President Election: महाराष्ट्र में शिवसेना के 18 लोकसभा सदस्यों में से 13 ने सोमवार को राष्ट्रपति चुनाव पर एक महत्वपूर्ण बैठक में भाग लिया और उनमें से अधिकतर ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू का समर्थन करने का सुझाव दिया। यह जानकारी शिवसेना नेता गजानन कीर्तिकर ने दी। हालांकि, शिवसेना सांसद एवं मुख्य प्रवक्ता संजय राउत ने दावा किया कि लोकसभा में पार्टी के18 सदस्यों में से 15 ने उपनगरीय बांद्रा में शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के निजी आवास 'मातोश्री' में हुई बैठक में भाग लिया। उन्होंने इस संबंध में कोई ब्योरा नहीं दिया।
ज्यादातर सांसदों की राय- शिवसेना को द्रौपदी मुर्मू का समर्थन करना चाहिए
महाराष्ट्र में 18 लोकसभा के सांसदों के अलावा, केंद्र शासित प्रदेश दादरा एवं नगर हवेली और दमन एवं दीव से कलाबेन डेलकर भी शिवसेना सांसद हैं। कीर्तिकर ने कहा कि बैठक में 13 सांसद शामिल हुए, जबकि तीन अन्य- संजय जाधव, संजय मांडलिक और हेमंत पाटिल बैठक में शामिल नहीं हो सके, लेकिन उन्होंने नेतृत्व को अपने समर्थन की पुष्टि की। कीर्तिकर ने कहा, ‘‘ज्यादातर सांसदों की राय थी कि पार्टी को द्रौपदी मुर्मू का समर्थन करना चाहिए।’’ उन्होंने कहा कि शिवसेना के दो लोकसभा सदस्य भावना गवली और श्रीकांत शिंदे (मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के बेटे) बैठक में शामिल नहीं हुए। राष्ट्रपति चुनाव 18 जुलाई को होंगे।
उद्धव खेमे के विधायकों को अयोग्य ठहराने की याचिका पर अभी कोई फैसला नहीं हो: कोर्ट
वहीं, आपको बता दें कि उद्धव ठाकरे की अगुवाई वाले खेमे के शिवसेना विधायकों को राहत देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को महाराष्ट्र विधानसभा के नव-निर्वाचित अध्यक्ष राहुल नार्वेकर से कहा कि ठाकरे नीत धड़े के विधायकों को अयोग्य ठहराने की मांग वाली याचिका पर कोई फैसला नहीं लिया जाए। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के खेमे ने विश्वास मत और विधानसभा अध्यक्ष के चुनाव के दौरान पार्टी व्हिप का उल्लंघन किए जाने के आधार पर यह मांग की थी। एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में शिवसेना के बागी विधायकों के महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लिए बीजेपी के साथ गठबंधन करने के बाद, ठाकरे गुट ने शीर्ष अदालत में कई याचिकाएं दायर की हैं।
प्रधान न्यायाधीश एन. वी. रमण, न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी और न्यायमूर्ति हिमा कोहली की पीठ ने कपिल सिब्बल के नेतृत्व में वरिष्ठ अधिवक्ताओं की दलीलों पर गौर किया, जिनमें कहा गया था कि उद्धव ठाकरे धड़े की ओर से दायर अनेक याचिकाओं को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध नहीं किया गया है जिन्हें सोमवार को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया जाना है। सिब्बल ने कहा, ‘‘अदालत ने कहा था कि याचिकाओं को 11 जुलाई के लिए सूचीबद्ध किया जाएगा। मैं अनुरोध करता हूं कि मामले में यहां निर्णय होने तक अयोग्यता संबंधी कोई फैसला ना किया जाए।’’ उन्होंने यह भी कहा कि बागी विधायकों ने जब शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाया था तो उन्हें संरक्षण प्रदान किया गया था।
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