President Election: विपक्ष के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा (Yashwant Sinha) ने बुधवार को कहा कि अगर वह निर्वाचित होते हैं तो वह सुनिश्चित करेंगे कि नागरिकता संशोधन कानून (CAA) लागू न हो। सिन्हा ने असम के सांसदों और विधायकों के साथ बातचीत करते हुए कहा कि भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार सीएए को अभी तक लागू नहीं कर पाई है क्योंकि इसका मसौदा जल्दबाजी में 'मूर्खतापूर्ण ढंग से तैयार' किया गया था। उन्होंने कहा, "नागरिकता असम के लिए एक बड़ा मुद्दा है और सरकार देश भर में कानून लाना चाहती है लेकिन अभी तक ऐसा नहीं कर पाई है।"
'देश के संविधान को बाहरी ताकतों से नहीं, सत्ता में बैठे लोगों से खतरा'
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा, "पहले सरकार ने कोविड-19 महामारी का बहाना दिया, लेकिन अब भी वे इसे लागू नहीं कर पाए हैं क्योंकि यह जल्दबाजी में मूर्खतापूर्ण तरीके से तैयार किया गया अधिनियम है।" सिन्हा ने कहा कि देश के संविधान को बाहरी ताकतों से नहीं बल्कि सत्ता में बैठे लोगों से खतरा है। यशवंत सिन्हा ने कहा, "हमें देश के संविधान को बचाना होगा। यदि मैं राष्ट्रपति निर्वाचित होता हूं, तो मैं यह सुनिश्चित करूंगा कि सीएए लागू नहीं हो।" सिन्हा 18 जुलाई को राष्ट्रपति पद के लिए होने वाले चुनाव के मद्देनजर असम के विधायकों और सांसदों का समर्थन हासिल करने के लिए इस समय राज्य के दौरे पर आए हुए हैं।
बता दें कि राष्ट्रपति पद के लिए एनडीए उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू ने पिछले हफ्ते प्रचार करने के लिए असम का दौरा किया था और सत्ताधारी भाजपा और उसके सहयोगियों असम गण परिषद और यूनाइटेड पीपुल्स पार्टी लिबरल के सांसदों और विधायकों से समर्थन लेने के लिए मुलाकात की थी।
'मैंने कभी भी सरकारी एजेंसियों का इतना आतंक नहीं देखा, जितना मैं अभी देख रहा हूं'
इससे पहले सिन्हा ने मंगलवार को कहा था कि देश को 'मौन राष्ट्रपति' की नहीं, बल्कि ऐसे व्यक्ति की आवश्यकता है जो अपने नैतिक मूल्यों और विवेक का इस्तेमाल करें। सिन्हा ने भाजपा नीत केंद्र सरकार पर अपने राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों के खिलाफ केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग करने का आरोप लगाते हुए यह टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि अगर वह चुने जाते हैं तो वह प्रवर्तन निदेशालय (ED), केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) और आयकर विभाग जैसी केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग को रोकेंगे। सिन्हा ने कहा कि उन्होंने प्रशासन और सार्वजनिक जीवन में 60 साल बिताए हैं। उन्होंने कहा, "इन 60 वर्षों में, मैंने कभी भी सरकारी एजेंसियों का इतना आतंक नहीं देखा, जितना मैं अभी देख रहा हूं।"
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