राष्ट्रपति ने चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी के कुलपति सतनाम सिंह संधू को राज्यसभा का मनोनीत सांसद नियुक्त किया है। संधू जल्द ही इस पद को ग्रहण करेंगे। देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने सदस्यता हासिल करने पर सतनाम सिंह संधू को बधाई दी है। बता दें कि किसान के बेटे सतनाम सिंह संधू भारत के प्रमुख शिक्षाविदों में से एक हैं।
PM मोदी ने दी बधाई
पीएम मोदी ने बधाई देते हुए कहा कि मुझे खुशी है कि राष्ट्रपति जी ने सतनाम सिंह संधू जी को राज्यसभा के लिए मनोनीत किया है। सतनाम जी ने खुद को एक प्रसिद्ध शिक्षाविद् और सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में प्रतिष्ठित किया है, जो विभिन्न तरीकों से जमीनी स्तर पर लोगों की सेवा कर रहे हैं। उन्होंने हमेशा राष्ट्रीय एकता को आगे बढ़ाने के लिए बड़े पैमाने पर काम किया है और भारतीय प्रवासियों के साथ भी काम किया है। मैं उन्हें उनकी संसदीय यात्रा के लिए शुभकामनाएं देता हूं और मुझे विश्वास है कि राज्यसभा की कार्यवाही उनके विचारों से समृद्ध होगी।
कौन हैं सतनाम सिंह संधू?
सतनाम सिंह संधू का बचपन काफी कठिनाइयों से भरा था। अपने संघर्ष भरे बचपन के कारण ही वो जिंदगी में जैसे जैसे आगे बढ़े, एक कट्टर परोपकारी बनते गए। उन्होंने 2001 में मोहाली के लांडरां में चंडीगढ़ ग्रुप ऑफ कॉलेजेज (CGC) की नींव रखी थी। इसके बाद उन्होंने 2012 में चंडीगढ़ विश्वविद्यालय का गठन किया। प्रारंभिक जीवन में कठिनाइयों का सामना करने के कारण चंडीगढ़ विश्वविद्यालय के चांसलर संधू गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त करने के लिए लाखों छात्रों को वित्तीय मदद देते हैं।
वह अपने दो गैर सरकारी संगठनों 'इंडियन माइनॉरिटीज फाउंडेशन' और न्यू इंडिया डेवलपमेंट (एनआईडी) फाउंडेशन के माध्यम से स्वास्थ्य और कल्याण में सुधार और सांप्रदायिक सद्भाव को आगे बढ़ाने के लिए बड़े पैमाने पर सामुदायिक प्रयासों में सक्रिय रूप से शामिल हैं। उन्होंने घरेलू स्तर पर राष्ट्रीय एकता के लिए अपने प्रयासों से छाप छोड़ी है और विदेशों में प्रवासी भारतीयों के साथ बड़े पैमाने पर काम किया है।
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