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Pre Monsoon Alert: प्री-मॉनसून के समय में बारिश की कमी आने वाले समय के लिए बड़ी चेतावनी

इस साल प्री-मानसून सीजन में 16 मई तक 18 राज्यों में सामान्य से 90 फीसदी तक कम बारिश हुई है। ढाई महीने में देश में 92.2 मिमी बारिश होनी चाहिए, लेकिन 88 मिमी ही हुई। प्री-मॉनसून के समय में बारिश की कमी आने वाले समय के लिए बड़ी चेतावनी है।

प्री-मॉनसून के समय कम हुई बारिश - India TV Hindi Image Source : FILE PHOTO प्री-मॉनसून के समय कम हुई बारिश 

Highlights

  • इस साल प्री-मॉनसून के समय कम हुई बारिश
  • ढाई महीने में देश में 92.2 मिमी बारिश होनी चाहिए
  • इस साल 88 मिमी ही हुई बारिश

Pre Monsoon Alert: असम, मेघालय और अरुणाचल प्रदेश में करीब एक हफ्ते से लगातार बारिश हो रही है। इससे बाढ़ की स्थिति बनी हुई है। वहीं देश के दूसरे हिस्सों में गर्मी और हीट वेव से लोग परेशान हैं। इस साल प्री-मानसून सीजन में 16 मई तक 18 राज्यों में सामान्य से 90 फीसदी तक कम बारिश हुई है। ढाई महीने में देश में 92.2 मिमी बारिश होनी चाहिए, लेकिन 88 मिमी ही हुई। प्री-मॉनसून के समय में बारिश की कमी आने वाले समय के लिए बड़ी चेतावनी है।

प्री-मॉनसून के लाभ

प्री-मॉनसून बारिश (pre-monsoon season) को अप्रैल की बारिश या गर्मियों की बारिश (rain) कहा जाता है। यह बंगाल की खाड़ी के ऊपर तूफान के कारण बनती है। यह आमतौर पर अप्रैल के महीने में होती है। प्री-मॉनसून के समय होने वाली बारिश खेतों की नमी को बरकरार रखती है। इससे धान के बीज को तैयार करने में आसानी होती है। 

समय से क्यों नहीं हो रही बारिश?

मौसम विभाग के मुताबिक इस बार मार्च के महीने में बंगाल में निम्न दबाव का क्षेत्र बना रहा। वहीं राजस्थान की तरफ से आने वाली गर्म हवा के कारण आसमान पूरी तरह साफ रहा। यही वजह रही कि मार्च महीने में ज्यादा गर्मी देखी गई। उधर अंडमान-निकोबार द्वीप समूह में सोमवार को मॉनसून पहुंच गया है। सामान्य रूप से 22 मई को मॉनसून दस्तक देता है। ग्लोबल वॉर्मिंग, पॉल्यूशन और पेड़ों की कटाई की वजह से वेदर सिस्टम पर खास प्रभाव पड़ा है। इसके चलते बारिश होने का पैटर्न सही से नहीं बन पा रहा है।

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