Queen Elizabeth: जलियांवाला बाग स्मारक की देखभाल करने वाले ट्रस्ट के सचिव सुकुमार मुखर्जी को वह समय याद है जब महारानी एलिजाबेथ द्वितीय ने 1919 के नरसंहार स्थल का दौरा किया था। उन्होंने नंगे पांव जलियांवाला बाग के अंदर पहुंचकर भारत के शहीदों को नमन किया था। महारानी ने मृतकों को श्रद्धांजलि दी थी लेकिन माफी नहीं मांगी थी। ब्रिटेन की महारानी का 70 साल के शासनकाल के बाद गुरुवार को निधन हो गया। एक ब्रिटिश सैन्य अधिकारी के आदेश पर अंधाधुंध गोलीबारी में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि देने के लिए महारानी ने 1997 में जलियांवाला बाग का दौरा किया था। बहुत लोगों को आशा थी कि वह ब्रिटेन की ओर से माफी मांगेंगी। हालांकि ऐसा नहीं हुआ। इसके बजाय, उनके साथ स्मारक पहुंचे प्रिंस फिलिप द्वारा कथित तौर पर की गई एक असंवेदनशील टिप्पणी से कई भारतीय आहत हो गए।
महारानी ने रखा था एक मिनट का मौन
हालांकि, मुखर्जी ने कहा कि यह दौरा काफी महत्वपूर्ण था। मुखर्जी ने शुक्रवार को कहा, ‘‘मुझे लगता है कि जब वह यहां जलियांवाला बाग आईं तो उन्होंने शहीदों को सम्मान दिया और उन्होंने एक मिनट का मौन भी रखा। यह कोई छोटी बात नहीं है कि किसी देश की महारानी ने यह किया और मुझे लगता है कि यह माफी से ज्यादा कुछ था।’’ हालांकि, महेश बहल के लिए, जिनके दादा लाला हरि राम बहल जलियांवाला बाग में गोलीबारी में मारे गए थे, महारानी का यह भाव कुछ नहीं था।
स्वतंत्रता सेनानियों के परिवारों ने राजघाट पर की थी भूख हड़ताल
महेश ने कहा, ‘‘1997 में महारानी की जलियांवाला बाग की यात्रा उनकी माफी की अभिव्यक्ति के बिना अर्थहीन थी। शहीदों के स्थल के अपने दौरे के दौरान, उन्हें सीधे माफी मांगनी चाहिए थी लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया।’’ महेश ने कहा, ‘‘जब वह 1997 में भारत आईं, तो अमृतसर से स्वतंत्रता सेनानियों के परिवारों का एक बड़ा समूह दिल्ली के राजघाट गया, जहां हम सभी ने भूख हड़ताल की और कहा कि बिना माफी के उनकी अमृतसर यात्रा निरर्थक रहेगी।’’
जलियांवाला बाग में लोगों पर चलाई थीं अंधाधुंध गोलियां
तेरह अप्रैल 1919 को बैसाखी के दिन में कर्नल रेजिनाल्ड डायर की कमान के तहत सैनिकों ने जलियांवाला बाग में एक सभा में पहुंचे लोगों पर अंधाधुंध गोलियां चलाई थीं। इस घटना में सैकड़ों भारतीय मारे गए थे, लेकिन वास्तविक संख्या के अनुमान अलग-अलग हैं। ब्रिटेन के शाही युगल की 1997 की जलियांवाला बाग की यात्रा के दौरान, प्रिंस फिलिप ने परोक्ष रूप से हताहतों की संख्या पर सवाल उठाया था। उस भारत यात्रा के दौरान एक भोज में, महारानी ने जलियांवाला बाग में हुए हत्याकांड को स्वीकार किया था। उन्होंने कहा था, ‘‘यह कोई रहस्य नहीं है कि हमारे अतीत में कुछ कठिन घटनाएं हुई हैं। जलियांवाला बाग एक दुखद उदाहरण है।’’
महारानी की अंतिम भारत यात्रा 1997 में हुई थी
भारत की उनकी पहली यात्रा 1961 में और दूसरी 1983 में हुई थी, जब भारत ने राष्ट्रमंडल शासनाध्यक्षों की बैठक (चोगम) की मेजबानी की थी और उन्होंने मदर टेरेसा को ‘ऑर्डर ऑफ मेरिट’ प्रस्तुत किया था। महारानी की अंतिम भारत यात्रा 1997 में भारत की स्वतंत्रता की 50 वीं वर्षगांठ समारोह के उपलक्ष्य में हुई थी और पहली बार उन्होंने औपनिवेशिक इतिहास के ‘‘मुश्किल घटनाक्रम’’ का संदर्भ दिया था। ब्रिटेन की सबसे लंबे समय तक राज करने वाली महारानी एलिजाबेथ द्वितीय का गुरुवार को स्कॉटलैंड के बाल्मोरल कैसल में निधन हो गया। वह 96 साल की थीं।
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