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Hindi News भारत राष्ट्रीय Prisoners Release: सरकार का बड़ा फैसला, 60 साल से अधिक उम्र के कैदियों की रिहाई जल्द

Prisoners Release: सरकार का बड़ा फैसला, 60 साल से अधिक उम्र के कैदियों की रिहाई जल्द

Prisoners Release: सरकार 'आजादी का अमृत महोत्सव' के तहत 50 साल से अधिक उम्र की उन महिला एवं ट्रांसजेंडर दोषियों की सजा कम करने की योजना बना रही है, जिनका व्यवहार अच्छा है। सरकार 60 वर्ष से अधिक उम्र के उन पुरुष कैदियों और दिव्यांग बंदियों को भी इस योजना का लाभ देगी, जिन्होंने अपनी आधी से अधिक सजा पूरी कर ली है। 

Jail- India TV Hindi Image Source : FILE PHOTO Jail

Highlights

  • 50 साल से अधिक उम्र की महिलाओं की रिहाई जल्द
  • 60 साल से अधिक उम्र के पुरुष कैदी भी जेल से छूटेंगे
  • 'आजादी का अमृत महोत्सव' योजना के तहत फैसला

Prisoners Release: सरकार 'आजादी का अमृत महोत्सव' के तहत 50 साल से अधिक उम्र की उन महिला एवं ट्रांसजेंडर दोषियों की सजा कम करने की योजना बना रही है, जिनका व्यवहार अच्छा है। सरकार 60 वर्ष से अधिक उम्र के उन पुरुष कैदियों और दिव्यांग बंदियों को भी इस योजना का लाभ देगी, जिन्होंने अपनी आधी से अधिक सजा पूरी कर ली है। जो गरीब या निर्धन कैदी सजा पूरी कर चुके हैं, लेकिन धन के अभाव में जुर्माने न भर पाने के कारण अब भी जेल में हैं, उन्हें भी जुर्माने से छूट का लाभ दिया जाएगा। गृह मंत्रालय ने बताया कि यह योजना उन कैदियों पर लागू नहीं होगी, जिन्हें मौत या आजीवान कारावास की सजा दी गई है, या जिन पर बलात्कार, आतंकवाद, दहेज हत्या और धन शोधन के आरोप लगाए गए हैं। 

जेलों में क्षमता से अधिक कैदी 

वर्ष 2020 के एक आधिकारिक अनुमान के अनुसार, भारत के जेलों में क्षमता से अधिक कैदी हैं। देश के कारागारों में 4.03 लाख कैदियों को रखने क्षमता है, जबकि इस समय कारागारों में लगभग 4.78 लाख कैदी हैं, जिनमें करीब एक लाख महिलाएं हैं। गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से कहा है कि इन पात्रता मानदंडों को पूरा करने वाले कैदियों को तीन चरणों में 15 अगस्त, 2022, 26 जनवरी, 2023 और 15 अगस्त, 2023 को रिहा किया जाएगा। 

अच्छा व्यवहार करने वालों को मिलेगी छूट

मंत्रालय ने कहा है कि 50 साल या उससे अधिक आयु की महिला एवं ट्रांसजेंडर बंदियों, 60 वर्ष या उससे अधिक आयु के पुरुष कैदियों, 70 प्रतिशत या उससे अधिक अक्षमता वाले दिव्यांगों को स्वतंत्रता दिवस की 75वीं वर्षगांठ के तहत चलाई जा रही योजना के तहत रिहा किया जा सकता है, बशर्ते वे आधी सजा काट चुके हों और उनका व्यवहार अच्छा हो। इसमें कहा गया है कि वरिष्ठ असैन्य और पुलिस अधिकारियों की राज्य स्तरीय जांच समिति द्वारा गहन जांच किए जाने के बाद कैदियों को रिहा करने पर विचार किया जाना चाहिए। मंत्रालय ने कहा कि अपनी आधी सजा काट चुके जिन व्यक्तियों ने 18 वर्ष से 21 वर्ष तक की उम्र के दौरान अपराध किया है और उनके खिलाफ कोई अन्य आपराधिक मामला नहीं है, उन्हें भी विशेष छूट के लिए विचार किया जाएगा। 

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