Shantiniketan in UNESCO World Heritage Sites: रबीन्द्रनाथ टैगोर के घर शांति निकेतन को यूनेस्को ने विश्व धरोहर सूची (UNESCO World Heritage Sites) में शामिल किया है। कई कविताओं के रचयिता, नोबेल पुरस्कार विजेता, भारत का राष्ट्रगान लिखने वाले रबीन्द्रनाथ टैगोर का घर शांतिनिकेतन पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले में है। बता दें कि रबीन्द्रनाथ टैगोर को गुरुदेव के नाम से भी संबोधित किया जाता है। उन्होंने अपने जीवन का अधिकांश समय शांतिनिकेतन में बिताया था। हाल ही में यूनेस्को की विश्व विरासत सूची में इसे शामिल करने की सिफारिश की गई थी। अब यूनेस्को ने रविवार को एक्स पर जानकारी साझा करते हुए शांतिनिकेतन को विश्व धरोहर सूची में शामिल करने का ऐलान किया है।
विश्व धरोहर सूची में शामिल हुआ शांतिनिकेतन
यूनेस्को ने एक्स पर लिखा, बधाई। भारत के बीरभूम जिले में स्थित शांति निकेतन को लंबे समय से यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में शामिल कराने की कोशिश की जा रही थी। यूनेस्को की इस सूची में नया नाम भारत का शांतिनिकेतन जुड़ गया है। इस बाबत पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा, 'यूनेस्को ने पश्चिम बंगाल को पर्यटन के लिए चयनित किया है। रबीन्द्रनाथ टैगोर के निवास स्थान शांतिनिकेतन को यूनेस्कों की विश्व धरोहर सूची में शामिल किया गया है।' बता दें कि शांतिनिकेतन को यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में शामिल किए जाने के बाद पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले में स्थित विश्वभारती विश्वविद्यालय में जश्न मनाया गया।
रबीन्द्रनाथ टैगोर की उपलब्धियों का है परिणाम
इस बाबत बोलते हुए विश्व भारती विश्वविद्यालय के कुलपति विद्युत चक्रवर्ती ने कहा कि यह हम सभी के लिए उत्सव का दिन है। हमें इस क्षण का हिस्सा बनने का सौभाग्य मिला है, क्योंकि हम इस विश्वविद्यालय से जुड़े हुए हैं। हमें यह याद रखने की जरूरत है कि जिस व्यक्ति ने हमें इस क्षण तक पहुंचाया वह कोई और नहीं बल्कि विश्व भारती के संस्थापक गुरुदेव रबीन्द्रनाथ टैगोर हैं।यह क्षण और इसके लिए मनाया जा रहा उत्सव रबीन्द्रनाथ टैगोर की उपलब्धियों का परिणाम है। यूनेस्को द्वारा दिया गया विश्व धरोहर का टैग इस विश्वविद्यालय के लिए ऐतिहासिक है। क्योंकि यह सीखने का एकमात्र स्थान है, जहां अब भी मान्यता प्राप्त शिक्षा दी जा रही है।
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