रीलंका का हवाला दिया। तथ्य यह है कि अडानी ने विदेशों में कारोबार 2014 के बाद शुरू नहीं किया है। अडानी ने 2008 में इंडोनेशिया में सबसे पहले कारोबार शुरू किया और फिर ऑस्ट्रेलिया में 2010 में पहली खदान, और 2011 में ऑस्ट्रेलिया में पहला बंदरगाह लिया था। उस वक्त डॉक्टर मनमोहन सिंह देश के प्रधानमंत्री थे।
राहुल गांधी ने इल्जाम लगाया कि नरेंद्र मोदी की सरकार के वक्त सरकारी बैंकों और सरकारी कंपनियो ने खुलकर अडानी की मदद की, और उन्हें दिल खोलकर कर्ज दिया। उन्होंने कहा कि SBI ने अडानी की कंपनियों में 27 हजार करोड़ रुपये और LIC ने 36 हजार करोड़ रुपये का निवेश कर रखा है। हिंडनबर्ग रिसर्च रिपोर्ट सामने आने के बाद, SBI और LIC दोनों ने साफ किया है कि अडानी ग्रुप में उनका निवेश उनके कुल निवेश के एक प्रतिशत से भी कम है। 'आप की अदालत' में मैंने अडानी से इस बारे में पूछा था। उन्होंने कहा था, उनके ग्रुप ने पहले ही भारतीय बैंकों पर अपनी निर्भरता कम करना शुरू कर दिया है।
राहुल गांधी के आरोपों में कुछ भी नया नहीं है। गौतम अडानी ने मेरे शो 'आप की अदालत' में लगभग सभी आरोपों का जवाब दिया है। राहुल के सवाल वही हैं, और अडानी के जवाब भी वही हैं। सरकार जानती थी कि राहुल क्या आरोप लगाएंगे इसलिए उनका भाषण खत्म होते ही मंत्रियों और बीजेपी के नेताओं की तरफ से हर मुद्दे पर पॉइंट-टू-पॉइंट जवाब आए।
राहुल के इस आरोप पर कि कोई एक्सपीरियंस न होने के बावजूद अडानी ग्रुप को 6 एयरपोर्ट दिए गए, सरकार ने जवाब दिया कि एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने एक्सपीरियंस से जुड़ी शर्तों को इसलिए हटा दिया था, क्योंकि अगर सिर्फ अनुभव के आधार पर बिडिंग कराई जाती तो कुछ कंपनियां कार्टेल बनाकर बोली लगाने के दौरान मनमानी कर सकती थीं।
पिछले महीने जब गौतम अडानी इंडिया टीवी के स्पेशल शो ‘आप की अदालत’ में आए थे तब मैंने भी उनसे यही सवाल पूछा था। अडानी ने कहा था कि भारत में कारोबार को लेकर होने वाले सियासी विवाद की जानकारी उनको भी है। उन्होंने कहा था कि यही वजह है कि उनके ग्रुप का यह क्लियर स्टैंड है कि उन्हीं कामों को अपने हाथ में लिया जाएगा, जो बिडिंग से हासिल किए गए हों। (रजत शर्मा)
देखें: ‘आज की बात, रजत शर्मा के साथ’ 07 फरवरी, 2022 का पूरा एपिसोड