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Hindi News भारत राष्ट्रीय महाकुंभ मेले में अखाड़ों के लिए हो रहा भूमि आवंटन, बाकी तैयारियां भी हैं जोरों पर

महाकुंभ मेले में अखाड़ों के लिए हो रहा भूमि आवंटन, बाकी तैयारियां भी हैं जोरों पर

उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में होने जा रहे महाकुंभ मेले के लिए तैयारियां जोरों पर हैं और इसी कड़ी में अखाड़ों को भूमि आवंटन का काम भी पूरा किया जा रहा है।

Maha Kumbh Mela, Maha Kumbh Mela 2025, Maha Kumbh Mela News- India TV Hindi Image Source : FILE महाकुंभ मेले में अखाड़ों के लिए भूमि आवंटन किया जा रहा है।

प्रयागराज: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में संगम की रेती पर आयोजित होने वाला महाकुंभ मेला 2025 के लिए भूमि आवंटन का काम जारी है और यह आज पूरा हो जाएगा। इस प्रक्रिया के तहत सबसे पहले अखाड़ों को जमीन दी जाएगी, इसके बाद अन्य धार्मिक और सामाजिक संस्थाओं को भूमि आवंटित की जाएगी। 14 जनवरी 2025 से 26 फरवरी 2025 तक चलने वाले महाकुंभ मेले के लिए सभी तैयारियां जोरों पर हैं। अधिकारियों का कहना है कि भूमि आवंटन की प्रक्रिया में यह ख्याल रखा जा रहा है कि किसी भी सूरत में अखाड़ों को पिछले कुंभ के मुकाबले कम जमीन न मिले।

अखाड़ों के लिए भूमि आवंटन का कार्य

अपर मेलाधिकारी विवेक चतुर्वेदी ने बताया कि भूमि आवंटन का कार्य पूरी पारंपरिक प्रक्रिया के तहत किया जा रहा है। इसके लिए प्रयागराज मेला प्राधिकरण, अखाड़ा परिषद और सभी अखाड़ों के प्रतिनिधियों के साथ मिलकर सहमति बनाते हुए यह प्रक्रिया पूरी की जा रही है। चतुर्वेदी ने यह भी कहा कि इस बार किसी भी सूरत में अखाड़ों को पिछले कुंभ के मुकाबले कम भूमि नहीं दी जाएगी।

आधिकारिक प्रक्रिया और समयसीमा

भूमि आवंटन की प्रक्रिया आज पूरी होने का अनुमान है। इस दौरान मेला प्राधिकरण के अधिकारी अखाड़ा परिषद और अखाड़ों के प्रतिनिधियों के साथ अलग-अलग बैठकें कर इस प्रक्रिया को अंतिम रूप दे रहे हैं। चतुर्वेदी ने बताया कि परंपरा के अनुसार पहले अखाड़ों को भूमि आवंटित की जाएगी, इसके बाद अन्य संस्थाओं को भूमि दी जाएगी।

चारों पीठों के शंकराचार्यों और दंडी स्वामियों को भी भूमि

अपर मेलाधिकारी ने यह भी बताया कि चारों पीठों के शंकराचार्यों और दंडी स्वामियों को भी परंपरा के अनुसार भूमि आवंटित की जाएगी, ताकि वे भी महाकुंभ के दौरान अपने श्रद्धालुओं के लिए शिविर लगा सकें। बता दें कि महाकुंभ मेला एक भव्य आयोजन होता है, और इसके दौरान साधु-संतों की जरूरतों का पूरा ध्यान रखा जाएगा। मेला प्राधिकरण समय-समय पर साधु-संतों के लिए विभिन्न सुविधाएं उपलब्ध कराएगा, ताकि वे अपने धार्मिक अनुष्ठान और कार्यों को सुगमता से कर सकें।

महाशिवरात्रि के दिन समाप्त होगा महाकुंभ मेला 2025

महाकुंभ मेला 14 जनवरी 2025 को मकर संक्रांति के अवसर पर प्रारंभ होगा और 26 फरवरी 2025 को महाशिवरात्रि के दिन समाप्त होगा। यह मेला लाखों श्रद्धालुओं को अपनी ओर आकर्षित करेगा, और संगम के तट पर आस्था और श्रद्धा का अद्भुत संगम देखने को मिलेगा। यह भूमि आवंटन प्रक्रिया महाकुंभ के आयोजन के लिए महत्वपूर्ण कदम है, जो इस आयोजन की सफलता और परंपराओं को कायम रखने के लिए अनिवार्य है। (भाषा)

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