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Hindi News भारत राष्ट्रीय बर्खास्त IAS पूजा खेडकर को दिल्ली हाई कोर्ट से मिली बड़ी राहत, 5 सितंबर तक गिरफ्तार नहीं कर पाएगी पुलिस

बर्खास्त IAS पूजा खेडकर को दिल्ली हाई कोर्ट से मिली बड़ी राहत, 5 सितंबर तक गिरफ्तार नहीं कर पाएगी पुलिस

पूजा खेडकर को बड़ी राहत देते हुए दिल्ली हाई कोर्ट ने गिरफ्तारी से अंतरिम राहत 5 सितंबर तक बढ़ा दिया। इससे पहले दिल्ली हाई कोर्ट ने गिरफ्तारी से अंतरिम राहत 29 अगस्त तक बढ़ा दी थी।

बर्खास्त आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर- India TV Hindi Image Source : FILE-PTI बर्खास्त आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर

नई दिल्लीः बर्खास्त आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर को बड़ी राहत देते हुए दिल्ली हाई कोर्ट ने गिरफ्तारी से अंतरिम राहत 5 सितंबर तक बढ़ा दिया। इससे पहले दिल्ली हाई कोर्ट ने गिरफ्तारी से अंतरिम राहत 29 अगस्त तक बढ़ा दी थी। बता दें कि पूजा खेडकर पर संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) को दिए अपने आवेदन में तथ्यों को गलत तरीके से पेश करने और गलत तरीके से पेश करने का आरोप है।

कोर्ट ने पुलिस को दिया समय

जानकारी के अनुसार, बर्खास्त ट्रेनी आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर की अग्रिम जमानत पर दिल्ली हाई कोर्ट में आज सुनवाई टल गई। हाई कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को फ्रेश स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने के लिए समय दिया। मामले की अगली सुनवाई 5 सितंबर को होगी। पिछली सुनवाई में दिल्ली पुलिस ने पूजा की अग्रिम जमानत याचिका का  विरोध किया था। दिल्ली पुलिस ने कहा पूजा के खिलाफ धोखे और धोखाधड़ी से जुड़े गंभीर आरोप हैं। मामला सिविल सेवाओं में आरक्षित श्रेणियों के दुरुपयोग से जुड़ा है।

हाई कोर्ट ने पहले भी दी थी राहत

 दिल्ली हाई कोर्ट ने जांच एजेंसी को निर्देश दिया था कि जब तक मामला विचाराधीन है तब तक पूजा को गिरफ्तार न किया जाए। क्योंकि उनकी तत्काल गिरफ्तारी आवश्यक नहीं समझी जाती है। मामले की सुनवाई करते हुए, दिल्ली उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद ने पूजा खेडकर की अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई 29 अगस्त, 2024 तक के लिए टाल दी थी। यह स्थगन दिल्ली पुलिस के जवाब के अभी तक रिकॉर्ड पर दाखिल नहीं होने के कारण हुआ।

कोर्ट ने इसलिए दी थी राहत

पिछली सुनवाई में दिल्ली हाई कोर्ट ने निलंबित आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर की अग्रिम जमानत याचिका पर दिल्ली पुलिस और संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) को नोटिस जारी किया था। कोर्ट ने पहले देखा था कि पूजा खेडकर को जमानत देने से इनकार करने वाले ट्रायल कोर्ट के आदेश में पर्याप्त चर्चा का अभाव है, जिसमें अन्य लोगों की संलिप्तता के बारे में लोक अभियोजक के दावे का केवल एक संक्षिप्त उल्लेख था। हाई कोर्ट ने पुलिस को निर्देश दिया है कि आगे की कार्यवाही लंबित होने तक खेडकर को गिरफ्तार न किया जाए।

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