'जय श्री राम' के नारों से नाराज ममता ने मंच पर जाने से किया था इंकार? अब रेल मंत्री ने बताई पूरी बात
जय श्रीराम के नारों से ममता बनर्जी नाराज हो गईं। वो मंच की तरफ़ जा रही थीं लेकिन, प्लेटफॉर्म पर ही ठिठककर खड़ी हो गईं और जय श्रीराम के नारे लगा रहे लोगों को देखने लगीं। उसी वक़्त, टीएमसी के समर्थकों ने भी जय बांग्ला के नारे लगाने शुरू कर दिए।
कोलकाता: शुक्रवार को पश्चिम बंगाल की पहली वंदे भारत एक्सप्रेस के उद्घाटन समारोह के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद तो हावड़ा नहीं पहुंच पाए लेकिन, जो लोग पहुंचे उनसे सियासी तमाशा खड़ा हो गया। रेलवे के इस कार्यक्रम में पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस, रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, बंगाल के नेता विपक्ष शुभेंदु अधिकारी, केंद्रीय मंत्री निसिथ प्रमाणिक और दूसरे सम्मानित लोगों को भी बुलाया गया था। बीजेपी के नेता भी आमंत्रित थे लेकिन, जैसे ही ममता बनर्जी हावड़ा के प्लेटफॉर्म पर पहुंची, तो रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव उनके स्वागत के लिए पहुंचे और तभी रेलवे लाइन के उस पार, प्लेटफॉर्म पर बैठे बीजेपी के कुछ कार्यकर्ता जय श्री राम के नारे लगाने लगे।
जय श्री राम के नारों से ममता बनर्जी नाराज हो गईं। वो मंच की तरफ जा रही थीं लेकिन, प्लेटफॉर्म पर ही ठिठककर खड़ी हो गईं और जय श्रीराम के नारे लगा रहे लोगों को देखने लगीं। उसी वक्त, टीएमसी के समर्थकों ने भी जय बांग्ला के नारे लगाने शुरू कर दिए। ममता बनर्जी प्लेटफॉर्म पर खड़ी रहीं, वो हटने को तैयार ही नहीं थीं।
ममता बनर्जी को मनाने पहुंचे रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव
ममता बनर्जी की नाराज़गी देखकर, वहां मौजूद कुछ लोगों ने नारे लगाने वालों को शांत कराया और उनसे कहा कि नारेबाज़ी न करें। इसके बाद ममता बनर्जी प्लेटफॉर्म पर ही अलग कुर्सी मंगाकर बैठ गईं। उन्होंने मंच पर जाने से मना कर दिया। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव उन्हें मनाने पहुंचे। उन्होंने ममता बनर्जी से अपील की कि वो प्लेटफॉर्म के बजाय मंच पर चलकर बैठें जहां बाक़ी माननीय मेहमान बैठे हैं लेकिन, रेल मंत्री की अपील को ममता बनर्जी ने ठुकरा दिया, वो वहीं बैठी रहीं। रेल मंत्री ने किसी से फोन पर बात की और फिर ममता बनर्जी के पास से चले गए। रेल मंत्री के बाद राज्यपाल भी ममता बनर्जी के पास से निराश होकर लौट आए। पश्चिम बंगाल सरकार के कुछ अधिकारी भी मुख्यमंत्री के साथ वहीं कुर्सी लगाकर बैठ गए।
कार्यक्रम के बाद आया रेल मंत्री का बयान
वहीं, अब इस पूरे मामले पर रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव का बयान सामने आया है। उन्होंने कहा, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के आगमन पर भाजपा समर्थकों द्वारा जय श्री राम के नारे, उनके लिए गुस्सा करने के लिए गंभीर मामला नहीं था। शुक्रवार शाम को जोका-तारातला मेट्रो रेल मार्ग के उद्घाटन के बाद मीडियाकर्मियों से बातचीत में रेल मंत्री ने कहा कि नारे कुछ लोगों ने भावनाओं में बहकर लगाए थे। उन्होंने कहा, हमने मुख्यमंत्री को आमंत्रित किया। हमें खुशी है कि वह आईं। ऐसा कुछ भी नहीं हुआ जिससे वह नाराज हो सकें। कुछ लोगों ने हावड़ा में अपनी भावना से नारे लगाए। इसमें नाराज होने की कोई बात नहीं है। कुछ भाजपा समर्थकों द्वारा जय श्री राम के नारे लगाए जाने के बाद बनर्जी चिढ़ गईं और विरोध में उन्होंने मंच पर आने से इनकार कर दिया और इसके बजाय, मंच के बगल में एक कुर्सी पर बैठकर पूरे कार्यक्रम में शामिल हुईं।
शुभेंदु अधिकारी ने ममता बनर्जी को लेकर कही ये बात
हालांकि, बर्धमान-दुगार्पुर निर्वाचन क्षेत्र से भाजपा के लोकसभा सांसद, एस.एस. अहलूवालिया का उनको समर्थन मिला। उन्होंने कहा, यह सरकारी कार्यक्रम था। बेहतर होता कि वहां 'भारत माता की जय' का नारा लगाया जाता। इस बीच, विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने दावा किया है कि मुख्यमंत्री ने वास्तव में उनके साथ मंच साझा करने से बचने के बहाने उन नारों का इस्तेमाल किया। अधिकारी ने कहा, यह उनकी हताशा का परिणाम है क्योंकि वह 2021 के विधानसभा चुनावों में नंदीग्राम में अपनी हार के कड़वे सच को नहीं समझ पा रही हैं।
तृणमूल कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य शांतनु सेन ने भाजपा नेताओं के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि भाजपा नेताओं के शब्दकोष से राजनीतिक शिष्टाचार शब्द गायब है। उन्होंने सिखाया है कि कैसे संकीर्ण राजनीतिक उद्देश्यों के लिए सरकारी कार्यक्रम के मंच का उपयोग किया जाता है।