G-20 सम्मेलन में दिखेगी प्रभु श्रीराम, श्रीकृष्ण और महादेव की थीम, यूपी बनेगा देश का शो विंडो!
G-20 Summit in India: भारत को G-20 सम्मेलन की अध्यक्षता ऐसे वक्त में मिली है, जब पूरी दुनिया खुद को दिशाहीन महसूस कर रही है और वह भारत की ओर देख रही है। बात चाहे रूस-यूक्रेन युद्ध की हो, दुनिया पर मंडराते परमाणु युद्ध के खतरे की हो, खाद्य और ऊर्जा संकट की हो,वैश्विक आतंकवाद की हो, ग्लोबल वार्मिंग और कार्बन उत्सर्जन की।
G-20 Summit in India: भारत को G-20 सम्मेलन की अध्यक्षता ऐसे वक्त में मिली है, जब पूरी दुनिया खुद को दिशाहीन महसूस कर रही है और वह भारत की ओर देख रही है। बात चाहे रूस-यूक्रेन युद्ध की हो, दुनिया पर मंडराते परमाणु युद्ध के खतरे की हो, खाद्य और ऊर्जा संकट की हो,वैश्विक आतंकवाद की हो, ग्लोबल वार्मिंग और कार्बन उत्सर्जन की हो या फिर वैश्विक मंदी व कोरोना की आग में झुलस रहे देशों की हो.... हर परिस्थिति में भारत दुनिया की उम्मीद बन चुका है। नए वर्ष यानि 2023 में भारत में G-20 की 200 से अधिक बैठकों विभिन्न शहरों में होनी हैं। इस दौरान भारत को दुनिया के सामने अपनी श्रेष्ठता साबित करने का बेहतर मौका है।
पीएम मोदी के नेतृत्व में दुनिया के मानस पटल पर छाया हिंदुस्तान जी-20 सम्मेलन में ऐसी कोई भी चूक नहीं करना चाहता, जिससे उसकी साख पर कोई बट्टा लगे। लिहाजा भारत ने सबसे पहले दुनिया को G-20 सम्मेलन के दौरान अतिथि देवो भव के भाव से अपने देश की संस्कृति, परंपरा, विशेषताओं और विविधताओं से अवगत कराना चाहता है। ताकि दुनिया विश्व गुरु का जलवा अपनी आंखों से देख सके। इसके लिए प्रधानमंत्री ने आयोजन वाले सभी राज्यों को निर्देश जारी कर दिया है। लिहाजा सीएम योगी अपने उत्तर प्रदेश को भारत को शो विंडो बनाने की तैयारी में जुट गए हैं। ताकि दुनिया को भारत की सांस्कृति विरासत का बखूबी एहसास हो सके। अन्य राज्यों की भी धार्मिक, सांस्कृतिक और ऐतिहासिक विरासत से विश्व को अवगत कराया जाएगा।
यूपी अपने चार शहरों से लगेगा सम्मेलन में चार चांद
पीएम मोदी ने जी-20 की अध्यक्षता के दौरान यूपी को 4 कार्यक्रमों का जिम्मा दिया है। ये सभी कार्यक्रम नोएडा-ग्रेटर नोएडा, आगरा, वाराणसी और लखनऊ में होने हैं। लिहाजा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसके सफल आयोजन के लिए बुधवार को उच्चाधिकारियों को निर्देश दिया कि ‘अतिथि देवो भव’ की भारतीय भावना के अनुरूप आयोजन को भव्य बनाने की तैयारी की जाए। उन्होंने यह भी कहा कि प्रदेश सरकार के हर आयोजन से जुड़ी सामग्री और प्रत्येक पत्राचार पर जी20 का लोगो प्रकाशित किया जाए। यह वैश्विक आयोजन उत्तर प्रदेश के लिए अपार संभावनाएं लेकर आया है और इससे दुनिया को ‘ब्रांड यूपी’ से अवगत कराने का शानदार मौका मिलेगा। योगी ने अधिकारियों से कहा कि इन चारों आयोजनों में प्रभु श्रीराम, श्री कृष्ण और भगवान शिव की अध्यात्मिक और सांस्कृतिक नगरी का बोध कराने वाला रम्य दृश्य प्रदेश भर में प्रस्तुत किया जाना चाहिए। ताकि दुनिया को प्रभु श्रीराम, भगवान शिव और श्रीकृष्ण के नामों की गूंज सुनाई दे।
अवध, ब्रज और गंगा संस्कृति की धूम
G-20 के आयोजन वाले यूपी के चारों शहरों में सीएम योगी ने स्वच्छता, सुंदरता, सुरक्षा और सुव्यवस्था का मानक बनाने को कहा है। मुख्यमंत्री ने कहा, “सभी चार शहरों में होने वाले आयोजनों में स्थानीय संस्कृति को थीम बनाया जाए। जैसे, राजधानी लखनऊ में अवध संस्कृति, आगरा में ब्रज संस्कृति और रंगोत्सव तथा वाराणसी में गंगा संस्कृति को थीम बनाकर कार्यक्रम आयोजित किए जाएं। प्रदेश में आगमन पर पुष्प वर्षा के साथ अतिथियों का स्वागत किया जाए। आयोजनों को सफल बनाने के लिए स्थानीय सांस्कृतिक समूहों और स्वयंसेवी संस्थाओं का सहयोग लिया जाए।” योगी ने विदेशी आगंतुकों की सुरक्षा के मानक अनुरूप इंतजाम करने के साथ ही चिकित्सकीय इमरजेंसी और यातायात आदि के संबंध में भी आवश्यक व्यवस्था के निर्देश दिए।
यूपी ऐसे बनेगा शो विंडो
सीएम योगी ने इस बात पर जोर दिया कि अतिथियों के भोजन में उत्तर प्रदेश की विविधतापूर्ण खान-पान संस्कृति का समावेश होना चाहिए। मुख्यमंत्री ने जी20 से जुड़े आयोजनों की मेजबानी वाले शहरों को भव्य स्वरूप देने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा, “इन शहरों में ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व वाली विरासतों पर आकर्षक लाइटिंग की व्यवस्था की जानी चाहिए। अतिथियों के भ्रमण रूट पर दीवारों पर प्रदेश की संस्कृति को दर्शाने वाले चित्र उकेरे जाएं। भारत की योग परंपरा को आज पूरी दुनिया अपना रही है, ऐसे में सूर्य नमस्कार की विभिन्न मुद्राओं को प्रदर्शित करती हुई प्रतिमाएं लगाई जा सकती हैं।” योगी ने कहा कि जी20 से जुड़े आयोजनों की मेजबानी एक ऐतिहासिक अवसर है और इसे अविस्मरणीय बनाने के लिए राजधानी लखनऊ में एक ‘जी20 पार्क’ की स्थापना की जानी चाहिए। आयोजन वाले चारों शहरों में प्रदेश के युवा चित्रकारों के चित्रों की प्रदर्शनी लगाई जाए। इसके अलावा, पुस्तक मेला, योग चैलेंज, क्राफ्ट मेला, स्कूल स्तर पर नृत्य एवं संगीत प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाए।