President Election: विपक्ष की ओर से राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा (Yashwant Sinha) ने बुधवार को कहा कि राष्ट्रपति भवन में रहनेवाला व्यक्ति ‘‘सोचने-समझने और बोलने वाला’’ होना चाहिए, न कि रबड़ स्टांप। सिन्हा ने राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) की ओर से राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार द्रोपदी मुर्मू का नामांकन पत्र प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा प्रस्तुत किए जाने की निंदा की और कहा कि उन्होंने अपना नामांकन स्वयं दाखिल किया।
सिन्हा ने उदयपुर हत्याकांड की निंदा की
उन्होंने संवाददाताओं से बातचीत में कहा, ‘‘भारत को एक ऐसे राष्ट्रपति की जरूरत है जो संविधान के निष्पक्ष संरक्षक के तौर पर काम करे, न कि जो सरकार के लिए रबड़ स्टांप की तरह काम करे। राष्ट्रपति के पास खुद की सोचने-समझने की शक्ति हो और जब भी कार्यपालिका अथवा गणतंत्र का कोई अन्य प्रतिष्ठान संवैधानिक सिद्धांतों से विमुख हो तो वह उस शक्ति का इस्तेमाल बिना किसी भय या पक्षपात के निष्ठापूर्वक करे।’’ केन्द्रीय मंत्री रह चुके सिन्हा ने केन्द्र सरकार की सैन्य भर्ती योजना अग्निपथ की भी आलोचना की और कहा कि इसे लागू करने से पहले कोई जरूरी विचार-विमर्श नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि रक्षा मुद्दे पर संसद की स्थाई समितियां हैं लेकिन उनसे भी विचार-विमर्श नहीं किया गया।
सिन्हा ने राजस्थान के उदयपुर में एक दर्जी की हत्या की घटना की भी निंदा की और कहा कि हिंसा की ऐसी घटनाओं का लोकतंत्र में कोई स्थान नहीं है तथा दोषियों को देश के कानून के अनुरूप सख्त से सख्त सजा दी जानी चाहिए।
राष्ट्रपति चुनाव के लिए कुल 115 नामांकन दाखिल
राज्यसभा सचिवालय ने बताया कि 18 जुलाई को होने वाले राष्ट्रपति चुनाव के लिए नामांकन दाखिल करने के आखिरी दिन बुधवार तक कुल 115 नामांकन दाखिल किए गए। बृहस्पतिवार को इन नामांकन पत्रों की जांच की जाएगी। नामांकन पत्र दाखिल करने वालों में NDA उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू और संयुक्त विपक्ष के प्रत्याशी यशवंत सिन्हा शामिल हैं। द्रौपदी मुर्मू और यशवंत सिन्हा चुनाव में मुख्य उम्मीदवार हैं। उनके अलावा, कई आम लोगों ने भी देश के शीर्ष संवैधानिक पद के लिए अपने नामांकन दाखिल किए हैं। इनमें मुंबई के एक झुग्गी निवासी, राष्ट्रीय जनता दल के संस्थापक लालू प्रसाद यादव के एक हमनाम, तमिलनाडु के एक सामाजिक कार्यकर्ता और दिल्ली के एक प्राध्यापक शामिल हैं।
निर्वाचन आयोग ने नामांकन करने वाले लोगों के लिए कम से कम 50 प्रस्तावक और 50 अनुमोदक अनिवार्य कर दिया है। प्रस्तावक और अनुमोदक निर्वाचक मंडल के सदस्य होंगे। वर्ष 1997 में, 11वें राष्ट्रपति चुनाव से पहले प्रस्तावकों और अनुमोदकों की संख्या 10 से बढ़ाकर 50 कर दी गई थी वहीं जमानत राशि भी बढ़ाकर 15,000 रुपये कर दी गई थी।
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