First person of India: हाल ही में राष्ट्रपति चुनाव खत्म हो गया है। भारत की प्रथम आदिवासी महिला द्रौपदी मुर्मू 15वीं राष्ट्रपति के रूप में पद संभाला। इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है कि किसी आदिवासी महिला को राष्ट्रपति बनाया गया है। इसी के साथ भारत की प्रथम नागरिक भी बन गई। योग्यता के अनुसार सभी के अपने- अपने नंबर होते हैं। आसान भाषा में समझे कि आप अपनी क्लास में जब अच्छे नंबर लाते हैं तो नंबर 1,2,3 रैंक मिलते हैं। इसी प्रकार से योग्यता के मुताबिक राष्ट्रपति का पद देश के प्रथम नागरिक के रूप में होता है। अब आपके मन में कई सवाल उत्पन्न हो रहे होंगे कि अब भारत के पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का नंबर कितना? दूसरा नागरिक कौन है, तीसरा नागरिक कौन है, और मेरा नंबर क्या है? आइए हम विस्तार से समझते हैं कि इस देश में एक आम व्यक्ति का कितना नंबर है और आपके क्षेत्र के सांसद और विधायक का कितना नंबर है।
भारत का प्रथम नागरिक राष्ट्रपति होते ंहै और दूसरा उपराष्ट्रपति होते हैं। प्रधानमंत्री देश के तीसरा नागरिक होते हैं। और आपके राज्य के राज्यपाल चौथे नागरिक होते हैं। वही पांचवें नागरिक पूर्व राष्ट्रपति होते हैं। फिलहाल हमारे देश में कोई उप प्रधानमंत्री नहीं है लेकिन आपको बता दें, उप प्रधानमंत्री भी देश के पांचवें नागरिक होते हैं। अब आप यह सोच रहे होंगे कि भारत के प्रथम नागरिक यानी राष्ट्रपति पद के शपथ दिलाने वाले मुख्य न्यायाधीश देश में नागरिक के रूप में कितने नंबर पर आते हैं। मुख्य न्यायाधीश और लोकसभा स्पीकर देश के छठवें नागरिक होते हैं। वहीं कैबिनेट मंत्री, नीति आयोग के उपाध्यक्ष, पूर्व प्रधानमंत्री, राज्यों के मुख्यमंत्री, विपक्षी नेता और भारत रत्न से सम्मानित व्यक्ति यह सभी देश के सातवें नागरिक के श्रेणी में आते हैं। आठवीं नागरिक भारत सरकार के द्वारा चयनित राजदूत होते हैं। अब नौवें नागरिक कौन? तो हम आपको बता दें, सुप्रीम कोर्ट के जज, चीफ इलेक्शन कमिश्नर, यूपीएससी के चेयर पर्सन आते हैं। इसी क्रम में राज्यों के उपमुख्यमंत्री, राज्यसभा के उपसभापति, नीति आयोग के सदस्य, लोकसभा के उप सभापति और राज्यों के मंत्री यह सभी भारत के दसवें नागरिक होते हैं। 11 वें नंबर पर उपराज्यपाल, अटॉर्नी जनरल और कैबिनेट के सचिव आते हैं।
आप कितने नंबर के नागरिक?
हमने आपको लगभग- लगभग सभी उच्च पदों पर आसीन व्यक्तियों के बारे में बताया। आपकी धैर्य की बांध अब टूट रही होगी कि मेरा नंबर कहां पर है, देश के दूसरे नागरिक यानी प्रधानमंत्री हम बनाते हैं तो अपने देश में कितने नंबर का नागरिक है, हमारी पहचान क्या है? आपको जानकर हैरानी होगी, 26 वें नंबर के नागरिक भारत सरकार के संयुक्त सचिव और उसके समकक्ष के रैंक वाले अधिकारी होते हैं। यानी आपको सरल शब्दों में बताएं तो 26 नंबर के नागरिक तक आपकी कोई जगह नहीं है। अब आप सोच रहे होंगे कि हमारा नंबर 27वां होगा। हां आपका नंबर 27वां है लेकिन कानूनी रूप से नहीं। भारत के संविधान में कहीं भी इस बात की जिक्र नहीं है बस ऐसा माना जाता है कि आम जनता 27वां नंबर की नागरिक होती है।
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