Protest Against Kerla Government: केरल के मछुआरों ने बुधवार को राजधानी में नावों और मछली पकड़ने वाले जालों के साथ विशाल रैली निकालते हुए सचिवालय का घेराव किया। मछुआरों ने केरल सरकार पर उनकी मांगों को नजरअंदाज करने का आरोप लगाया। यह रैली पादरियों और ननों के नेतृत्व में निकाली गई। इस राली की वजह से घंटों तक सड़कें जाम रही। प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए बहुत मशक्कत करनी पड़ी। माहौल काफी तनावपूर्ण भी रहा।
मछुआरों की ये हैं प्रमुख मांगें
एक महिला प्रदर्शनकारी ने कहा कि वे बीते कईं वर्षों से गंभीर तटीय क्षरण का सामना कर रही है, लेकिन सरकार इस मुद्दे का स्थायी समाधान खोजने के लिए कोई कदम नहीं उठा रही है। महिला ने कहा कि विभिन्न तटीय बस्तियों में लगभग 500 घर नष्ट हो गए हैं। मछुआरों ने ऐसे लोगों के पुनर्वास के लिए सरकार से तत्काल उपाय करने की मांग की है जिनके घर नष्ट हो गए हैं। एक अन्य महिला प्रदर्शनकारी ने कहा, ‘‘मेरे अलावा कई परिवार पिछले चार वर्षों से एक सरकारी गोदाम में रह रहे हैं क्योंकि उनके घर समुद्र की ऊंची लहरों के कारण नष्ट हो गए।’’ उन्होंने कहा, ''हमें एक घर चाहिए। हम पिछले चार साल से इसकी मांग कर रहे हैं। लेकिन, सरकार चर्चा करने के अलावा कुछ नहीं कर रही है। क्या आपको (सरकार को) केवल हमारे वोट चाहिए?'' प्रदर्शनकारियों का नेतृत्व कर रहे एक पादरी ने कहा कि मछुआरा समुदाय के साथ-साथ चर्च भी इस मुद्दे पर समान रूप से चिंतित है। उन्होंने कहा कि यह केवल एक सांकेतिक हड़ताल थी। उन्होंने कहा कि अगर सरकार मछुआरों की मांगों को जल्द से जल्द पूरा नहीं करती है तो हमारा विरोध और तेज हो जाएगा।
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