Railway NTPC Scam: एनटीपीसी एग्जाम को लेकर छात्रों का हल्ला बोल जारी है। दूसरे दिन भी छात्रों ने बिहार के विभिन्न रेलवे स्टेशनों पर बड़ी संख्या में पहुंच रेलवे बोर्ड के खिलाफ प्रदर्शन किया। एक तरफ छात्र रिजल्ट में धांधली का आरोप लगा रहे हैं। इस बीच अब रेलवे ने एक नोटिफिकेशन जारी कर प्रदर्शन कर रहे छात्रों को चेतावनी दे दी है।
आरआरबी ने आदेश में कहा है कि ऐसे छात्रों की पहचान कर उन्हें रेलवे में नौकरी करने से हमेशा के लिए वंचित किया जा सकता है। यानी ऐसे छात्र लाइफटाइम के लिए रेलवे में कभी भी नौकरी नहीं कर पाएंगे। उन्हें रेलवे बैन कर देगी।
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जारी आदेश में रेलवे ने कहा है, ट्रैक पर विरोध प्रदर्शन, सरकारी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने जैसी गतिविधियों में शामिल लोगों की जांच की जाएगी। ऐसे छात्रों पर पुलिस कार्रवाई के साथ-साथ रेलेव की नौकरी से हमेशा के लिए प्रतिबंध लगाया जा सकता है। रेलवे ने अपनी सफाई में कहा है कि बोर्ड भर्ती प्रक्रिया को पारदर्शी तरीके से करती है। वो असमाजिक तत्वों के प्रभाव में न आए।
जारी नोटिफिकेशन
NTPC रिजल्ट का क्यों छात्र कर रहे हैं विरोध
दरअसल, रेलवे भर्ती बोर्ड (आरआरबी) द्वारा एनटीपीसी भर्ती सीबीटी -1 परीक्षा के परिणाम 14-15 जनवरी को जारी किए गए थे। परीक्षा में एक करोड़ से अधिक उम्मीदवार पंजीकृत हैं। इस परिणाम के आधार पर उम्मीदवारों को सीबीटी -2 यानी दूसरे चरण II परीक्षा के लिए शॉर्टलिस्ट किया जाना है।
उम्मीदवारों का आरोप है कि आरआरबी एनटीपीसी रिजल्ट में धांधली की गई है। छात्रों का कहना है कि आरआरबी एनटीपीसी भर्ती अधिसूचना के मुताबिक, सीबीटी-1 सिर्फ एक स्क्रीनिंग टेस्ट है। इसके अंक मुख्य परीक्षा में नहीं जोड़े जाएंगे। इसके अलावा, आरआरबी को क्षेत्रवार कुल पदों के 20 गुना योग्य उम्मीदवारों की घोषणा करनी थी। लेकिन, आरआरबी द्वारा विभिन्न स्लॉट में पदों की संख्या को देखते हुए, उम्मीदवारों को प्रत्येक स्लॉट के लिए अलग से 20 गुना योग्य घोषित किया गया है।
गौरतलब है कि देशभर में 35 हजार पदों के लिए आरआरबी एनटीपीसी भर्ती के लिए चयन प्रक्रिया शुरू करने के लिए रेलवे भर्ती बोर्ड द्वारा 2019 में अधिसूचना जारी की गई थी। इस भर्ती में विभिन्न ग्रेड की 13 रिक्तियां हैं, जिन्हें सात स्लॉट में विभाजित किया गया है। इसमें सीबीटी-1 और सीबीटी-2 परीक्षा के माध्यम से दो चरणों के लिए क्रमश: 20 और 8 गुना अभ्यर्थियों को पास करने का प्रस्ताव था। हालांकि, नोटिफिकेशन में आरआरबी इस बात का उल्लेख कर चुका था कि इसे जरूरत के हिसाब से बढ़ाया या घटाया जा सकता है।
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