चंडीगढ़-मोहाली बॉर्डर पर हिंसक हुए प्रदर्शनकारी, पुलिस पर हथियारों से किया हमला, कई जवान घायल
चंडीगढ़-मोहाली बॉर्डर पर पुलिस और प्रदर्शनकारी के बीच हिंसक झड़प हो गई है। इस झड़प में पुलिस के 23 जवान घायल हो गए है।
चंडीगढ़: पंजाब में मोहाली-चंडीगढ़ का बॉर्डर बुधवार को जंग का मैदान बन गया। मोहाली बॉर्डर पर 7 जनवरी से 12 सिख संगठनों के प्रदर्शनकारी कौमी इंसाफ मोर्चा के बैनर तले प्रदर्शन कर रहे थे, लेकिन आज अचानक वे चंडीगढ़ में घुसकर मुख्यमंत्री आवास पर प्रदर्शन करने की जिद करने लगे। इस दौरान भारी तादाद में पुलिस के जवान वहां पहुंच गए, और उन्होंने प्रदर्शनकारियों पर वॉटर कैनन का इस्तेमाल किया। इससे गुस्साए निहंग सिखों और सिख संगठनों के लोगों ने पुलिस पर ही हमला बोल दिया। पुलिस ने अपनी FIR में कहा है कि हमला करने वाले लोग खालिस्तानी संगठनों से जुड़े थे। पुलिस द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक, इस घटना में 23 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं।
मुख्यमंत्री आवास जाना चाहते थे प्रदर्शनकारी
दरअसल, कौमी इंसाफ मोर्चा के बैनर तले प्रदर्शनकारी अपनी मांगों को लेकर मुख्यमंत्री आवास जाना चाहते थे। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को मुख्यमंत्री आवास की ओर बढ़ने से रोकने के लिए चंडीगढ़-मोहाली सीमा के पास बाड़ लगा दिए थे। जब प्रदर्शनकारियों ने बाड़ तोड़कर आगे बढ़ने की कोशिश की, तो चंडीगढ़ पुलिस ने उन्हें तितर-बितर करने के लिए वाटर कैनन से पानी की बौछार शुरू कर दी। पानी की बौछार देख प्रदर्शनकारी उग्र हो गए और उन्होंने एक पानी की बौछार करने वाली गाड़ी, एक “वज्र” (दंगा नियंत्रण वाहन), दो पुलिस की गाड़ियों, एक अग्निशमन वाहन और कुछ अन्य वाहनों को तलवारों और लाठियों से क्षतिग्रस्त कर दिया। पुलिस ने बताया कि प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच जोरदार झड़प हुई है। पुलिस पर पत्थर भी फेंके गए, जिसके बाद प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए हल्का बल प्रयोग किया गया है।
हमले में 23 पुलिसकर्मी बुरी तरह घायल
पुलिस के मुताबिक, शाम करीब 3.00 बजे करीब 300 से 400 लोग पक्का मोर्चा से मटौर बैरियर स्थित सीएम पंजाब, चंडीगढ़ के आवास की ओर बढ़ रहे थे। जब जत्था सेक्टर 52/53 के डिवाइडिंग रोड पर चंडीगढ़ पुलिस बैरिकेड्स पर पहुंचा, तो चंडीगढ़ पुलिस ने उन्हें रोका और वरिष्ठ अधिकारी शांति बनाए रखने के लिए प्रदर्शनकारियों से बातचीत कर रहे थे। पुलिस के मुताबिक, प्रदर्शनकारी घोड़ों और ट्रैक्टर ट्रॉलियों पर तलवार, लाठियों और अन्य हथियार लेकर आए थे और बेरिकेड्स को जबरन तोड़कर अकारण हमला किया। इस घटना में कई पुलिस अधिकारियों पर हमला किया और कई पुलिस वाहनों को क्षतिग्रस्त कर दिया। पुलिस ने आगे बताया कि प्रदर्शनकारियों ने साइट से अपने साथ चंडीगढ़ पुलिस के 10-12 बैरिकेड्स भी लूट लिए है। इस घटना में 7 महिला पुलिस कर्मी सहित 23 पुलिस कर्मी बुरी तरह घायल हो गए। इस मामले में संबंधित धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है।
कैदियों की रिहाई की मांग कर रहे प्रदर्शनकारी
इन लोगों की मांग है कि जिनकी सजा पूरी हो चुकी है उन कैदियों को रिहा किया जाए। साथ ही बेअदबी के मामले में कम से कम उम्र कैद और UAPA लगाने की मांग भी की गई है। इन्हीं मांगो के साथ अब तक ये चंडीगढ़-मोहाली बॉर्डर पर बैठे थे लेकिन आज पंजाब पुलिस के रोकने पर उन्होंने पुलिसवालों को ही निशाना बनाया। सिख प्रदर्शनकारियों का कहना है कि यह पक्का मोर्चा तब तक जारी रहेगा जब तक यह मांगे पूरी नहीं हो जाती। सजा पूरी होने के बावजूद जेलों में बंद बंदी सिखों की रिहाई को लेकर चंडीगढ़ बॉर्डर के पास मोहाली में सिख जत्थेबंदी बड़ी संख्या में जुटे हैं।
बेअंत सिंह के हत्यारे जगतार की भी रिहाई की मांग
पंजाब में वर्ष 2015 की बेअदबी और गोलीकांड की घटनाओं समेत बेअदबी की अन्य घटनाओं में इंसाफ की मांग की जा रही है। सिख जत्थेबंदियां पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह की हत्या के दोषी जगतार सिंह हवारा की रिहाई की भी मांग कर रहे हैं। 7 जनवरी से तो ये धरना चंडीगढ़ की सीमा पर सड़क जाम करके शांतिपूर्वक चलाया जा रहा है। लेकिन सोमवार से लगातार सिख संगठन इस जिद पर अड़े हैं कि उनके 31 नेताओं के डेलिगेशन को चंडीगढ़ स्थित पंजाब सीएम हाउस के बाहर जाकर धरना लगाने दिया जाए नहीं तो उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाए।
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