Rajasthan: पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसेवाला की हत्या के बाद राजस्थान के नागौर में एक अदालत के बाहर गैंगस्टर संदीप बिश्नोई उर्फ सेठी की गोली मारकर हत्या कर दी गई। काली स्कॉर्पियों में सवार हमलावरों ने उस समय गैंगस्टर संदीप बिश्नोई पर गोलियां चलाईं, जब वह सुनवाई के लिए नागौर कोर्ट में जा रहा था। इस हमले में गोली लगने से उसकी की मौके पर ही मौत हो गई। मारा गया गैंगस्टर संदीप बिश्नोई सेठी गैंग का गुर्गा था। इस हत्या की जिम्मेदारी बंबीहा गैंग और कौशली चौधरी गैंग ने ली है।
इस मर्डर को बदले की कार्रवाई करार दिया
इस हत्याकांड के ठीक बाद बंबिहा गैंग ने सोशल मीडिया पर इस मर्डर को बदले की कार्रवाई करार दिया। बंबिहा गैंग को आर्मेनिया मैं बैठा लकी पटियाल चला रहा है। ये गैंग लॉरेंस बिश्नोई और गोल्डी बराड़ की विरोधी है। बंबिहा गैंग ने अपनी सोशल मीडिया पोस्ट में इस हत्याकांड की जिम्मेदारी लेते हुए लिखा कि लॉरेंस बिश्नोई, जग्गू भगवानपुरिया और गोल्डी बराड़ का भी ऐसा ही हाल होगा। इसके बाद एक और पोस्ट सामने आई, जिसमें गोल्डी बराड़ से जुड़े एक अकाउंट से दावा किया गया कि बंबिहा गैंग का दावा निराधा है, यह पुरानी रंजिश का मामला था।
'पीड़ित और हमलावर दोनों उनके गैंग के मुखबिर'
गोल्डी बराड़ ने आगे दावा किया कि पीड़ित और हमलावर दोनों उनके गैंग के मुखबिर थे और उनकी 10 साल पुरानी रंजिश थी, जिसे उन्होंने सुलझाने की भी कोशिश की थी। उन्होंने यह भी कह कि सोशल मीडिया पर बदला लेने की बात करने से बदला नहीं लिया जा सकता है। बता दें कि मई में हुई सिद्धू मूसेवाला की हत्या के बाद बंबीहा गैंग का ये बड़ा पलटवार है।
'फिलिपींस में 5 अगस्त को बंबीहा गैंग के गैंगस्टर की हत्या'
इसी साल 5 अगस्त को फिलिपींस में बंबीहा गैंग के गैंगस्टर की हत्या हो गई थी। इसकी जिम्मेदारी गोल्डी बराड़ ने ली थी। इस हत्या के बाद गोल्डी बराड़ ने सिद्धू मूसेवाला हत्याकांड में फरार दीपक मुंडी का ऑडियो मैसेज जारी किया था। इस ऑडियो में कहा गया था, "जो हाल मूसेवाला का हुआ, वही इन सबका होगा।" इस ऑडियो में कौशल चौधरी, बंबीहा गैंग और बवानिया गैंग को 'टुच्चा गुंडा' भी कहा गया था। इतना ही नहीं धमकाते हुए कहा गया था, "कौशल और बंबीहा गैंग को मारकर इस तरह बदला लिया जाएगा, जो इतिहास में दर्ज होगा।"
लॉरेंस बिश्नोई और बंबीहा गैंग में गैंगवॉर की कहानी पुरानी है
गैंगस्टर्स के बीच बदला लेने की होड़ मची रहती है। इनके बीच गैंगवॉर ठीक वैसा ही चलता है, जैसे कोई फिल्म हो। एक गैंग का आदमी दूसरी गैंग के आदमी को मारता है और फिर बदला लेने के लिए दूसरी गैंग का आदमी पहली गैंग के आदमी की हत्या करता है। सिलसिला ऐसे ही चलता रहता है। लॉरेंस बिश्नोई और बंबीहा गैंग में गैंगवॉर की कहानी काफी पुरानी है। दोनों गैंग में बदले की ये कहानी लवी दयौड़ा की मौत से शुरू हुई थी। दयौड़ा दविंदर बंबीहा गैंग का था। उसकी हत्या लॉरेंस बिश्नोई के शूटर संपत नेहरा और उसके साथियों ने की थी। इसके बाद लॉरेंस की गैंग के शार्प शूटर अंकित भादू का एनकाउंटर हो गया।
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