Poisonous Desi Liquor: गुजरात में पुलिस आंकड़े के मुताबिक, अब तक 57 लोगों की मौत हो गई है। अभी 88 लोग भावनगर और अहमदाबाद के हॉस्पिटल में भर्ती है, इनमे लगभग 11 लोगों की स्तिथि नाजुक बताई जा रही है। भावनगर जिले के रोजिद गांव में अकेले 12 लोगों की मौत हो गई है। भावनगर में स्थिति बद से बदतर होती जा रही है। कई घर बेघर हो गए हैं। गांव में मातम पसरा हुआ है। वही लोकल प्रशासन बताया कि ये संख्या बढ़ सकती है।
प्रशासन क्या कर रही है?
जहरीली शराब कांड से स्थानीय प्रशासन के बीच तहलका मच गया है। प्रदेश में पूरी तरह से शराब प्रतिबंधित है इसके बावजूद कैसे लोगों को शराब मिल रही है यह सबसे बड़ी सवाल है? स्थानीय लोगों का आरोप है कि गुजरात में शराब सिर्फ कागजों में बंद लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और बयां करती हैं। भावनगर जहरीली कांड को लेकर प्रशासन ने अब तक 8 लोगों को गिरफ्तार किया है। वहीं इस मामले में तीन नामजद एफआईआर (FIR) भी दर्ज किए गए हैं। प्रशासन महकमे में खलबली के बाद अवैध शराब पर रोक लगाने के लिए अभियान शुरू कर दी है। वहीं गृह मंत्रालय के तरफ से एक टीम भी गठित की गई है। आईपीएस सुभाष त्रिवेदी और डीआईजी निर्लिप्त राय इस पूरे मामले की जांच करेंगे।
देसी शराब कैसे जहरीली रुप लेती है?
जहरीली शराब बनाने की वैसे तो कोई प्रक्रिया नहीं है लेकिन देसी शराब या कच्ची शराब बनाते समय कुछ चीजों की अत्यधिक प्रयोग करने के कारण से देसी शराब जहरीली शराब के रूप में बन जाती है। देसी शराब कैसे बनाई जाती है और किस वजह से ये जहरीली शराब का रूप लेता है, आप जानकर दंग रह जाएंगे। देसी शराब बनाने के लिए मुख्य तौर पर खजूर या गन्ने की रस और महुआ के फूल, चीनी, जौ, मकई, खराब संतरे और सड़े हुए अंगूर, आलू इत्यादि प्रयोग किया जाता है, ये सभी स्टार्च वाली प्रोडक्ट है, इन चीजों का सबसे पहले इनमें इस्ट मिलाकर फॉर्मेटेशन किया जाता है। सरल भाषा में फर्मेंटेशन का मतलब है कि रासायनिक प्रक्रिया से किसी पदार्थ को किसी नए पदार्थ में शक्ल देना। फर्मेंटेशन के बाद इन सभी चीजों को पूरी तरह से सड़ाया जाता है और सर आने के लिए ऑक्सीटॉसिन जैसे केमिकल प्रयोग किए जाते हैं। इन सभी प्रोसेस के बाद मिट्टी के भीतर गाड़कर भट्टी पर चढ़ाया जाता है, और भट्टी से निकलने वाले भापों से शराब बनाई जाती है। अब तक ये देसी शराब के शक्ल में है लेकिन अब जो मैं आपको बताने जा रहा हूं यहीं से देसी शराब जहरीली शराब बन जाता है। देसी शराब को अत्यधिक नशीला बनाने के लिए इसमें मेथनॉल, ऑक्सीटॉसिन और यूरिया मिलाया जाता है, जिसके बाद देसी शराब का रूप जहरीली शराब में बदल जाता है।
कैसे जान लेने के लिए तैयार होती है जहरीली शराब?
देसी शराब बनाने की प्रक्रिया के दौरान अत्यधिक यूरिया और ऑक्सीटॉसिन से देसी शराब मेथिल अल्कोहल बन जाता है जो कि इंसानों के लिए जानलेवा साबित होता है। अब आपके मन सवाल उठ रहा होगा कि ये मेथिल अल्कोहल क्या होता है? आपको आसान भाषा में बताते हैं। मिथाइल अल्कोहल, मेथिल अल्कोहल और मेथनॉल ये तीनो एक ही नाम है। इस केमिकल को अल्कोहल ग्रुप का पहला सदस्य भी माना जाता है। इसे कास्ट स्प्रिट भी कहा जाता है। इंसान जब इसकी सेवन करता है तो ये केमिकल सीधे शरीर के अंगों पर हमला करती है जिसके बाद बॉडी का मूवमेंट बंद हो जाता है और इंसान फिर मौत का शिकार हो जाता है
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