Radhika Merchant: मुकेश अंबानी और नीता अंबानी ने जियो वर्ल्ड सेंटर में एक खास अरंगेत्रम सेरेमनी का आयोजन किया। अंबानी परिवार ने ये सेरेमनी अपनी होने वाली बहू राधिका मर्चेंट (Radhika Merchant) के लिए रखी। राधिका मर्चेंट एक क्लासिकल डांसर हैं। राधिका ने पहली बार स्टेज पर परफॉर्म किया। इसलिए अंबानी परिवार ने अपनी होने वाली बहू राधिका मर्चेंट के लिए एक खास अरंगेत्रम सेरेमनी रखी। बता दें कि मुकेश और नीता अंबानी के छोटे बेटे अनंत अंबानी राधिका मर्चेंट से शादी करने वाले हैं।
जियो वर्ल्ड सेंटर राधिका का ‘अरंगेत्रम’
राधिका मर्चेंट के ‘अरंगेत्रम’ की प्रस्तुति जियो वर्ल्ड सेंटर के द ग्रैंड थिएटर में हुई। इसमें देशभर की नामचीन हस्तियां मौजूद थी, जिनकी मेहमाननवाजी अंबानी परिवार ने की। कार्यक्रम में अधिकांश अतिथि ब्रोकेड और कशीदाकारी सिल्क साड़ियों और शेरवानी व कुर्ते के साथ पारंपरिक परिधानों में नजर आए। राधिका मर्चेंट अरंगेत्रम परफॉर्मेंस के दौरान एक दम स्टार लग रहीं थी। यह उनके और उनकी गुरु भावना ठाकर के लिए सफलता की घड़ी थी, जिन्होंने राधिका को भरतनाट्यम में 8 वर्षों से अधिक समय तक प्रशिक्षित किया था।
क्या होता है अरंगेत्रम?
राधिका देश के सबसे बड़े उद्योगपति में से एक मुकेश अंबानी और नीता अंबानी के बेटे अनंत अंबानी की होने वाली पत्नी हैं। राधिका एक भारतीय शास्त्रीय नृत्यांगना हैं और उन्होंने अपनी नृत्य शिक्षा पूरी होने के बाद ‘अरंगेत्रम’ प्रस्तुत किया। बता दें कि अरंगेत्रम एक तमिल शब्द है। इसका अर्थ भारतीय शास्त्रीय नृत्य और संगीत के किसी साधक का पहला स्टेज परफॉर्मेंस होता है। यह नए कलाकारों का स्टेज पर प्रवेश का तरीका माना जाता है।
नीता अंबानी की परम्परा आगे बढ़ा रहीं राधिका
खास बात ये है कि नीता अंबानी के बाद राधिका मर्चेंट इस परिवार में दूसरी भरतनाट्यम प्रस्तावक है। नीता अंबानी खुद एक प्रशिक्षित भरतनाट्यम डांसर हैं और राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय जिम्मेदारियों के बावजूद नृत्य के साथ जुड़ाव रखती है। इस कार्यक्रम में राधिका ने अपने कार्यक्रम की शुरुआत पुष्पांजलि से की। इसके बाद गणेश वंदना और पारंपरिक अल्लारिपु को पेश किया। इसके बाद लोकप्रिय भजन 'अच्युतम केशवम' राग रागमालिका पर प्रस्तुत किया। इस दौरान उन्होंने शबरी का भगवान राम के प्रति प्रेम, गोपियों के साथ भगवान कृष्ण का नृत्य और मां यशोदा और बाल कृष्ण की कहानी को नृत्य के जरिए प्रस्तुत किया। शिव पंचाक्षर की प्रस्तुति में उन्होंने शिव के कई रूप प्रस्तुत किए।
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