जम्मू-कश्मीर के गुर्जर मुस्लिम समुदाय के गुलाम अली को राज्यसभा के लिए मनोनीत किया गया है। भारत सरकार की सिफारिश पर राष्ट्रपति ने जम्मू-कश्मीर के गुर्जर मुस्लिम गुलाम अली को राज्यसभा के लिए मनोनीत किया है। मोदी सरकार की ओर से ये एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को निरस्त करने से पहले, इस समुदाय को कोई मान्यता नहीं दी गई थी और उन्हें सभी सामाजिक लाभों से वंचित कर रखा गया था।
गृह मंत्रालय ने जारी की अधिसूचना
केंद्र सरकार की सिफारिश पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने जम्मू-कश्मीर के गुर्जर मुस्लिम गुलाम अली खटाना को राज्यसभा के लिए मनोनीत किया है। गृह मंत्रालय ने एक अधिसूचना जारी कर कहा है कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने नियुक्त पर मुहर लगाई है। बता दें कि ये पहली बार है जब किसी गुर्जर मुस्लिम को मनोनीत सदस्य के रूप में उच्च सदन में भेजा गया है।
जम्मू-कश्मीर प्रभारी तरुण चुग ने दी बाधाई
इस मौके पर भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और भाजपा के जम्मू-कश्मीर प्रभारी तरुण चुग ने गुलाम अली को नामांकन के लिए बधाई दी। चुग ने कहा कि यह जम्मू-कश्मीर के लोगों के लिए विशेष रूप से गुर्जर समुदाय के लिए बहुत अच्छा पल है। मुझे यकीन है कि गुलाम अली वहां के लोगों की आकांक्षाओं का प्रतिनिधित्व करेंगे। मालूम हो कि मोदी सरकार ने 5 अगस्त 2019 को अनुच्छेद 370 को निरस्त कर दिया था और तत्कालीन राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों - जम्मू और कश्मीर एवं लद्दाख में विभाजित कर दिया। राज्यसभा में कुल 250 सदस्य होते हैं जिनमें से 238 राज्य से चुने जाते हैं और 12 को भारत के राष्ट्रपति मनोनीत करते हैं।
दक्षिणी राज्यों की चार दिग्गज हस्तियां राज्यसभा के लिये मनोनीत
बता दें कि इससे पहले जुलाई महीने में भी केंद्र सरकार ने दक्षिण भारतीय राज्यों की चार दिग्गज हस्तियों को राज्यसभा के लिए मनोनीत किया था, जिसमें प्रख्यात एथलीट पी.टी. उषा और महान संगीतकार इलैयाराजा शामिल हैं। कर्नाटक में समाजसेवी और धर्मस्थल मंदिर के प्रशासक वीरेंद्र हेगड़े और प्रसिद्ध स्क्रिप्ट लेखक और फिल्म निर्देशक वी.विजयेंद्र प्रसाद को भी संसद के उच्च सदन के लिए मनोनीत किया गया था।
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