President Election: देशभर के सांसदों और विधायकों ने सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू और विपक्षी दलों के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा में से किसी एक को भारत के 15वें राष्ट्रपति के तौर पर चुनने के लिए सोमवार को मतदान किया। भारतीय जनता पार्टी (BJP) के दबदबे और बीजू जनता दल (BJD), बहुजन समाज पार्टी (BSP), शिरोमणि अकाली दल, शिवसेना और झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) जैसे क्षेत्रीय दलों के समर्थन के साथ मुर्मू की वोट हिस्सेदारी लगभग दो-तिहाई तक पहुंचने की संभावना है। अगर मुर्मू चुनाव जीत जाती हैं तो वह सर्वोच्च संवैधानिक पद पर आसीन होने वाली आदिवासी समुदाय की पहली नेता और दूसरी महिला होंगी। सांसदों ने संसद के हॉल नंबर-63 में बनाए गए मतदान केंद्र में अपने अपने-अपने वोट डाले। वहीं, विधायकों ने राज्य विधानसभाओं में मतदान किया।
संसद भवन में 98.90 प्रतिशत रहा वोटिंग परसेंटेज
देश में 776 सांसदों और 4033 विधायकों सहित कुल 4,809 मतदाता राष्ट्रपति चुनाव में मतदान करने के हकदार हैं, लेकिन मनोनीत सांसदों, विधायकों और विधान परिषद के सदस्यों को यह अधिकार नहीं है। वोटिंग खत्म होने के बाद निर्वाचन आयोग ने बताया कि राष्ट्रपति चुनाव में कुल निर्वाचकों में से 99 प्रतिशत से अधिक ने मतदान किया। दिल्ली में, निर्वाचन अधिकारी पी सी मोदी ने बताया कि संसद भवन में 98.90 प्रतिशत निर्वाचकों ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया।
निर्वाचन अधिकारी मोदी ने मतदान के बाद संवाददाताओं को बताया कि निर्वाचन आयोग ने 727 सांसदों और 9 विधायकों समेत कुल 736 निर्वाचकों को संसद भवन में मतदान की अनुमति दी थी। भाजपा सांसद सनी देओल समेत आठ सांसदों ने अपने वोट का इस्तेमाल नहीं किया। संसद में मतदान करने वालों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और कांग्रेस नेता सोनिया गांधी और राहुल गांधी शामिल थे।
कई विधायकों ने मुर्मू के पक्ष में की ‘क्रॉसवोटिंग’
अलग-अलग राज्यों के कई विधायकों ने सोमवार को कहा कि उन्होंने राष्ट्रपति चुनाव में अपनी पार्टी लाइन का पालन नहीं कर राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू के पक्ष में ‘क्रॉस वोट’ किया। इनमें झारखंड और गुजरात में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के विधायक और हरियाणा और ओडिशा में कांग्रेस विधायक हैं जिन्होंने कहा कि उन्होंने अपनी अंतरात्मा की आवाज पर वोट किया।
पंजाब में शिरोमणि अकाली दल के विधायक ने राज्य से संबंधित मुद्दों का समाधान न होने का हवाला देते हुए राष्ट्रपति चुनाव का बहिष्कार किया। असम में ऑल इंडिया यूनाईटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (AIEUDF) विधायक करीमुद्दीन बरभुइयां ने दावा किया कि राज्य के करीब 20 कांग्रेस विधायकों ने सोमवार को मुर्मू को वोट दिया।
वहीं उत्तर प्रदेश में शिवपाल सिंह यादव ने भी दावा किया कि वह कभी भी यशवंत सिन्हा का समर्थन नहीं करेंगे, क्योंकि उन्होंने एक बार उनके भाई और समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव पर ‘‘ISI एजेंट’’ होने का आरोप लगाया था। पिछले महीने राज्यसभा चुनाव में हरियाणा में ‘क्रॉस वोटिंग’ करने वाले कांग्रेस विधायक कुलदीप बिश्नोई ने कहा कि उन्होंने राष्ट्रपति चुनाव में भी अपने विवेक के अनुसार मतदान किया। राष्ट्रपति चुनाव में गुप्त मतदान होता है और पार्टियां अपने सांसदों और विधायकों को व्हिप जारी नहीं कर सकती हैं।
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