Presidential Election 2022: चुनाव आयोग ने गुरुवार को राष्ट्रपति चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया। देश के सांसद और विधायक नया राष्ट्रपति चुनने के लिए 18 जुलाई को मतदान करेंगे जबकि वोटों की गिनती 21 जुलाई को होगी। 21 जुलाई को ही इस चुनाव का नतीजा भी आ जाएगा और देश के नए राष्ट्रपति का नाम भी सामने आ जाएगा। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का कार्यकाल 24 जुलाई को समाप्त हो रहा है। संविधान के अनुच्छेद 62 के अनुसार, अगले राष्ट्रपति का चुनाव कार्यकाल पूरा होने से पहले होना चाहिए। 2017 में, भारत के राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव 17 जुलाई को हुआ था और परिणाम 20 जुलाई को घोषित किया गया था।
चीफ इलेक्शन कमिश्नर राजीव कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि राष्ट्रपति चुनाव में वोट देने के लिए आयोग अपनी ओर से कलम देगा। यदि कोई चुनाव आयोग द्वारा दी गई कलम के अलावा किसी और कलम का इस्तेमाल करता है तो उसका वोट अमान्य घोषित कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति चुनाव में 776 सांसद और 4033 विधायक, यानी कि कुल 4809 मतदाता वोट देंगे। इस चुनाव में व्हिप लागू नहीं होगा और मतदान पूरी तरह से गुप्त होगा।
चीफ इलेक्शन कमिश्नर ने कहा कि 15 जून को चुनाव की अधिसूचना जारी होगी, 29 जून को नामांकन की आखिरी तारीख होगी और 18 जुलाई को वोटिंग होगी। 21 जुलाई को मतगणना संपन्न होने के साथ ही देश के नए राष्ट्रपति के नाम का ऐलान हो जाएगा।
निर्वाचक मंडल के सदस्य करते हैं राष्ट्रपति का चुनाव
एक राष्ट्रपति का चुनाव निर्वाचक मंडल के सदस्यों द्वारा किया जाता है जिसमें लोकसभा, राज्यसभा के निर्वाचित सदस्य और राज्य विधानसभाओं के निर्वाचित सदस्य और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली और केंद्र शासित प्रदेश पुडुचेरी शामिल होते हैं। विधान परिषदों के सदस्य और मनोनीत सदस्य निर्वाचक मंडल का हिस्सा नहीं होते हैं।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को 65.35% मत मिले थे
पिछले चुनाव में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को 65.35% मत मिले थे। एनडीए की कोशिश होगी कि इस बार भी यह आंकड़ा छू पाए। पीएम मोदी ओडीशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी से मिल चुके हैं। समझा जाता है कि राष्ट्रपति चुनाव में एनडीएम उम्मीदवार के लिए पीएम ने समर्थन मांगा है।
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