President Election: जैसी कि संभावना जताई गई थी, शिवसेना ने मंगलवार को घोषणा की कि वह विपक्ष के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा की जगह NDA की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू का समर्थन करेगी। शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने पार्टी के सांसदों, विधायकों और आदिवासियों सहित अन्य नेताओं के साथ विचार-विमर्श के बाद इस बात की औपचारिक घोषणा की। उद्धव ठाकरे ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा, उनकी पार्टी शिवसेना, राष्ट्रपति पद के लिए द्रौपदी मुर्मू का समर्थन करेगी।
ठाकरे ने कहा कि शिवसेना बिना किसी दबाव के मुर्मू को समर्थन देने की घोषणा कर रही है। उन्होंने कहा, ‘‘शिवसेना सांसदों की बैठक में किसी ने मुझ पर दबाव नहीं डाला।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मेरी पार्टी के आदिवासी नेताओं ने मुझसे कहा कि यह पहली बार है कि किसी आदिवासी महिला को राष्ट्रपति बनने का मौका मिल रहा है।’’ ठाकरे ने कहा, ‘‘दरअसल, वर्तमान राजनीतिक माहौल को देखते हुए, मुझे उनका समर्थन नहीं करना चाहिए था। लेकिन हम संकीर्ण मानसिकता वाले नहीं हैं।’’
संजय राउत की राय को किया दरकिनार
आपको बता दें कि उद्धव ठाकरे का यह फैसला महाविकास अघाड़ी (MVA) गठबंधन के लिए भी झटका है। दरअसल, MVA के बाकी दोनों साथी कांग्रेस और शरद पवार की पार्टी नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी (NCP), विपक्ष के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा का समर्थन कर रही है लेकिन अब जब उद्धव ने एनडीए उम्मीदवार के समर्थन की बात कह दी है तो जाहिर तौर पर माना जा रहा है कि उद्धव ने संजय राउत की राय को दरकिनार करके पार्टी के सांसदों की बात मान ली है।
उद्धव ने मानी पार्टी सांसदों की बात
इससे पहले सोमवार को महाराष्ट्र में शिवसेना के 18 लोकसभा सदस्यों में से 13 ने राष्ट्रपति चुनाव पर एक महत्वपूर्ण बैठक में भाग लिया था और उनमें से अधिकतर ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू का समर्थन करने का सुझाव दिया था। लेकिन संजय राउत का कहना था कि शिवसेना को यशवंत सिन्हा को समर्थन देना चाहिए। हालांकि इस मामले पर आखिरी फैसला उद्धव ठाकरे को ही लेना था।
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