लोकसभा चुनावों से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश की सामरिक शक्ति को लेकर बड़ी खुशखबरी दी है। प्रधानमंत्री ने बताया कि डीआरडीओ वैज्ञानिकों ने 'मिशन दिव्यास्त्र' के तहत मल्टीपल इंडिपेंडेंटली टारगेटेबल री-एंट्री व्हीकल (एमआईआरवी) तकनीक के साथ स्वदेशी रूप से विकसित अग्नि -5 मिसाइल की पहली उड़ान परीक्षण कर लिया है।
दुनिया के चुनिंदा देशों में शामिल हुआ भारत
मिशन दिव्यास्त्र के सफल होने के बाद अब अग्नि 5 मिसाइलों से अब एक समय में कई टार्गेट पर निशाना लगाया जा सकता है। मिसाइल के ऊपर एक ऐसी प्रणाली लगाई जाएगी, जिससे एक समय पर तीन अलग अलग टारगेट को इंगेज किया जा सकता है। मिशन दिव्यास्त्र के परीक्षण के साथ ही भारत उन चुनिंदा देशों के समूह में शामिल हो गया है जिनके पास एमआईआरवी क्षमता है।
जानिए अग्नि 5 मिसाइल की खासियत
अग्नि-5 एकीकृत निर्देशित मिसाइल विकास कार्यक्रम (आईजीएमडीपी) के तहत विकसित सतह से सतह पर मार करने वाली एक अत्याधुनिक बैलिस्टिक मिसाइल है। यह मिसाइल 5000 किमी की सीमा से परे लक्ष्य को भेदने की क्षमता रखती है और भारत की आत्मरक्षा प्रणालियों के लिए महत्वपूर्ण है। इस मिसाइल को दागने के बाद बिना इंटरसेप्टर मिसाइल के रोका नहीं जा सकता है। अग्नि मिसाइल प्रणाली प्रसिद्ध वैज्ञानिक और देश के पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम के दिमाग की उपज थी।
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