ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल मुस्लिमीन (AIMIM) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने बृहस्पतिवार को आरोप लगाया कि खंभात शहर में रामनवमी के जुलूस पर कथित हमले को लेकर गुजरात पुलिस ने जिन लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है, वे निर्दोष हैं और घटना के वक्त वे नमाज अदा कर रहे थे।
रामनवमी के जुलूस के दौरान 10 मार्च को विवाद के बाद हिम्मतनगर तथा खंभात शहरों में हुई सांप्रदायिक झड़पों का जिक्र करते हुए ओवैसी ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी नीत राज्य सरकार कानून व्यवस्था बनाए रखने में नाकाम रही है।
ओवैसी ने कहा, 'गुजरात एआईएमआईएम की एक टीम ने हिंसा के बाद खंभात शहर का दौरा किया था। उन्हें पता चला कि जिन लोगों पर पुलिस ने मामला दर्ज किया था वे घटना के समय नमाज अदा कर रहे थे। और यह राज्य सरकार की जिम्मेदारी थी कि जुलूस शांतिपूर्ण तरीके से गुजरे।'
राज्य चाहेगा तो हिंसा होगी- असदुद्दीन ओवैसी हैदराबाद से लोकसभा सदस्य ओवैसी ने कहा, 'अगर आप इस तरह की घटनाओं पर पिछली जांच रिपोर्टों को देखें, तो यह लिखा गया था कि यदि राज्य चाहेगा तो हिंसा होगी और यदि राज्य नहीं चाहता है तो हिंसा कभी नहीं होगी। इसलिए, राज्य सरकार कानून व्यवस्था कायम रखने में नाकाम रही।'
ओवैसी इस साल दिसंबर में होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए पार्टी की तैयारियों का जायजा लेने के लिए गुजरात आए थे। उन्होंने कहा, 'मेरी राय है कि दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए। लेकिन मीडिया ट्रायल नहीं होना चाहिए, क्योंकि यह दिखाया गया है कि अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों द्वारा पत्थर फेंके गए थे। ठोस सबूत होने पर दिखाएं। अन्यथा, मीडिया ट्रायल नहीं होना चाहिए।'
आणंद जिले की पुलिस ने बुधवार को कहा था कि रामनवमी पर खंभात शहर में सांप्रदायिक हिंसा शहर में मुस्लिम समुदाय का प्रभुत्व कायम करने के लिए 'स्लीपर मॉड्यूल' द्वारा रची गई एक 'सुनियोजित साजिश' थी। हिंसा की साजिश रचने में संलिप्तता के आरोप में पुलिस पहले ही 11 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है।
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