युवजन श्रमिक रायथु कांग्रेस पार्टी यानी YSRCP के राज्यसभा सदस्य आर. कृष्णैया ने उच्च सदन की सदस्यता छोड़ने के एक दिन बाद बुधवार को कहा कि वह किसी भी पार्टी में शामिल नहीं होंगे। उन्होंने कहा कि उन पर पिछड़े वर्गों के लिए एक राजनीतिक दल बनाने का दबाव है। पिछड़ी जातियों के लिए आवाज उठाने वाले कृष्णैया ने कहा कि वह विधानसभा और स्थानीय निकायों में जनसंख्या के अनुपात के अनुसार, पिछड़ी जातियों के लिए 50 प्रतिशत तक आरक्षण बढ़ाने का मुद्दा उठाएंगे।
"कांग्रेस और बीजेपी की ओर से प्रस्ताव"
राज्यसभा की सदस्यता से इस्तीफा देने के कारणों के बारे में उन्होंने कहा कि वाईएसआरसीपी का सदस्य होने के नाते वह पिछड़ी जातियों से संबंधित एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए उस राजनीतिक पार्टी के नेताओं से नहीं मिल पा रहे थे, जिससे वाईएस जगन मोहन रेड्डी के नेतृत्व वाली पार्टी के वैचारिक मतभेद हैं। कृष्णैया ने कहा, "कांग्रेस और बीजेपी की ओर से प्रस्ताव आ रहे हैं। मेरे समर्थकों और शुभचिंतकों की ओर से भी मुझ पर पिछड़ी जातियों के लिए एक राजनीतिक दल बनाने का बहुत दबाव है। हम इस बारे में भी सोच रहे हैं। मैं एक महीने में फैसला लूंगा।"
कृष्णैया समते कई नेताओं ने छोड़ी पार्टी
उन्होंने कहा कि जगन मोहन रेड्डी के साथ उनका कोई मतभेद नहीं है। तेलंगाना विधानसभा और लोकसभा चुनाव में वाईएसआरसीपी को मिली हार के बाद कई नेताओं द्वारा पार्टी छोड़े जाने के बीच कृष्णैया ने भी मंगलवार को इस्तीफा दे दिया, जिससे राज्य में विपक्षी पार्टी को झटका लगा है। लोकसभा और आंध प्रदेश विधानसभा चुनावों में पार्टी की हार के बाद वह तीसरे नेता हैं, जिन्होंने उच्च सदन की सदस्यता छोड़ दी। इससे पहले हाल ही में बी मस्तान राव जाधव और वेंकटरमण राव मोपीदेवी ने उच्च सदन की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था। (भाषा)
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