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Hindi News भारत राष्ट्रीय जन्मदिन के मौके पर इंडिया टीवी के चेयरमैन रजत शर्मा ने स्वर्ण मंदिर में टेका माथा, पत्नी ऋतु धवन भी रहीं मौजूद

जन्मदिन के मौके पर इंडिया टीवी के चेयरमैन रजत शर्मा ने स्वर्ण मंदिर में टेका माथा, पत्नी ऋतु धवन भी रहीं मौजूद

इंडिया टीवी के चेयरमैन और एडिटर इन चीफ रजत शर्मा अपने जन्मदिन के मौके पर अमृतसर स्थित स्वर्ण मंदिर पहुंचे। यहां उन्होंने पत्नी और इंडिया टीवी की एमडी ऋतु धवन के साथ हरमंदिर साहिब के दरबार में माथा टेका।

Rajat Sharma- India TV Hindi Image Source : INDIA TV इंडिया टीवी के चेयरमैन रजत शर्मा ने स्वर्ण मंदिर में पत्नी ऋतु धवन के साथ माथा टेका

अमृतसर: इंडिया टीवी के चेयरमैन और एडिटर इन चीफ रजत शर्मा अपने जन्मदिन के मौके पर अमृतसर स्थित स्वर्ण मंदिर पहुंचे। इस दौरान उन्होंने हरमंदिर साहिब के दरबार में माथा टेका। इस मौके पर रजत शर्मा की पत्नी और इंडिया टीवी की एमडी ऋतु धवन भी उनके साथ मौजूद थीं। 

रजत शर्मा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पत्नी ऋतु धवन के साथ फोटो भी पोस्ट की और लिखा, "अपने जन्मदिन पर स्वर्ण मंदिर में आकर धन्य महसूस कर रहा हूं। सभी के लिए शांति और अच्छे स्वास्थ्य के लिए प्रार्थना की।"

रजत शर्मा के जन्मदिन के मौके पर अमेरिका के न्यूयॉर्क स्थित टाइम्स स्क्वायर पर जन्मदिन का बधाई संदेश भी चला, जिसे पूरी दुनिया ने देखा। बधाई संदेश को न्यूयॉर्क के टाइम्स स्क्वायर पर चलते देखकर खुद रजत शर्मा भी हैरान रह गए। उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा, "ये तो सरप्राइज है।"

गरीबी में बीता जीवन

रजत शर्मा का जन्म साल 1957 में दिल्ली की सब्जी मंडी इलाके में हुआ था। बचपन से ही रजत शर्मा ने अपने जीवन में काफी संघर्ष देखे। उनके छह भाई और एक बहन हैं। अपने संघर्ष के दिनों को याद करते हुए रजत शर्मा ने बताया था, 'माता-पिता सहित हम सभी नौ लोग 100 वर्ग फुट के एक कमरे में रहते थे, जिसे हम घर कहते थे। हर दिन हमारे लिए संघर्षपूर्ण था। हमारे पास पानी या बिजली जैसी आम सुविधा भी नहीं थी।'

गरीबी से निकलने का एकमात्र तरीका है शिक्षा- रजत शर्मा

रजत शर्मा ने शिक्षा को गरीबी से निकलने का रास्ता बताया। उन्होंने बताया कि उनकी शुरुआती शिक्षा सनातन धर्म मिडिल स्कूल से हुई। रात में वह सब्जी मंडी रेलवे स्टेशन पर लैंप पोस्ट के नीचे पढ़ाई करते थे। उन्होंने बताया था कि वह जानते थे कि अपनी गरीबी से लड़ने का एकमात्र तरीका कठिन अध्ययन करना और अपने जीवन को जीने लायक बनाना है। 

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